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क्या पोप फ्रांसिस को लेकर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी सच साबित हुई, सच में शुरू होने वाला है भयानक समय?

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WD Feature Desk

, सोमवार, 21 अप्रैल 2025 (17:41 IST)
pope francis and nostradamus: 21 अप्रैल 2025 को रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म के सबसे बड़े धार्मिक नेता पोप फ्रांसिस का निधन हो गया। उनके निधन के बाद से ही अब सोशल मीडिया पर उनको लेकर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी वायरल होने लगी है। बताया जा रहा है कि नास्त्रेदमस ने इन पोप के सर्वोच्च पद पर बैठने और निधन की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी।ALSO READ: Pope Francis : ब्यूनस आयर्स से रोम तक, पोप फ्रांसिस के जीवन की प्रमुख घटनाएं
 
वायरल भविष्‍यवाणी में बताया जा रहा है कि नास्त्रेदमस ने पोप को लेकर कहा था कि वेटिकन सिटी के वृद्ध पोप की मौत के बाद एक युवा रोमन नागरिक का पोप के पद पर बैठाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि यह युवा रोमन कैथोलिक धर्मगुरु लंबे समय तक पोप के पद पर काबिज रहेंगे। हालांकि, इनके द्वारा कई गलत फैसले लिए जाएंगे, जिसके कारण लोगों में इन्हें कम पसंद किया जाएगा। 

नास्त्रेदमस ने एक भविष्यवाणी की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था, "एक बहुत बूढ़े पोप की मौत के बाद एक कम उम्र का रोमन (पद के लिए) चुना जाएगा. लोग कहेंगे कि वह अपनी गद्दी को कमजोर कर रहा है, लेकिन वह आगे बढ़ता रहेगा।'' "पवित्र रोमन चर्च के अंतिम उत्पीड़न के दौरान एक रोमन पीटर गद्दी पर बैठेगा, जो कई संघर्षों में अपनी लोगों को शामिल करेगा और जब यह सब खत्म होगा तो सात पहाड़ियों वाला शहर नष्ट हो जाएगा और भयानक न्यायाधीश अपने लोगों का न्याय करेगा।"

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नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की किताब सेंचुरी में लिखा है कि 'एक देश में जनक्रांति से नया नेता सत्ता संभालेगा। नया पोप दूसरे देश में बैठेगा।  मंगोल (चीन) चर्च के खिलाफ युद्ध छेड़ेगा। नया धर्म (इस्लाम) चर्च के खिलाफ भारी मारकाट करते हुए इटली और फ्रांस तक जा पहुंचेगा तब तृतीय युद्ध शुरू होगा।ALSO READ: रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च पोप फ्रांसिस का जीवन परिचय
 
'27 अक्टूबर 2025 को मेष के प्रभाव में तीसरी किस्म की जलवायु आएगी, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बनेगा। युद्ध, मौतें, नुकसान और ईसाइयों की शर्म के हालात बनेंगे। -(3/77 सेंचुरी)। 
 
'साम्प्रदायिकता और श‍त्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (6-10)। '17 साल के भीतर 5 पोप बदले जाएंगे तब एक नया धर्म आएगा।' -5-96।
 
'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70)
 
'एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।' (x-75) 'सागरों के नाम वाला धर्म (हिंदू) चांद पर निर्भर रहने वालों (मु्स्लिम) के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे, 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग।' (x-96)

नास्त्रेदमस कौन थे?
फ्रांस में 14 दिसंबर, 1503 को जन्मे नास्त्रेदमस ने अपनी पुस्तक में 12 सेंचुरिज यानी बारह सौ चतुष्पदियां लिखी हैं। उनमें से अब मात्र 955 अस्तित्व में हैं। इनमें से लगभग 3 हजार भविष्य कथनों का वर्णन है। गत 50 वर्षों में उनकी 800 भविष्यवाणियां सत्य की कसौटी पर सही उतरी हैं। सेंचुरीज में सन् 3797 तक के समयकाल की भविष्यवाणियां की गई हैं। फ्रांस के मेस बाबहम ने 4 मई 1555 को फ्रांसीसी भाषा में नास्त्रेदमस की पुस्तक का प्रकाशन किया था। पुस्तक की प्रकाशन पूर्व इतनी ख्याति हो चुकी थी कि प्रकाशन दिनांक को लंबी कतारें उसके खरीददारों की लगी थीं और पुस्तक का प्रथम संस्करण एक ही दिन में समाप्त हो गया था।
 
नास्त्रेदमस ने अपनी सेंचुरीज के बारे में बताते हुए लिखा था, जो कुछ मैं कह रहा हूं, आने वाला समय बताएगा कि मैं सही था। मैंने जनहित में अपने भविष्य कथनों को उलझे हुए वाक्यों में लिखा है, जिससे प्रभु इच्छा होने पर लोगों को समझ में आ जाए। मैंने यह दैवी प्रेरणा से प्राप्त किया है। विश्व अनेक त्रासदियों को झेलने वाला है, जैसा कि मैंने अपनी भविष्यवाणियों में स्थान एवं समय को गुप्त रखकर प्रतीकों के द्वारा स्पष्ट किया है। सन् 1566 में नास्त्रेदमस की मृत्यु हुई थी।
 
सोर्स : अशोक कुमार शर्मा की पुस्तक नास्त्रेदमस की संपूर्ण भविष्यवाणियां (डायमंड पाकेट बुक्स)

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