Hariyali amavasya ke upay : श्रावण मास में अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं, क्योंकि इस दिन तक सभी ओर हरियाली छा जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 28 जुलाई 2022 गुरुवार को हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। आओ जानते हैं इस दिन के 5 खास उपाय।
1. पितृ शांति : इस दिन पितृदोष से मुक्ति हेतु पितृ शांति के उपाय किए जाते हैं। नदी या कुंड में स्नान करके पितरों के निमित्त तर्पण करें। इस दिन पितृसूक्त पाठ, गीता पाठ, गरुड़ पुराण, गजेंद्र मोक्ष पाठ, रुचि कृत पितृ स्तोत्र, पितृ गायत्री पाठ, पितृ कवच का पवित्र पाठ या पितृ देव चालीसा और आरती करें।
2. पौधा रोपण : हरियाली अमावस्या के दिन पौधा रोपण या वृक्षारोपण का बहुत महत्व है। आम, आंवला, केला, नींबू, तुलसी, पीपल, वटवृक्ष और नीम के पौधों को रोपने का विशेष महत्व बताया गया है। वृक्ष रोपण करने ग्रह नक्षत्र और पितृदोष शांत हो जाते हैं। इस दिन पौधा रोपण न कर पाएं तो पीपल की परिक्रमा और पूजा करें।
3. दीपदान : इस दिन दान के साथ ही दीपदान भी करना चाहिए। इस दिन आटे के दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करने से पितृदेव और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इस दिन शनिदेवजी के मंदिर में विधि अनुसार दीपक लगाने से वे प्रसन्न होते हैं।
4. अन्न दान : इस दिन मछली, चींटियों और ब्राह्मणों को भोजन कराने से सभी तरह के संकट दूर होगा सुख और समृद्धि बढ़ती है। इस दिन गेहूं और ज्वार की धानी का प्रसाद वितरण करें।
5. हनुमान और लक्ष्मी पूजा : इस दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। रात्रि में पूजा करते समय पूजा की थाली में स्वास्तिक या ॐ बनाकर और उसपर महालक्ष्मी यंत्र रखें फिर विधिवत पूजा अर्चना करें, ऐसा करने से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होगा और आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।