इस माह की कुंडली को ज्योतिष की नजर से देखें तो पश्चिम के देशों में कष्ट व आपसी झगड़े होंगे। पूर्व व उत्तर के देशों में सुख शांति रहेगी एवं प्रजा सुखी रहेगी, दक्षिण के देशों में युद्ध व अशांति का योग बन रहा है। विशेषकर भारत को ज्योतिष नजर से देखें तो राजनीति में उथल-पुथल रहेगी। उच्च अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारियों पर कष्ट रहेगा।
2 अक्टूबर से बुध का चित्रा नक्षत्र में होने से रुई, चांदी में घटा-बढ़ी होकर तेजी एवं अनाज में भी कुछ तेजी रहेगी। 6 अक्टूबर को गजच्छाया योग दोपहर 2 बजकर 28 मिनट से शाम 4 बजकर 23 मिनट रहेगा, इस दौरान श्राद्ध करने से महाफल की प्राप्ति होगी।
बुध का तुला राशि पर आने से एवं शुक्र वक्री होने से धान्य रसादि पदार्थों में मंदी आएगी। चांदी, सरसों, मूंगफली में मंदी एवं रुई, गुड़, शक्कर, सोना में तेजी आएगी। 8 अक्टूबर को रुई का भाव मंदा रहेगा। 9 अक्टूबर, मंगलवार को अमावस्या होने से चांदी एवं अलसी में घटा-बढ़ी रहेगी तथा अनाज के भाव में तेजी रहेगी।
इस मास में 5 बुधवार आने से वर्षा कहीं कम कहीं अधिक होगी, इसके प्रभाव से चांदी, रुई में घटा-बढ़ी होकर तेजी आएगी। घी, गुड़, शकर, तिल, तेल में तेजी आएगी। 10 अक्टूबर, बुधवार चंद्रदर्शन एवं बुध स्वाति में होने से चांदी, सोना, रुई, सूत,वस्त्र, बारदान, गुड़, शक्कर में मंदी एवं घी में तेजी रहेगी।
11 अक्टूबर से सूर्य चित्रा नक्षत्र में एवं गुरु वृश्चिक राशि में आने से सोना, चांदी, कपास, तांबा, घृत, तेल, सुपारी, सरसों, गुड़, शकर, नमक, नारियल, उड़द, गेहूं, चना, तिल, केसर एवं लाल कपड़ों में तेजी आएगी।
13 अक्टूबर को शुक्र पश्चिम में अस्त हो रहा है परिणामस्वरूप सोना, चांदी, गुड़, शकर, सूत, कपड़ा, घी, तेल, अलसी, मूंगफली में मंदी एवं रुई में तेजी रहेगी।
18 अक्टूबर से सूर्य तुला राशि में आएगा इससे रुई, चांदी में मंदी एवं गेहूं, जौ, चना, अलसी, सोना, तांबा, लाल-चंदन, नारियल, सुपारी में कुछ तेजी आएगी।
24 अक्टूबर को सूर्य स्वाति नक्षत्र में आएगा जिसके परिणामस्वरूप रुई, सूत, सन, रेशम, सोना, चांदी, गुड़, शकर, सुपारी, मिर्च, अलसी, सरसों, राई, हींग एवं गूगल में तेजी आएगी।
इस माह में मौसम में परिवर्तन दिखाई देगा, पहाड़ी इलाकों में तेज गर्मी रहेगी। मैदानी क्षेत्रों में भी तापमान तेज रहेगा, इस माह कहीं तेज व कहीं कम वर्षा होगी।