मार्च महीने का पाक्षिक पंचांग, कई ग्रह करेंगे परिवर्तन
"पाक्षिक-पंचांग": फाल्गुन शुक्ल पक्ष
"वेबदुनिया" के पाठकों के लिए "पाक्षिक-पंचांग" श्रंखला में प्रस्तुत है फाल्गुन शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
संवत्सर- विरोधकृत
संवत्- 2075 शक संवत् :1940
माह-फाल्गुन
पक्ष- शुक्ल पक्ष (7 मार्च से 21 मार्च तक)
ऋतु: वसंत
रवि: उत्तरायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 8 मार्च, 10 मार्च, 12 मार्च, 13 मार्च, 15 मार्च, 17 मार्च
अमृतसिद्धि योग- 8 मार्च
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित
रविपुष्य योग- 17 मार्च
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 17 मार्च (आमलकी एकादशी व्रत)
प्रदोष- 18 मार्च (सोम प्रदोष)
भद्रा- 10 मार्च (उदय-अस्त), 13 मार्च (उदय)-14 मार्च (अस्त), 17 मार्च (उदय-अस्त), 20 मार्च (उदय-अस्त)
पंचक- 9 मार्च को समाप्त
मूल- 17 मार्च से प्रारंभ- 19 मार्च को समाप्त
पूर्णिमा- 21 मार्च
ग्रहाचार: सूर्य- कुंभ (15 मार्च से मीन राशि में), चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-मेष, बुध-मीन (15 मार्च से वक्री होकर कुंभ राशि में) गुरु-वृश्चिक, शुक्र-मकर, शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु- धनु
व्रत/त्योहार: 8 मार्च- रामकृष्ण परमहंस जयंती, 14 मार्च- होलाष्टक प्रारंभ, 14 मार्च- संत दादूदयाल जयंती,
20 मार्च- होलिका दहन, 21 मार्च-चैतन्य महाप्रभु जयंती, छारंडी- वंसतोत्सव
(विशेष- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com