हिन्दू परम्परा में ग्रहण का महत्त्वपूर्ण स्थान है। जैसा आप सभी को विदित है ग्रहण दो प्रकार के होते हैं- सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण। सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण भी मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं-खग्रास और खंडग्रास। जब ग्रहण पूर्णरूपेण दृश्यमान होता है तो उसे “खग्रास” एवं जब ग्रहण कुछ मात्रा में दृश्यमान होता है तब उसे “खंडग्रास” कहा जाता है किंतु जब ग्रहण बिल्कुल भी दृश्यमान नहीं होता तो उसे "मान्द्य ग्रहण" कहा जाता है।
खग्रास व खंडग्रास ग्रहण का समस्त द्वादश राशियों पर व्यापक प्रभाव माना जाता है किन्तु "मान्द्य" ग्रहण का जनमानस पर कोई व्यापक प्रभाव नहीं होता। जब ग्रहण के निवासरत स्थान में दृश्यमान नहीं होता तब ग्रहण यम-नियम आदि वहां के निवासियों पर प्रभावी नहीं होते। जानते हैं कि नूतन वर्ष 2021 में कब कौन सा ग्रहण होगा-
1. खग्रास चंद्रग्रहण- वर्ष 2021 का पहला ग्रहण दिनांक 26 मई 2021 संवत् 2078 वैशाख शुक्ल पूर्णिमा दिन बुधवार को होगा; यह खग्रास चन्द्रग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा। भारत में दृश्यमान नहीं होने के कारण इसके यम-नियम-सूतक आदि भारतवासियों पर लागू नहीं होंगे।
2. कंकणाकृति सूर्यग्रहण- वर्ष 2021 का दूसरा ग्रहण "कंकणाकृति सूर्यग्रहण" होगा जो दिनांक 10 जून 2021 संवत् 2078 ज्येष्ठ कृष्ण अमावस दिन गुरूवार को लगेगा। यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा। भारत में दृश्यमान नहीं होने के कारण इसके यम-नियम-सूतक आदि भारतवासियों पर लागू नहीं होंगे।
3. खंडग्रास चंद्रग्रहण- वर्ष 2021 में "खंडग्रास चंद्रग्रहण" दिनांक 19 नवम्बर 2021 संवत् 2078 कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा दिन शुक्रवार को होगा। यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा। भारत में दृश्यमान नहीं होने के कारण इसके यम-नियम-सूतक आदि भारतवासियों पर लागू नहीं होंगे।
4. खग्रास सूर्यग्रहण- वर्ष 2021 का अन्तिम ग्रहण "खग्रास सूर्यग्रहण" होगा जो दिनांक 4 दिसंबर 2021 संवत् 2078 मार्गशीर्ष (अगहन) कृष्ण अमावस दिन शनिवार को होगा। यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा। भारत में दृश्यमान नहीं होने के कारण इसके यम-नियम-सूतक आदि भारतवासियों पर लागू नहीं होंगे।
-उपर्युक्त शास्त्रोक्त विवरण के अनुसार वर्ष 2021 में कुल 4 ग्रहण होंगे जो सभी भारतवर्ष के कुछ भागों को छोड़कर अन्य स्थानों में दृश्यमान नहीं होंगे। जिन स्थानों पर ग्रहण दृश्यमान नहीं होंगे वहां ग्रहण के यम-नियम-सूतक आदि वहां के निवासियों पर लागू नहीं होंगे।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
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