Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

12 नवंबर को लाभ पंचमी महापर्व : शुभ फल और धन-धान्य से संपन्न होने का देता है वरदान

Advertiesment
हमें फॉलो करें 12 नवंबर को लाभ पंचमी महापर्व : शुभ फल और धन-धान्य से संपन्न होने का देता है वरदान
webdunia

राजश्री कासलीवाल

जानिए क्यों लिखते हैं लाभ पंचमी के दिन नए बहीखाते, क्या है महत्व

 
दीपावली पर्व के बाद आने वाली कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को लाभ पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह तिथि 12 नवंबर 2018, सोमवार को आ रही है। इसे सौभाग्य पंचमी भी कहते हैं। 
 
यह दिन सभी तरह की सांसारिक कामनाओं की पूर्ति करने वाला माना गया है तथा इस दिन विशेष कर शिव पूजन का महत्व है। लाभ पंचमी के दिन पूरे मन से भगवान शिव की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति छा जाती है और जीवन के कष्‍टों से मुक्ति मिलती है। 
 
लाभ पंचमी का दिन का विशेष कर एक खास तरह का लाभ पाने के लिए अतिश्रेष्ठ माना गया है। इस संबंध में मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री गणेश का पूजन करने से व्यापार में मनोवांछित लाभ मिलता है तथा शिव-पार्वती का पूजन करने से सौभाग्य की प्राप्ति के साथ-साथ जीवन में सुख-शांति और घर-परिवार में समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। 
 
इस दिन से नए बहीखाते लिखना प्रारंभ करने का भी विशेष महत्व है। बही खाते में लिखते समय दाईं तरफ लाभ और बाईं तरफ शुभ लिखने से जीवन में शुभता का संचार होता है। यह दिन खासतौर पर गुजरात में शुभ तिथि दीप पर्व का हिस्सा माना जाता है। 
 
ऐसा माना जाता है कि दिवाली से गुजराती नववर्ष की शुरुआत के साथ ही लाभ/सौभाग्य पंचमी का दिन व्यापार में तरक्की की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माना जाता है। दीपावली का दीप पर्व सुख-शांति और खुशहाल जीवन जीने का प्रतीक होने के कारण यह सभी इच्छाओं को पूरा करने की प्रेरणा लेने का शुभ अवसर माना जाता है।


इसलिए लाभ पंचमी के दिन नए बही खाते लिखने की शुरुआत करते समय भगवान श्री गणेश का स्मरण किया जाता है ताकि आने वाला जीवन सुख-समृद्धि से भरा रहें। इसका अन्य नाम पांडव पंचमी भी है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कार्तिक शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग : 19 नवंबर को देवउठनी ग्यारस, होगा तुलसी विवाह