Number 13 and its Mystery : क्या आप भी 13 नंबर से डरते हैं? ये 14 बातें जरूर पढ़ें

Webdunia
सुमित रोहरा
 
अंकों में 13 नंबर को अशुभ या मनहूस समझा जाता है लेकिन क्या कभी आपने इसका कारण जानने की कोशिश की है? आइए आज इन 14 बातों से जानें 13 के अंक का रहस्य ...   
 
1.पश्चिमी देशों में आपको 13 का अच्छा खासा डर देखने को मिलेगा। होटलों में तेरह नंबर का कमरा नहीं होता, बारह नंबर के कमरे के बाद चौदह नंबर का आता है। होता तो वह तेरहवां ही है, लेकिन जो ठहरता है उसको नंबर चौदह याद रहता है। 
 
2.‍विदेशी पत्रिकाओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 तारीख को इसलिए अशुभ माना जाता है क्योंकि एकबार यीशु मसीह के साथ एक ऐसे शख्स ने विश्वासघात किया था जो उन्ही के साथ रात्रिभोज कर रहा था। वह शख्स 13 नंबर की कुर्सी पर बैठा हुआ था। बस तभी से लोगों ने इस अंक को दुर्भाग्यपूर्ण समझ लिया और उसके बाद से इस नंबर से दूर भागने लगे। 
 
3.मनोविज्ञान ने 13 अंक के इस डर को ट्रिस्काइडेकाफोबिया या थर्टीन डिजिट फोबिया नाम दिया है। डर इस हद तक बढ़ गया कि इसकी वजह से लोगों ने 13 नंबर का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया। तेरह की संख्या सबसे पहले चीन में अशुभ मानी गई और फिर धीरे-धीरे सारी दुनिया में, तेरह का आंकड़ा अपशकुन हो गया। वह चीन से ही फैला। पश्चिम में जहां तेरह का आंकड़ा अपशकुन है उनको पता भी नहीं कि क्यों अपशकुन है।
 
4. आपको किसी होटल में ठहरते वक्त 13 नंबर का कोई रूम या किसी इमारतम में 13वीं मंजिल न नजर आए तो समझ जाना होटल का मालिक 13 नंबर को अशुभ मानता है। आपको बहुत से लोग ऐसे भी दिख सकते हैं जो किसी होटल में 13 नंबर के रूम को लेना बिल्कुल पसंद नहीं करते। इसके अलावा आपको किसी बार या रेस्टोरेंट में 13 नंबर की खाने की टेबल नहीं दिखाई देगी। वहीं बात करें फ्रांस की तो यहां के लोगों का मानना है कि खाने की मेज पर 13 कुर्सियां होना अच्छा नहीं है।
 
5.13 नंबर का यह डर न सिर्फ पश्चिमी देशों पर बल्कि भारत के लोगों पर भी सवार है। यहां भी बहुत से लोग इस अंक को अशुभ मानते हैं। 
 
6. चंडीगढ़ देश का सबसे सुनियोजित शहर माना जाता है। इस शहर में सेक्टर 13 नहीं है। दरअसल, इस शहर का नक्शा बनाने वाले आर्किटेक्ट ने 13 नंबर का सेक्टर ही नहीं बनाया। वह 13 नंबर को अशुभ मानता था। इस आर्किटेक्ट को इस शहर को डिजाइन करने के लिए विदेश से बुलवाया गया था। 
 
7. अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से भी 13 का गहरा संबंध रहा है। उनकी सरकार पहली बार महज 13 दिन ही स्थिर रह सकी। इसके बाद फिर जब वाजपेयी के सामने दोबारा शपथ ग्रहण का मौका आया तो उन्होंने 13 तारीख को चुना। इसके बाद उनकी यह सरकार भी सिर्फ 13 महीने तक ही चली। पुन: वाजपेयी ने 13वीं लोकसभा के प्रधानमंत्री के रूप में, 13 दलों के सहयोग से 13 तारीख को ही शपथ ली, लेकिन फिर 13 को ही हार का सामना करना पड़ा। कई लोग इसे महज संयोग नहीं मानते। इटली के कई ओपरा हाउस में 13 नंबर के इस्तेमाल से बचा जाता है। 
 
