मोक्षदा एकादशी के पारण का समय क्या है?

WD Feature Desk
बुधवार, 11 दिसंबर 2024 (12:37 IST)
ALSO READ: Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी की 10 खास बातें

mokshada ekadashi tithi 2024: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी आज, 11 दिसंबर 2024, दिन बुधवार को मनाई जा रही है तथा इसका पारण 12 दिसंबर, दिन गुरुवार को किया जाएगा। यह एकादशी हर क्षेत्र में विजय दिलाने के साथ-साथ मोक्ष देने वाली भी मानी गई है।

Highlights
  • मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण कब शुरू होगा।
  • एकादशी व्रत तोड़ने का समय क्या है?
  • एकादशी व्रत का पारण कितने बजे करें?
धार्मिक मान्यता के मुताबिक इसी एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के समय रणभूमि में पांडव पुत्र अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। अत: यह एकादशी बहुत अधिक महत्व की मानी जाती है। 
 
मान्यतानुसार इस दिन व्रत-उपवास रखकर एक ही बार जल तथा एक फल ही ग्रहण करना चाहिए। यह व्रत मन को पवित्र करने वाला, तथा पापों से मुक्ति दिलाने में कारगर माना गया है। 

ALSO READ: गीता जयंती पर मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने के फायदे के साथ जानें उपवास रखने के नियम
 
इस दिन भगवान श्री कृष्ण के पूजन का विशेष महत्व है। कहा जाता हैं श्री कृष्ण के उपदेश से ही अर्जुन महाभारत का यह युद्ध जीत पाया था। और महाभारत के दौरान श्रीकृष्ण द्वारा जो उपदेश दिए गए उसे गीता कहा जाता है। आइए यहां जानते हैं वर्ष 2024 में मोक्षदा एकादशी के पारण का समय क्या है? 
 
हिन्दू पंचांग के हिसाब से बुधवार, 11 दिसम्बर 2024 को तड़के 03 बजकर 42 मिनट से मोक्षदा एकादशी का प्रारम्भ हो चुका है तथा बृहस्पतिवार, 12 दिसम्बर 2024 को मध्यरात्रि 01 बजकर 09 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा।  

ALSO READ: मोक्षदा एकादशी की पौराणिक कथा
 
यहां जानें मोक्षदा एकादशी पर पारण का समय कौन-सा हैं :
 
आपको बता दें कि मोक्षदा एकादशी के पारण या व्रत तोड़ने का समय- 12 दिसम्बर को सुबह 7 बजकर 05 से 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। तथा पारण तिथि के दिन रात्रि 10 बजकर 26 मिनट पर द्वादशी समाप्त होगी।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: गीता जयंती 2024: आपका जीवन बदल देंगे भगवद् गीता के ये 10 अनमोल वचन

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Makar sankranti Puja 2025: मकर संक्रांति के दिन की पूजा विधि और विशेष मुहूर्त

Mahakumbh 2025: प्रयागराज कुंभ मेले में जा रहे हैं तो इन 12 नियमों और 12 सावधानियों को करें फॉलो

क्या शनि के राशि परिवर्तन से फिर से शुरु होगा महामारी का दौर, दुनिया में फैला HMPV वायरस का डर

महाकुंभ में क्यों शुभ मानी जाती है महिला नागा साधुओं की उपस्थित, जानिए उनकी अनदेखी दुनिया के बारे में सबकुछ

मकर संक्रांति 2025 : पतंगबाजी के लिए घर पर इस तरह बनाएं रंग-बिरंगी Trendy DIY पतंगें

सभी देखें

नवीनतम

15 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

15 जनवरी 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Uttarayan 2025: सूर्य हुए उत्तरायण, जानें सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश का महत्व क्या है?

संक्रांति पर क्यों किया जाता है काले तिल का दान, जानें वैज्ञानिक कारण, महत्व और फल

मकर संक्रांति का दिनों की लंबाई बढ़ने से क्या है संबंध, जानें वैज्ञानिक दृष्टिकोण

अगला लेख
More