kamika ekadashi 2024 : आज श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की कामिका एकादशी मनाई जा रही है। इस दिन का महत्व स्वयं ब्रह्माजी ने नारद जी को बताया था। जिसके अनुसार हरि, श्रीधर, विष्णु, माधव, मधुसूदन आदि नामों से पहचाने जाने वाले शंख, चक्र, गदाधारी भगवान श्री विष्णु भगवान का पूजन कामिका एकादशी के दिन होता है।
आइए जानते हैं यहां इस दिन चक्रधारी श्री विष्णु की पूजा करने से क्या-क्या फल मिलता है..
1. कामिका एकादशी के व्रत का माहात्म्य इतना अधिक हैं कि इस व्रत की कथा और महत्व को श्रद्धापूर्वक से सुनने और पढ़ने वाला मनुष्य समस्त पापों से मुक्ति पाकर विष्णु लोक को जाता है। अत: इस व्रत को मनुष्य को अवश्य ही पूर्ण श्रद्धा के साथ करना चाहिए।
2. धार्मिक मान्यतानुसार जो व्यक्ति पूरे श्रावण में भगवान का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं।
3. अत: सभी मनुष्यों को कामिका एकादशी व्रत और श्री विष्णु का पूजन अवश्य ही करना चाहिए। यह पापों के नाशों का सबसे सरल उपाय है।
4. कामिका एकादशी व्रत के दिन विष्णु भगवान के पूजन से वह फल प्राप्त होता है, जो कि काशी, गंगा, नैमिषारण्य तथा पुष्कर में स्नान करने से मिलता है।
5. जो मनुष्य इस एकादशी की रात्रि को भगवान के मंदिर में दीपक जलाते हैं उनके पितर स्वर्गलोक में अमृतपान करते हैं।
6. इस दिन जो मनुष्य मंदिर जाकर घी या तेल का दीपक जलाते हैं, वे सौ करोड़ दीपकों से प्रकाशित होकर सूर्य लोक को जाते हैं।
7. कहा गया है कि जो फल सूर्य व चंद्र ग्रहण पर कुरुक्षेत्र और काशी में स्नान करने से, समुद्र, वन सहित पृथ्वी दान करने से, सिंह राशि के बृहस्पति में गोदावरी और गंडकी नदी में स्नान से भी प्राप्त नहीं होता वह फल भगवान श्रीहरि विष्णु के पूजन मात्र से मिल जाता है।
8. कामिका एकादशी व्रत करने मनुष्य जीव कुयोनि को प्राप्त नहीं होता।
9. इस एकादशी पर जो मनुष्य भक्तिपूर्वक भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पण करते हैं, वे इस संसार के समस्त पापों से दूर रहते हैं।
10. रत्न, मोती, मणि तथा आभूषण आदि से विष्णु भगवान इतने प्रसन्न नहीं होते जितने सिर्फ तुलसी दल चढ़ाने मात्र से होते हैं।
11. कामिका एकादशी की रात्रि को दीपदान तथा जागरण के फल का माहात्म्य चित्रगुप्त भी नहीं कह सकते।
12. तुलसी के पौधे को सींचने से, जल देने और पूजन करने से मनुष्य की सब यातनाएं नष्ट हो जाती हैं। और इसके दर्शन मात्र से सब पाप नष्ट हो जाते हैं और स्पर्श से मनुष्य पवित्र हो जाता है।
13. तुलसी दल पूजन का फल 4 भार चांदी और 1 भार स्वर्ण के दान के बराबर कहा गया है।
14. कामिका एकादशी के दिन गरीब, असहायों को चावल, मक्का, गेहूं सहित अनाज का दान करना चाहिए।
15. कामिका एकादशी के दिन यदि किसी पंडित या ब्राह्मण विवाहित जोड़े को पीले वस्त्र का दान किया जाए तो कुंडली में बृहस्पति गुरु मजबूत होते है।
16. कामिका एकादशी का व्रत ब्रह्म हत्या तथा भ्रूण हत्या आदि पापों को नष्ट करने वाली कहीं गई है।
17. कामिका एकादशी के दिन जरूरतमंद लोगों को छाते का दान, राहगीरों को मीठा जल तथा गरीबों को भोजन और अपनी आय के अनुसार धन का दान करने से सब पापों से मुक्ति होकर मनुष्य को संसार के सारे सुख और तत्पश्चात मोक्ष प्राप्त होता है।
18. भगवान श्री विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु को मंजरी सहित तुलसी पत्र चढ़ाना चाहिए, क्योंकि श्रीहरि हीरे-मोती, सोने-चांदी से इतने प्रसन्न नहीं होते, जितनी प्रसन्नता उन्हें तुलसी पत्र से मिलती है।
19. श्रावण मास की कृष्ण की एकादशी की कथा और महत्व पढ़ने और सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
20. कामिका एकादशी व्रत पूरे मनपूर्वक विधि-विधान से करने से भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों को हर मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं।
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