कब, कहां और कैसे जन्मे धरती पुत्र मंगल, पढ़ें पौराणिक कथा

Webdunia
मंगल ग्रह के जन्म की एक कथा कुछ इस प्रकार है। अंधकासुर नामक दैत्य को तप के बाद भगवान शिव ने वरदान दिया था कि उसके रक्त से सैकड़ों दैत्य जन्म लेंगे।  वरदान पाकर इस दैत्य ने अवंतिका में तबाही मचा दी। तब दीन-दुखियों ने शिव से प्रार्थना की। भक्तों के संकट दूर करने के लिए स्वयं शंभु ने अंधकासुर से युद्ध किया। 

ALSO READ: जब सीता के भाई बन 'मंगल' ने किया रस्मों को पूरा...पढ़ें पौराणिक कथा
 
दोनों के बीच भीषण युद्ध हुआ। शिव का पसीना बहने लगा। रुद्र के पसीने की बूंद की गर्मी से उज्जैन(प्राचीन नगरी अवंतिका) की धरती फट कर दो भागों में विभक्त हो गई और मंगल ग्रह का जन्म हुआ। शिवजी ने दैत्य का संहार किया और उसकी रक्त की बूंदों को नवोत्पन्न मंगल ग्रह ने अपने अंदर समा लिया। धरती से जन्म के कारण उन्हें धरती पुत्र माना गया। कहते हैं, इसलिए मंगल की धरती लाल रंग की है। (स्कंद पुराण के अवंतिका खंड से)। आज भी उज्जैन में मंगल ग्रह का प्राचीन सुंदर मंदिर है। यह स्थान मंगल की जन्म भूमि माना गया। 
 
ALSO READ: मांगलिक-दोष दूर करते हैं मंगल के यह 21 नाम...

ALSO READ: ऐसे हुआ सुंदर चमकीले चंद्रदेव का जन्म, पढ़ें पौराणिक कथा

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shraddha Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल

गुजरात के 10 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाना न भूलें

Sukra Gochar : शुक्र का तुला राशि में गोचर, 4 राशियों के जीवन में बढ़ जाएंगी सुख-सुविधाएं

Vastu Tips for Balcony: वास्तु के अनुसार कैसे सजाएं आप अपनी बालकनी

सितंबर 2024 : यह महीना क्या लाया है 12 राशियों के लिए, जानें Monthly Rashifal

सभी देखें

धर्म संसार

Sarvapitri amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या की 10 अनसुनी बातों को जानकर आप सोच में पड़ जाएंगे

Ketu Gochar : पापी ग्रह केतु के नक्षत्र में होगा गुरु का प्रवेश, 3 राशियों की चमकने वाली है किस्‍मत

20 सितंबर : श्रीराम शर्मा आचार्य का जन्मदिन आज, जानें उनका जीवन और 25 बहुमूल्य कथन

Aaj Ka Rashifal: 20 सितंबर 2024, कैसा बीतेगा आज आपका दिन, पढ़ें अपना दैनिक राशिफल

Shardiya navratri 2024: शारदीय नवरात्रि प्रतिपदा के दिन जानिए घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

अगला लेख
More