Devi Kushmanda: शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है। नवरात्रि में इस दिन भी रोज की भांति सबसे पहले कलश की पूजा कर माता कूष्मांडा को नमन करें। यह देवी योग-ध्यान की देवी भी हैं।
देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। इसलिए, देवी का मानसिक जाप करें। इस दिन देवी कवच को 5 बार पढ़ना चाहिए। माता कूष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए। इस अपूर्व दान से हर प्रकार का विघ्न दूर हो जाता है। इससे माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है, बुद्धि और कौशल का विकास होता है। आज निम्न इन खास मंत्रों का जाप तथा पूजन करने से देवी प्रसन्न होकर वरदान देती है। आइए जानें...
पूजन विधि-
इस दिन पूजा में बैठने के लिए हरे रंग के आसन का प्रयोग करना बेहतर होता है।
देवी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चूड़ी भी अर्पित करना चाहिए।
मां कूष्मांडा को इस निवेदन के साथ जल पुष्प अर्पित करें कि, उनके आशीर्वाद से आपका और आपके स्वजनों का स्वास्थ्य अच्छा रहे।
अगर आपके घर में कोई लंबे समय से बीमार है तो इस दिन मां से खास निवेदन कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए।
देवी को पूरे मन से फूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं।
मां कूष्मांडा को विविध प्रकार के फलों का भोग अपनी क्षमतानुसार लगाएं।
पूजा के बाद अपने से बड़ों को प्रणाम कर प्रसाद वितरित करें।
मंत्र- श्लोक:
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
मां कूष्मांडा की उपासना मंत्र- आज देवी कूष्मांडा की उपासना इस मंत्र के उच्चारण से की जाती है- कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:
वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥
मंत्र: या देवि सर्वभूतेषू सृष्टि रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
अर्थ : हे मां! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे मां, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।
सरल मंत्र- 'ॐ कूष्माण्डायै नम:।।'
18 अक्टूबर 2023 बुधवार : नवरात्रि चौथे दिन के शुभ मुहूर्त :
योग- सौभाग्य 10.24 पी एम तक।
शोभन योग 19 अक्टूबर को 08.39 पी एम तक।
आज का रंग- डार्क नीला
ब्रह्म मुहूर्त-03.31 ए एम से 04.18 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 03.54 ए एम से 05.04 ए एम
आज कोई अभिजित मुहूर्त नहीं है।
विजय मुहूर्त-01.17 पी एम से 02.07 पी एम
गोधूलि मुहूर्त-05.24 पी एम से 05.47 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05.24 पी एम से 06.34 पी एम
अमृत काल- 19 अक्टूबर 03.44 ए एम, से 05.21 ए एम तक।
निशिता मुहूर्त-10.51 पी एम से 11.37 पी एम
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05.04 ए एम से 12.31 पी एम
अमृत सिद्धि योग- 05.04 ए एम से 12.31 पी एम
रवि योग- 05.04 ए एम से 12.31 पी एम
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