चल रहा है पंचक, 16 जुलाई तक बचें इन बातों से....

Webdunia
* पंचक में 5 दिनों तक रहें सावधान, शुभ कार्यों से बचें... 
 
भारतीय ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक  नक्षत्रों का योग माना जाता है। बुधवार, 12 जुलाई 2017 को सुबह 9.13 मिनट से पंचक  शुरू हो गया, यह पंचक काल 16 जुलाई, रविवार को रात्रि 9.16 मिनट तक जारी रहेगा। माना जाता है कि इन दिनों में कुछ कार्य विशेष नहीं किए जाते हैं। 
 
कहा जाता है कि पंचक चन्द्रमा की स्थिति पर आधारित गणना है। जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर रहता है, उस समय को 'पंचक' कहते हैं। 
 
पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। इन्हीं नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को 'पंचक' कहा जाता है। माना जाता है कि  इन दिनों में कुछ कार्य विशेष नहीं किए जाते हैं, जैसे यात्रा, व्यापार, लेन-देन, नया कार्य आदि...। 

ALSO READ: जुलाई माह के कार्य-सिद्धि योग जानिए
 
ज्योतिष शास्त्र में इस घड़ी को सबसे अशुभ मुहूर्तों में गिना जाता है इसलिए इन 5 दिनों  की अवधि में किया गया कोई भी कार्य अशुभ कार्य के समान माना जाता है, अत: इन  दिनों में कोई भी कार्य करने से पहले नक्षत्रों पर ध्यान देना उचित रहेगा। 
 
पंचक को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं, जैसे कि पंचक में पलंग बनवाना बड़े संकट को न्योता देना है। इस दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। जब रेवती नक्षत्र चल  रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनवाना चाहिए। जिस समय धनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित नहीं करना चाहिए। 

ALSO READ: जुलाई 2017 के विशेष नक्षत्र योग, पंचक और मूल की तिथियां, जानिए...
 
जो सबसे ज्यादा प्रचलित मान्यता है वो यह है कि पंचक में किसी की मृत्यु होने से और पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से उस कुटुंब या निकटजनों में 5 मृत्यु और हो  जाती है। इस स्थिति से बचने के लिए शव के साथ 5 पुतले आटे या कुश (एक प्रकार की घास) से बनाकर अर्थी पर रखे जाते हैं और इन पांचों का भी शव की तरह पूर्ण  विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया जाए तो पंचक दोष समाप्त हो जाता है।
 
Show comments

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Akshay Amla Navami 2024: अक्षय नवमी कब है? जानें पौराणिक महत्व

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी की 3 पौराणिक कथाएं

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह पूजा की विधि स्टेप बाय स्टेप में, 25 काम की बातें भी जानिए

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: 11 नवंबर का दिन किन राशियों के लिए रहेगा शानदार, पढ़ें 12 राशियां

11 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

11 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 10 नवंबर का राशिफल

अगला लेख
More