राहुल गांधी के सितारे इस वक्त क्या कह रहे हैं? जीत होगी या संघर्ष बढ़ जाएगा?

Webdunia
Rahul gandhi kundli Astrology : राहुल गांधी का जन्म 19 जून, 1970 को भारत के राजनीतिक रूप से सबसे ताकतवर परिवार गांधी परिवार में हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के पुत्र और श्रीमती इंदिरा गांधी के पोते राहुल अपने माता-पिता की दो संतानों में बड़े हैं और प्रियंका गांधी वढेरा के बड़े भाई हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी वर्तमान में अपनी पार्टी की खोई ही ताकत को पुन: प्राप्त करने में लगे हैं और अब देखना है कि आगे क्या होगा।
 
राहुल गांधी की उपलब्ध कुंडली के अनुसार उनकी राशि वृश्चिक बताई जा रही है। इसके अनुसार दूसरे भाव में राहु, चौथे भाव में शनि, पांचवें में बुध, छठे में सूर्य और शनि, सातवें भी शुक्र, आठवें में केतु, दशम भाव में गुरु और ग्यारहवें भाव में चंद्र है। इस मान से....
 
राहुल गांधी की कुंडली मकर लग्न की है जिसके अधिपती शनि हैं। शनि सत्ता का कारक होता है। राहुल गांधी की जन्म पत्रिका में शनि लग्नेश होने के कारण अति महत्वपूर्ण ग्रह है। राहुल गांधी की राशि वृश्चिक है जिसके अधिपति मंगल हैं। राहुल गांधी की जन्म पत्रिका में शनि केंद्र में नीच राशिस्थ होकर विराजमान है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अपने जीवन में अतिशय संघर्ष व परिश्रम के बाद ही सफलता प्राप्त होने की संभावना है।
 
यहां शनि की उच्च दृष्टि कर्मक्षेत्र पर है, जो कि शुभ है। राहुल गांधी की कुंडली में कर्मक्षेत्र का कारक शुक्र शत्रुक्षेत्री है। इसके परिणामस्वरूप उन्हें सत्ता प्राप्ति में अवरोध व विलंब होगा। वहीं सप्तम स्थान में अकेला शुक्र व नीच राशिस्थ सप्तमेश उन्हें दांपत्य सुख से वंचित कर रहा है। द्वितीय स्थान में राहु उन्हें पारिवारिक सुख प्राप्त करने में बाधक है और यह वाणी को खराब भी करता है। चतुर्थेश मंगल 6ठे भाव गत होने के कारण उन्हें जनमानस में लोकप्रियता के साथ ही छवि खराब करने का काम भी कर रहा है। सप्तमेश के नीच राशिगत होने के कारण उन्हें साझेदारी एवं गठबंधन से लाभ नहीं होगा। इसलिए उन्हें अकेले ही अपना रास्ता तय करना होगा। 
 
ग्रह गोचर के अनुसार राहुल गांधी की कुंडली में फिलहाल मंगल की दशा में राहु का प्रत्यंतर चल रहा है और लाल किताब के अनुसार गुरु की दशा चल रही है। वर्तमान की गोचर कुंडली में भाग्य स्थान पर मेष राशि में गुरु चांडाल का योग है जो 30 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद उनके संघर्ष के दिनों में बदलाव आएगा। पहले की अपेक्षा अब वे अच्छा महसूस करेंगे और कुछ नया करने का अवसर मिलेगा। चंद्र और सूर्य की ग्यारहवें भाव में जो युति बनी है वह आर्थिक और राजनीतिक रूप से उन्हें और मजबूत करेगी। बारहवें भाव में मंगल और शुक्र की युति से उन्हें लाभ होगा।
 
अन्य ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार राहु की महादशा में गुरु की अंतर्दशा चल रही है। गुरु चित्रा नक्षत्र में है। इसके बाद अप्रैल मई 2024 से शनि की अंतर्दशा शुरू होने वाली है। शनि मेष राशि में है और भरणी नक्षत्र में है, शनि नीच का हो कर सप्तम भाव में है। जो की दिशाबल का योग बनाता है। इसका अर्थ यह है कि राहुल गांधी 2024 में कुछ नया करने वाले हैं। 
 
उपरोक्त ग्रह नक्षत्रों की चाल के चलते वे सत्ता के बहुत करीब रहेंगे या संपूर्ण विपक्ष को उनके उपर निर्भर रहना होगा, क्योंकि आने वाले समय में उनके नेतृत्व में उनकी पार्टी बहुत अच्‍छा प्रदर्शन कर सकती है। समाज के निचले तबके से वह जुड़ने में कामयाब होंगे और सत्ता पक्ष को परेशानी में डाल सकते हैं। कुल मिलाकर आने वाला समय उनके लिए बेहतर होगा।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

krishna janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर कैसे करें भगवान कृष्ण का ध्यान, जानें पूजा विधि एवं मंत्र

Hartalika Teej 2024 Date: हरतालिका तीज 2024 मुहूर्त टाइम, व्रत, अनुष्‍ठान विधि

कब है दीपावली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर 2024?

krishna janmashtami 2024: श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2024 पर क्या है निशीथ पूजा का मुहूर्त?

Hartalika teej 2024: हरतालिका तीज व्रत पर रात्रि पूजा का समय क्या है?

सभी देखें

नवीनतम

24 अगस्त 2024 : आपका जन्मदिन

24 अगस्त 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Budh uday : बुध का कर्क राशि में उदय, 3 राशियों के लिए है बेहद ही शुभ

Janmashtami Decoration Ideas : जन्माष्टमी पर कैसे कैसे सजाएं झांकी

Ganesh chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी उत्सव पर क्या है गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त?

अगला लेख
More