8.विदेशों में शुक्रवार की 13 तारीख को लोग अपने घरों से बाहर तक निकलना पसंद नहीं करते। और तो और यहां हॉस्टल या घर लेते समय लोग 13 नंबर लेने से बुरी तरह झिझकते हैं। उनके दिमाग में इस बात का डर बैठा रहता है कि कहीं कुछ अशुभ न हो जाए। इसलिए वो कई बार अच्छी प्रॉपर्टी का सौदा तक छोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। अब आप इस खौफ को समझ सकते हैं।  
 
9.13 नंबर न्यूमरोलॉजी के हिसाब से शुभ नहीं समझा जाता। इसकी वजह 12 नंबर है। दरअसल, न्यूमरोलॉजी में 12 नंबर को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है और इसमें एक और नंबर जोड़ना यानि बुरे भाग्य का प्रतीक माना जा सकता है। इसलिए 13 नंबर को अशुभ समझा जाता है। प्राचीन सभ्यताओं में भी बारह के साथ कई गणितीय व्यवस्थाएं बनाई गई हैं।
 
10. जैसे हमारे कैलेंडर में 12 महीने और दिन 12-12 घंटों के समय में बंटा हुआ है। परफेक्ट अंक का निकटतम पड़ोसी होने के बावजूद 13 एक अविभाज्य और अपरिमेय संख्या (जिसे दो संख्याओं के अनुपात में न दिखाया जा सके) है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि कम उपयोगी होने के कारण ही धीरे-धीरे इसे अशुभ समझा जाने लगा हो। 
 
11.  जैन धर्म में भी आचार-विचार एवं व्यवहार की शिथिलता बढ़ने लगी तो आचार्य भिक्षु ने तेरह साधु एवं तेरह श्रावकों के साथ तेरापंथ की स्थापना की। प्रारंभ में इन्हे भी विरोधियों का सामना करना प़डा लेकिन वर्तमान में तेरापंथ, जैन धर्म संप्रदाय के रूप में विख्यात है।
 
12. भारत में हमारे सिख मित्रों ने नंबर 13 को बहुत ही शुभ माना है क्योंकि गुरु नानक देव ने कहा था कि तेरा ही तेरा। लेकिन तेरा ही तेरा और 13 ही 13 में फर्क है। उन्होंने कुछ और कहा था, आपने कुछ और समझ लिया। उनके कहने का अर्थ था कि सब कुछ तेरा ही तेरा है। हमारा कुछ भी नहीं। लेकिन इस बात का 13 नंबर से कोई संबंध नहीं। 
 
13.  आदमी के शरीर में नौ छेद हैं; उन्हीं नौ छेदों से जीवन प्रवेश करता है। और उन्हीं नौ छेदों से जीवन बाहर जाता है। और चार अंग हैं। सब मिला कर तेरह। दो आंखें, दो नाक के स्वर, मुंह, दो कान, जननेंद्रिय, गुदा, ये नौ तो छिद्र है और चार--दो हाथ और दो पैर। ये तेरह जीवन के भी साथी हैं और यही तेरह मृत्यु के भी साथी हैं। और यही तेरह तुम्हें जीवन में लाते हैं और यही तेरह तुम्हें जीवन से बाहर ले जाते हैं।
 
14. आप 13 के अंक से खेलना शुरू करें और कुछ दृढ़ निश्चय एवं लक्ष्य रखकर, अंतिम क्षण तक संघर्ष करें, आपकी जीत सुनिश्चित है। इसलिए ज्यादातर लोगों का मानना है कि यह तथ्य मिथ्या है और इसमें कोई दम नहीं है। 13 नंबर के अशुभ होने को लेकर कई लोगों का कहना है कि ये सिर्फ अंधविश्वास है क्योंकि इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। 

(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण वेबदुनिया के नहीं हैं और वेबदुनिया इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी पर इस बार जानिए पितृदोष से मुक्ति के 5 अचूक उपाय

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह पूजा की विधि स्टेप बाय स्टेप में, 25 काम की बातें भी जानिए

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

Tulsi vivah Muhurt: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त क्या है, जानें विधि और मंत्र

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर क्यों करते हैं दीपदान, जानिए इसके 12 फायदे

सभी देखें

नवीनतम

ज्योतिष की नजर में क्यों हैं 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Akshay Amla Navami 2024: अक्षय नवमी कब है? जानें पौराणिक महत्व

Amla Navami 2024: कैसे की जाती है आंवला नवमी पर पूजा?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

Aaj Ka Rashifal: 08 नवंबर का दैनिक राशिफल, कैसा गुजरेगा आज आपका दिन, पढ़ें 12 राशियां

अगला लेख
More