हिन्दू परम्परा में मुहूर्त का विशेष महत्त्व होता है। हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ऐसी ही एक अवधि है- "मलमास" जिसे "खरमास" भी कहा जाता है।
क्या होता है "मलमास"- जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रांति और मीन संक्रान्ति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग 1 माह तक रहते हैं। सूर्य के धनु राशि व मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही "मलमास" या "खरमास" कहा जाता है। "मलमास" में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुण्डन, सगाई, गृहारम्भ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारम्भ एवं व्रत उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
कब तक रहेगा मलमास : इस माह दिनांक 15 मार्च 2023, चैत्र कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि, दिन बुधवार से "मलमास" प्रारम्भ होगा जो दिनांक 15 अप्रैल 2023 वैशाख कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि, दिन शनिवार तक रहेगा। "मलमास" प्रभावी होने के कारण इस अवधि में समस्त शुभकार्यों का निषेध रहेगा।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
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