Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Navtapa 2019 : नौतपा क्या है, 9 दिनों में क्यों पड़ती है भयानक गर्मी

हमें फॉलो करें Navtapa 2019 : नौतपा क्या है, 9 दिनों में क्यों पड़ती है भयानक गर्मी
मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कम हो जाती है और इससे धूप और तेज हो जाती है।
 
रोहिणी नक्षत्र से नौतपा भी शुरू हो जाएगा। रोहिणी नक्षत्र 25 मई को शुरू होगा और इस बार 8 जून तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र जब लगता है तो सूरज के तेवर प्रचंड रहते हैं और धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है। 
 
नौतपा इस साल 25 मई को सुबह 10.33 बजे सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ शुरू हो जाएगा और 3 जून को नवतपा का आखिरी दिन होगा। इस दौरान सूर्य, मंगल, बुध का शनि से समसप्तक योग होने से भी धरती के तापमान में इजाफा होता है। 
 
साल में एक बार रोहिणी नक्षत्र की दृष्टि सूर्य पर पड़ती है। यह नक्षत्र 15 दिन रहता है लेकिन शुरू के पहले चन्द्रमा जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है वह दिन नौतपा कहलाते हैं। इसका कारण इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है। मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कम हो जाती है और इससे धूप और तेज हो जाती है।
 
ज्येष्ठ माह में सूर्य के वृष राशि के 10 अंश से 23 अंश 40 कला तक नौतपा कहलाता है। इस दौरान तेज गर्मी रहने पर बारिश के अच्छे योग और कम तपन पर बारिश में कमी दर्शाती है।
 
नौतपा के बारे में कहते हैं कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आद्रा नक्षत्र से लेकर दस नक्षत्रों तक यदि बारिश हो तो वर्षा ऋतु में इन दसों नक्षत्रों में बारिश नहीं होती, यदि इन्हीं नक्षत्रों में तीव्र गर्मी पड़े तो बारिश अच्छी होती है।
 
भारतीय ज्योतिष में नौतपा को इस तरह परिभाषित किया है कि चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो एवं तीव्र गर्मी पड़े, तो वह नौतपा है। रोहिणी के दौरान अगर बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना भी कहा जाता है।
 
सूर्य पर रोहिणी नक्षत्र का असर
 
सूर्य तेज और प्रताप का प्रतीक है जबकि चंद्रमा शीतलता का। रोहिणी नक्षत्र का मुख्य रूप से अधिपति ग्रह चंद्रमा ही है। तो सूर्य जब चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो सूर्य इस नक्षत्र को अपने प्रभाव में ले लेता है। इससे रोहिणी नक्षत्र का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। सूर्य के इस नक्षत्र में आने से तापमान बढ़ जाता है और इस कारण धरती पर आंधी, तूफान आने की संभावना बढ़ जाती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

2013 में वेबदुनिया के ज्योतिषी ने की थी भविष्यवाणी, 1 दशक तक रहेंगे मोदी प्रधानमंत्री