जुलाई माह में दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया में आर्थिक मंदी रहेगी। उत्तर कोरिया की स्थिति में परिवर्तन आएगा। चीन, श्रीलंका, दुबई, नेपाल में उन्नति होगी व प्रजा सुखी रहेगी। पाकिस्तान में फौज पर कष्ट आएगा, साथ ही आंतरिक झगड़े होंगे। भारत में राजनीतिक उथल-पुथल रहेगी।
2 जुलाई, सोमवार को पंचक लग रहा है, परिणामस्वरूप रुई में मंदी आएगी। 4 जुलाई को शुक्र मघा नक्षत्र में आएगा जिससे सोना, तांबा, जौ, चना, गेहूं, लाल चंदन, लालमिर्च, लाल रंग की वस्तुओं एवं घी में तेजी आएगी। चांदी में पहले मंदी, फिर तेजी आएगी।
6 जुलाई से सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र में आएगा जिससे रुई, सोना, चांदी, गुड़, शकर, कपास, अलसी, सरसों, लाख, तिल, जुवार, मोठ, बाजरा, उड़द, चावल, नमक, सब्जी, हरड़, सुपारी, नारियल, माजू, गुग्गल में तेजी आएगी।
7 जुलाई को बुध आश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश करेगा, परिणामस्वरूप तिल, तेल, सरसों, गुड़, शकर, मूंग व मूंगफली में तेजी आएगी। 11 जुलाई को गुरु के मार्गी होने से रुई में मंदी, फिर तेजी आएगी। चावल, अलसी, सरसों तथा तम्बाकू में तेजी आएगी।
14 जुलाई, शनिवार को चन्द्र दर्शन होने से रुई, सूत, वस्त्र, चांदी, सोना, सरसों, मूंगफली आदि में अच्छी तेजी रहेगी। 16 जुलाई से शुक्र के पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आने से गेहूं, जौ, बाजरा, उड़द, मूंग व चना में मंदी रहेगी। 27 जुलाई से सूर्य के कर्क राशि में आने से रुई, सूत, बादाम, सुपारी, फल, गुड़, शकर, तिल, नारियल, सरसों, सोना, चांदी में तेजी एवं गेहूं, चना, जौ, मटर, अरहर, उड़द, मूंग व चावल में मंदी रहेगी।
इस माह की कुंडली को मौसम की नजर से देखें तो जुलाई प्रथम सप्ताह में वर्षा अच्छी रहेगी। हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान व महाराष्ट्र में अच्छी वर्षा होगी। अन्य क्षेत्र में खंड वर्षा होगी व 20 जुलाई से सूर्य पुष्य नक्षत्र में आएगा अत: वर्षा कम होगी।