Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मंगल- शुक्र की युति से कैसी होगी जिंदगी

हमें फॉलो करें मंगल- शुक्र की युति से कैसी होगी जिंदगी
, बुधवार, 31 मई 2023 (17:12 IST)
Mangal shukra yuti: दो ग्रहों के एक ही राशि में विराजमान होने को युति कहते हैं।  जब तीन ग्रह साथ में हो तो यह त्रिग्रही योग, चार ग्रह साथ में हो तो चतुर्ग्रही योग और पांच ग्रह साथ में हो तो पंचग्रही योग होता है। मंगल और शुक्र यदि एक ही राशि में एक साथ बैठे हों तो उसे मंगल शुक्र की युति कहते हैं। क्या होता है इस युति से?
 
राशि और भाव : मंगल शुक्र की युति का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि वे किस राशि और भाव में स्थित है। प्रत्येक राशि और भाव में इस युति का प्रभाव अलग अलग होता है। मंगल और शुक्र को आपसी में शत्रु ग्रह माना जाता है। मंगल को अग्नि और तेज का प्रतीक माना गया है। शरीर में रक्त पर मंगल का प्रभाव होता है। वहीं शुक्र सौंदर्य, प्रेम, वासना, काम, यौन इच्छा का प्रतिनिधि ग्रह होता है। यहां प्रस्तुत है सामान्य प्रभाव।
 
  • ज्योतिष मान्यता के अनुसार कुंडली में मंगल और शुक्र की युति हो तो ऐसे जातक में काम वासना की अधिकता होती है।
  • जब किसी जातक की जन्मकुंडली में मंगल और शुक्र एक साथ बैठे हों और दोनों ग्रह सामान्य अवस्था में हो तो जातक में यौन इच्छाएं तो अत्यंत प्रभावी होती हैं, लेकिन उसका उन इच्छाओं पर पूर्ण नियंत्रण होता है।
  • यदि मंगल और शुक्र एक साथ बैठे हों और दोनों अत्यंत प्रबल अवस्था में हो, बलवान हो तो व्यक्ति की काम वासना की भावना बहुत बलवती होती है, जिस पर वह नियंत्रण नहीं कर पाता है।
  • यदि दोनों ग्रहों में से मंगल ज्यादा प्रभावी हो और शुक्र कमजोर हो तो जातक दुष्कर्मी भी बन सकता है। ऐसी स्थिति में केवल यौन भावनाएं प्रबल होती हैं, प्रेम नहीं होता।
  • यदि दोनों ग्रहों में से शुक्र ज्यादा प्रभावी हो और मंगल कमजोर हो तो जातक संतुलित, सधा हुआ और नियंत्रित रहता है। उसमें यौन की बजाए प्रेम की भावना अधिक रहती है।
  • जिस जातक की कुंडली में मंगल-शुक्र दोनों संतुलित अवस्था में हो तो उसके अनेक विपरीत लिंगी मित्र होते हैं और वह सबके साथ समान व्यवहार करता है। 
  • पुरुष की कुंडली में यह युति है तो उसकी महिला मित्र अधिक होंगी और स्त्री की कुंडली में इस युति के होने से उसके पुरुष मित्र अधिक होते हैं।
  • ऐसी भी मान्यता है कि महिला की कुंडली में यह युति है तो पति पत्नी हमेशा झगड़ते रहते हैं।
  • यदि पुरुष की कुंडली में ये यु‍ति शुभ स्थित में हो तो उसे स्त्री वर्ग से विशेष सुख मिलता है। 
  • यदि पुरुष की कुंडली में यदि शुक्र अस्त है तो जातक पागलों जैसी हरकत करता है। दिमाग में बेकार के विचार आते रहते हैं।
  • इन दोनों का युति पर यदि बृहस्पति की दृष्‍टि हो तो बहुत ही उत्तम लक्ष्मी होगी।
  • इस युति पर शुभ ग्रहों की दृष्टि से शुभ और अशुभ ग्रहों की दृष्टि से अशुभ होता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Birthday Astrology : कैसे होते हैं जून माह में जन्म लेने वाले, जानिए अपने बारे में