मंगलवार का ग्रह मंगल ग्रह है। मंगलवार की प्रकृति उग्र है। यह भगवान हनुमान और मंगलदेव का दिन है। मान, सम्मान, पद प्रतिष्ठा, अच्छा स्वास्थ्य व तेजस्विता पाने के लिए रविवार के दिन उपवास रखना चाहिए। यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति निम्निलिखित अनुसार है तो मंगलवार का व्रत करना चाहिए। आओ जानते हैं कि किसे मंगलवार का व्रत रखना चाहिए।
1. ज्योतिष के अनुसार मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है और इनका वार भी मंगल ही है। अत: इन राशि वालों को मंगलवार का व्रत रखना चाहिए।
2. कुंडली के अनुसार लग्न, दूसरे, चतुर्थ, अष्टम और बारहवें भाव में है तो मंगली दोष या मांगलिक कुंडली मानी जाती है। ऐसी स्थिति में भी मंगलवार का व्रत उपाय के साथ ही करना चाहिए।
3. मंगल मकर में उच्च का और कर्क में नीच का माना गया है। यदि नीच का मंगल है तो मंगलवार करना चाहिए।
4. यदि आपका रक्त खराब या कम हो चला है तो मंगल खराब ही समझो। खून के खराब होने से और भी कई तरह की समस्याएं जन्मती हैं। अत: आपको मंगल के उपाय के साथ ही व्रत भी करना चाहिए।
5. कुंडली में जिस का भी मंगल बद होता है उसमें उग्रता बढ़ जाती है। सेहत खराब हो जाती है और मानसिक बीमारी भी पकड़ लेती है। ऐसे जातक को मंगलवार के उपाय के साथ ही व्रत भी करना चाहिए।
6. संतान उत्पत्ति में बाधा है, मंगल पंचम में है या संतान को कोई सुख नहीं मिल रहा है। बच्चे पैदा करने में अड़चनें आती हैं। पैदा होते ही उनकी मौत हो जाती है तो मंगल के उपाय के साथ ही व्रत रखना चाहिए।
7. मंगल बहुत ज्यादा अशुभ हो तो बड़े भाई के नहीं होने की संभावना प्रबल मानी गई है। भाई हो तो उनसे दुश्मनी होती है। एक आंख से दिखना बंद हो सकता है। शरीर के जोड़ काम नहीं करते हैं। रक्त की कमी या अशुद्धि हो जाती है। ऐसे में मंगल के उपाय और व्रत रखना चाहिए।
8. चौथे और आठवें भाव में मंगल अशुभ माना गया है। किसी भी भाव में मंगल अकेला हो तो पिंजरे में बंद शेर की तरह है। सूर्य और शनि मिलकर मंगल बद बन जाते हैं। मंगल के साथ केतु हो तो अशुभ हो जाता है। मंगल के साथ बुध के होने से भी अच्छा फल नहीं मिलता। मंगल के साथ शुक्र होने से भी शुभ फल नहीं मिलता है। ऐसे में मंगल के उपाय के साथ ही व्रत रखें।
9. यदि आप सेना या पुलीस में या सेना व Police में ऊंचे पद पर जाना चाहते हैं, खिलाड़ी बनना चाहते हैं या राजनीति में सफल होना चाहते हैं तो निरंतर हनुमानजी की शरण में रहकर मंगलवार का व्रत करना चाहिए।
10. यदि शनि की साढ़े साती, ढैया या किसी भी प्रकार से शनि पीड़ा है, या जीवन में किसी भी प्रकार से मृत्यु तुल्य कष्ट हो रहा है तो निरंतर हनुमानजी की शरण में रहकर मंगलवार का व्रत करना चाहिए।