पूर्णिमा के दिन समुद्र में क्यों उत्पन्न होता है ज्वार-भाटा, पढ़ें रोचक जानकारी

Webdunia
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहते है। वर्ष में ऐसे कई महत्वपूर्ण दिन और रात हैं जिनका धरती और मानव मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनमें से ही सबसे महत्वपूर्ण दिन है पूर्णिमा। आइए जानें क्या होता है पूर्णिमा के दिन : 
 
चांद का धरती के जल से संबंध है। जब पूर्णिमा आती है तो समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है, क्योंकि चंद्रमा समुद्र के जल को ऊपर की ओर खींचता है। मानव के शरीर में भी लगभग 85 प्रतिशत जल रहता है। पूर्णिमा के दिन इस जल की गति और गुण बदल जाते हैं। 
 
वैज्ञानिकों के अनुसार इस दिन चन्द्रमा का प्रभाव काफी तेज होता है इन कारणों से शरीर के अंदर रक्‍त में न्यूरॉन सेल्स क्रियाशील हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में इंसान ज्यादा उत्तेजित या भावुक रहता है। एक बार नहीं, प्रत्येक पूर्णिमा को ऐसा होता रहता है तो व्यक्ति का भविष्य भी उसी अनुसार बनता और बिगड़ता रहता है। पूर्णिमा की रात मन ज्यादा बेचैन रहता है और नींद कम ही आती है। 
 
कमजोर दिमाग वाले लोगों के मन में आत्महत्या या हत्या करने के विचार बढ़ जाते हैं। जिन्हें मंदाग्नि रोग होता है या जिनके पेट में चय-उपचय की क्रिया शिथिल होती है, तब अक्सर सुनने में आता है कि ऐसे व्यक्‍ति भोजन करने के बाद नशा जैसा महसूस करते हैं और नशे में न्यूरॉन सेल्स शिथिल हो जाते हैं जिससे दिमाग का नियंत्रण शरीर पर कम, भावनाओं पर ज्यादा केंद्रित हो जाता है। 
 
ऐसे व्यक्‍तियों पर चन्द्रमा का प्रभाव गलत दिशा लेने लगता है। इस कारण पूर्णिमा व्रत का पालन रखने की सलाह दी जाती है। पूर्णिमा और अमावस्या के प्रति बहुत से लोगों में डर है। इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं। जानकार लोग तो यह कहते हैं कि चौदस, पूर्णिमा और प्रतिपदा उक्त 3 दिन पवित्र बने रहने में ही भलाई है। 

सम्बंधित जानकारी

वट सावित्री व्रत दो बार क्यों मनाया जाता है?

राशिनुसार विशेष उपाय: शनि जयंती पर पाएं भाग्य का साथ

प्रेमानंद महाराज ने गृहस्थ जीवन से पहले जीवनसाथी से कौन से सवाल पूछने की दी सलाह

वर्ष 2026 का भविष्यफल, जानिए क्या होने वाला है?

क्यों चर्चा में है पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिन्दुओं का पवित्र शक्तिपीठ हिंगलाज माता मंदिर, जानिए पौराणिक महत्त्व

Aaj Ka Rashifal: 25 मई का दैनिक राशिफल, जानें आपके लिए क्या है आज के दिन के संकेत

25 मई 2025 : आपका जन्मदिन

25 मई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

आल्हा ऊदल ने क्यों लड़ा था पृथ्‍वीराज चौहान से युद्ध?

Weekly Horoscope 26 May To 01 June: इस सप्ताह किस राशि के चमकेंगे सितारे, जानें 12 राशियों का साप्ताहिक भविष्‍यफल

अगला लेख