दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार से पूर्व 21 अक्टूबर 2019, सोमवार को पुष्य नक्षत्र आ रहा है, जो 22 अक्टूबर दोपहर तक जारी रहेगा। इस मुहूर्त में बही खाते, प्रॉपर्टी, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तु, सोना-चांदी, बर्तन, कपड़ा, वाहन की जमकर खरीदी होगी।
कार्तिक माह लक्ष्मीपति का प्रिय मास है। इसमें आने वाले नक्षत्र के राजा पुष्य जिनका संबंध संपत्ति से है, ये भौतिकीय वस्तु व सांसारिक सिद्धि के स्वामी हैं।
इस नक्षत्र काल में किया गया निवेश स्थायी व लाभकारी रहता है। भवन, भूमि, रत्न, आभूषण, स्वर्ण-रजत की वस्तुएं, सुख के साधन जैसे इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं क्रय करने से उसकी राशि की शीघ्र पूर्ति होती है एवं उसका पूर्ण लाभ भी मिलता है।
पुष्य नक्षत्र में बहुमूल्य सामग्री के साथ भूमि-भवन व सुखोपयोगी वस्तुओं को घर लाना श्रेष्ठ होता है। इस नक्षत्र में विवाहादि संस्कार वर्जित हैं क्योंकि इसका फल आदर्श परिणामदायी नहीं रहता है। जब निवेश के भविष्य के विषय में अनभिज्ञता हो तो पुष्य नक्षत्र के विश्वास पर कार्य करके कोई भी जन निश्चिंत रह सकता है। इस नक्षत्र में यदि सहन करने योग्य जोखिम भी ली जाए तो भी शुभ परिणामदायी रहेगी।
इसमें जो भी कार्य करें उसमें आपकी शुद्धता, पवित्रता जितनी अधिक होगी, भविष्य का लाभ भी उतना ही अधिक होगा। इस नक्षत्र की खरीदी एक प्रकार की उपासना है। इसे हमेशा याद रखना चाहिए। क्रय की हुई वस्तु भी विक्रेता के यहां से सीधे अपने घर या कार्यालय पर ही लाना अनुकूलतादायक रहता है।
पुष्य नक्षत्र में कैसे करें खरीदारी?
1. खरीदारी तनावमुक्त होकर प्रसन्नता से करें।
2. खरीदी कर अपने अधिकार के स्थान पर आएं।
3. लाभ-हानि के दीर्घावधि नतीजों को ध्यान में रखें।
4. सभी विकल्पों पर अच्छी तरह विचार कर लें।
पुष्य नक्षत्र जीवन की खुशियां समेटने का शुभ मुहूर्त है। इस दिन बहीखाते खरीदकर मंगल शुरुआत करनी चाहिए। पुष्य नक्षत्र में शुभ दिन व शुभ मुहूर्त में बाजार में शुभ खरीदी-बिक्री करने के लिए अतिशुभ है। इस दिन कोई सोना-चांदी की बहुमूल्य धातु खरीदकर घर में शुभलक्ष्मी लाएगा तो किसी के आशियाने में नई गाड़ी चार चांद लगाएगी।