जन्मकुंडली में अन्य ग्रहों के साथ-साथ राहु और केतु का भी विशेष महत्व है। ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलु की तरह एक दूसरे से विपरीत हैं, लेकिन इनका कुंडली में शुभ या अशुभ होना आपको सबसे अधिक प्रभावित करता है।
केतु की बात की जाए, तो यह पराक्रम का प्रतीक है। लेकिन जब अशुभ फल देता है, तो जातक के पैरों के नाखून झड़ने लगते हैं, मूत्र संबंधी या जोड़ों की बीमारी हो जाती है और संतान को भी कष्ट होता है। अगर केतु आपकी कुंडली में अशुभ फल दे रहा है, तो नीचे बताए जा रहे उपाय आपके लिए शुभफलदायी रहेंगे -
सरल उपाय :-
* गणेश जी की आराधना करें।
* गणेश चतुर्थी का व्रत करें।
* तिल, नींबू एवं केले का दान करें।
* कुत्ते को रोटी डालें।
* चरित्र ठीक रखें और पाप कर्मों से बचें।