गुरुवार की दिशा ईशान है। ईशान में ही देवताओं का स्थान माना गया है। इस दिन सभी तरह के धार्मिक और मंगल कार्य से लाभ मिलता है अत: हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यह दिन सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसीलिए प्रत्येक गुरुवार को व्रत रखकर मंदिर जरूर जाना चाहिए। गुरुवार को व्रत क्यों रखते हैं और क्या है इसे रखने के 10 फायदे?
गुरुवार को व्रत क्यों रखते हैं? हिन्दू धर्म में गुरुवार को रविवार से भी श्रेष्ठ और पवित्र दिन माना गया है। यह धर्म का दिन होता है। कुंडली में भी बृह्सपति ग्रह को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह शिक्षा, भाग्य और धन के स्थान का स्वामी है। गुरुवार के देवता, ब्रह्मा, बृहस्पति और श्री हरि विष्णु जी है।
गुरुवार को आप बृहस्पति देव, श्रीहरि विष्णु, माता लक्ष्मी, माता सरस्वती, भगवान दत्तात्रेय, भगवान शिव, ब्रह्मा, पीपल देव, पितृदेव और आप अपने किसी ईष्ट देव या देवी की पूजा कर सकते हैं। यह दिन आपने ईष्टदेव की पूजा का सबसे उत्तम दिन होता है। ईष्ट देवता अर्थात आप जिसे भी मानते या पूजते हो। इसीलिए गुरुवार को व्रत रखने के कई फायदे बताएं गए हैं।
1. गुरुवार का व्रत रखने से जातक की कुंडली का पितृदोष समाप्त हो जाता है।
2. गुरुवार का व्रत रखने से कुंडली में यदि अल्पायु योग है तो वह समाप्त हो जाता है।
3. गुरुवार का व्रत रखने रखने से भाग्य के द्वार खुल जाते हैं।
4. गुरुवार का व्रत रखने से धन संबंधी समस्या समाप्त हो जाती है।
5. गुरुवार का व्रत रखने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होकर आसानी से विवाह होता है और वैवाहिक जीवन में सुख मिलता है।
6. गुरु ही लंबी आयु भी प्रदान करता है। अत: गुरुवार करना जरूरी है।
7. उथली व छिछली मानसिकता वाले व्यक्तियों को बृहस्पतिवार का उपवास अवश्य रखना चाहिए।
8. गुरुवार का व्रत रखने से शिक्षा में आ रही बाधा दूर होती है और पढ़ने में मन लगता है।
9. गुरुवार का व्रत रखने से जातक मान सम्मान और उच्च पद प्राप्त करता है।
10. गुरुवार का व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, पाप से मुक्ति मिलकर पुण्य लाभ प्राप्त होता है।