विवाह मुहूर्त में लग्न का क्या है महत्व, जरूर पढ़ें शादी से पहले

पं. हेमन्त रिछारिया
किसी जातक के विवाह का दिन सुनिश्चित करने के उपरान्त विवाह का लग्न निर्धारित किया जाता है। विवाह लग्न अर्थात् जिस समय पाणिग्रहण संस्कार सम्पन्न किया जाता है। विवाह में लग्न का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में विवाह लग्न का चूकना एक गंभीर दोष माना गया है। विवाह लग्न का शोधन अत्यंत सावधानी से किया जाना चाहिए। विवाह लग्न निश्चित करते समय निम्न बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
 
१. वर-वधु की जन्मलग्न या जन्मराशि से अष्टम् राशि का लग्न विवाह लग्न नहीं होना चाहिए।
 
२. वर-वधु की जन्मपत्रिका का अष्टमेश विवाह लग्न में स्थित नहीं होना चाहिए।
 
३. विवाह लग्न से बारहवें स्थान में शनि व दसवें स्थान मंगल स्थित नहीं होना चाहिए।
 
४. विवाह लग्न से तीसरे स्थान में शुक्र व लग्न कोई पाप ग्रह स्थित नहीं होना चाहिए।
 
५. विवाह लग्न में क्षीण चन्द्र स्थित नहीं होना चाहिए।
 
६. विवाह लग्न से चन्द्र व शुक्र छठे एवं मंगल अष्टम् स्थान में स्थित नहीं होना चाहिए।
 
७. विवाह लग्न से सप्तम् स्थान में कोई भी ग्रह स्थित नहीं होना चाहिए।
 
८. विवाह लग्न कर्तरी दोष युक्त नहीं होना चाहिए अर्थात विवाह लग्न के द्वीतीय व द्वादश कोई पापग्रह स्थित नहीं होना चाहिए।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस धनतेरस अपनी राशि के अनुसार खरीदें ये वस्तुएं, लक्ष्मी माता की कृपा से हमेशा भरी रहेगी तिजोरी

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

दिवाली क्यों मनाई जाती है? जानें इतिहास, महत्व और कहानी

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

किसके लिए नया सप्ताह रहेगा लकी, पढ़ें 12 राशियों का साप्ताहिक राशिफल

सभी देखें

नवीनतम

Mangal Gochar : मंगल का होगा कर्क राशि में गोचर, 3 राशियों के जीवन में खड़ी होंगी परेशानियां

Guru Pushya Nakshatra Special: गुरु पुष्य नक्षत्र योग में क्या नहीं खरीदें, जानिए क्या खरीदना होगा शुभ और मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: 23 अक्टूबर का दिन क्या लेकर आया है सभी के लिए, पढ़ें अपना दैनिक राशिफल

23 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 अक्टूबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख
More