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पाक्षिक पंचांग : 19 नवंबर को मनेगी श्री काल भैरवाष्टमी

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पं. हेमन्त रिछारिया

'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक-पंचांग' श्रंखला में प्रस्तुत है मार्गशीर्ष (अगहन) कृष्ण पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
 
'पाक्षिक-पंचांग': मार्गशीर्ष (अगहन) कृष्ण पक्ष
 
संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076 शक संवत् :1941
माह-मार्गशीर्ष (अगहन)
पक्ष-कृष्ण पक्ष (13 नवंबर से 26 नवंबर तक)
ऋतु: हेमंत
रवि: दक्षिणायणे
गुरू तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप 
सर्वार्थ सिद्धि योग- 13 नवंबर, 17 नवंबर, 19 नवंबर, 26 नवंबर
अमृतसिद्धि योग-अनुपस्थित
द्विपुष्कर योग- 23 नवंबर  
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित 
रविपुष्य योग- 17 नवंबर
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 23 नवंबर (उत्पन्ना एकादशी व्रत)
प्रदोष- 24 नवंबर
भद्रा- 15 नवंबर (उदय-अस्त), 18 नवंबर (उदय-अस्त), 21 नवंबर (उदय)- 22 नवंबर (अस्त), 24 नवंबर (उदय)- 25 नवंबर (अस्त)
पंचक: अनुपस्थित
मूल- 18 नवंबर को प्रारंभ- 20 नवंबर को समाप्त
अमावस्या- 26 नवंबर (भौमवती अमावस्या)
ग्रहाचार: सूर्य-वृश्चिक, चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-तुला, बुध- तुला राशि में (20 नवंबर से मार्गीगति होकर 5 दिसंबर से वृश्चिक राशि में), गुरु-धनु, शुक्र-वृश्चिक (21 नवंबर से धनु राशि में), शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु- धनु।
व्रत/त्योहार: 15 नवंबर- श्री गणेश चतुर्थी व्रत (चंद्रोदय रात्रि 8 बजकर 03 मि.),
19 नवंबर- श्री काल भैरवाष्टमी, 25 नवंबर- मास शिवरात्रि, 26 नवंबर- भौमवती अमावस्या।
 
(निवेदन- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
 
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया 
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र 
 

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