अगर बरकत चाहते हैं तो 25 काम करें और 5 अचूक उपाय आजमाएं

अनिरुद्ध जोशी
बरकत को हिन्दी में प्रचुरता मान सकते हैं। अंग्रेजी में इसे abundance कहते हैं। बरकत अर्थात वह शुभ स्थिति जिसमें कोई चीज या चीजें इस मात्रा में उपलब्ध हों कि उनसे आवश्यकताओं की पूर्ति होने के बाद भी वह बची रहे। अर्थात अन्न इतना हो कि घर के सदस्यों के सहित अतिथि आए तो वह भी खाले। धन इतना हो कि आवश्यकताओं की पूर्ति के बावजूद वह बचा रहे। अगर आप अपनी हर बात में बरकत चाहते हैं तो 25 अचूक उपाय है को आजमाएं। आपके घर में अन्य, धन और धान्य की कभी कमी नहीं रहेगी।
 
 
1. दान देना सीखें : प्रकृति का यह नियम है कि आप जितना देते हैं वह उसे दोगुना करके लौटा देती है। यदि आप धन या अन्न को पकड़ कर रखेंगे तो वह छूटता जाएगा। दान में सबसे बड़ा दान है अन्न दान। गाय, कुत्ते, कौवे, चिंटी और पक्षी के हिस्से का भोजन निकालना जरूरी है।
 
2. अग्निहोत्र कर्म करें : अग्निहोत्र कर्म दो तरह से होता है पहला यह कि हम जब भी भोजन खाएं उससे पहले उसे अग्नि को अर्पित करें। अग्नि द्वारा पकाए गए अन्न पर सबसे पहला अधिकार अग्नि का ही होता है। दूसरा तरीका है यज्ञ की वेदी बनाकर हवन किया जाता है।
 
3. भोजन के नियमों का पालन करें : भोजन की थाली को हमेशा पाट, चटाई, चौक या टेबल पर सम्मान के साथ रखकर ही भोजन करें। भोजन करने के बाद थाली में ही हाथ न थोएं। थाली में कभी जूठन न छोड़े। भोजन करने के बाद थाली को कभी, किचन स्टेन, पलंग या टेबल के नीचे न रखें। उपर भी न रखें। रात्रि में भोजन के जूठे बर्तन घर में न रखें। इसी तरह के कई और भी नियम हैं जिनका पालन करें।
 
4. टपकता नल ठीक करवाएं : नल से पानी का टपकना आर्थिक क्षति का संकेत है। टपकते नल को जल्द से जल्द ठीक करवाएं। घर में किसी भी बर्तन से पानी रिस रहा हो तो उसे भी ठीक करवाएं। छत पर रखी पानी की टंकी से पानी बहता हो तो उसे भी ठीक करवाएं।
 
5. क्रोध-कलह से बचें : घर में क्रोध, कलह और रोना-धोना आर्थिक समृद्धि व ऐश्वर्य का नाश कर देता है। आपस में प्रेम और प्यार बनाए रखने के लिए एक दूसरे की भावनाओं को समझे और परिवार के लोगों को सुनने और समझने की क्षमता बढ़ाएं। घर की स्त्री का सम्मान करें। मां, बेटी और पत्नी का सम्मान जरूरी है।
 
6. घर की सफाई : घर को साफ सुधरा और सुंदर बनाकर रखें। घर के चारों कोने साफ हों, खासकर ईशान, उत्तर और वायव कोण को हमेशा खाली और साफ रखें।
7. शौचालय और स्नानघर : टॉयलेट और बॉथरूम को गीला रखना आर्थिक स्थिति के लिए बेहतर नहीं होता है। प्रयोग करने के बाद उसे सुखाने का प्रयास करना चाहिए। दोनों ही किसी भी हालत में उत्तर या ईशान कोण में नहीं होना चाहिए।
 
8. झाड़ू : कभी भी ब्रह्ममुहूर्त या संध्याकाल को झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। झाड़ूं को ऐसी जगह रखें जहां किसी अतिथि की नजर न पहुंचे। झाड़ू को पलंग के नीचे न रखें।
 
9. वास्तु अनुसार रखें घर : घर में काले, कत्थई, मटमेले, जामुनी और बैंगनी रंग का इस्तेमाल न करें। चाहे चादर, पर्दे या हो दीवारों का रंग। घर में सीढ़ियों को पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर ही बनवाएं। कभी भी उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां न बनवाएं। घर में फर्श, दीवार या छत पर दरार न पड़ने दें। अगर ऐसा हो तो उन्हें तुरंत भरवा दें।
 
10. संधिकाल में मौन रहें : संधिकाल में अनिष्ट शक्तियां प्रबल होने के कारण इस काल में निम्नलिखित बातें निषिद्ध बताई गई हैं- सोना, खाना, पीना, गालियां देना, झगड़े करना, अभद्र एवं असत्य बोलना, क्रोध करना, शाप देना, यात्रा के लिए निकलना, शपथ लेना, धन लेना या देना, रोना, वेद मंत्रों का पाठ, शुभ कार्य करना, चौखट पर खड़े होना। उपरोक्त नियम का पालन नहीं करने से जहां एक ओर बरकत चली जाती है वहीं व्यक्ति कई तरह के संकटों से घिर जाता है।
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11. द्वार-देहरी पूजा : घर की वस्तुओं को वास्तु अनुसार रखकर प्रतिदिन घर को साफ और स्वच्छ कर प्रतिदिन देहरी पूजा करें। जो नित्य देहरी की पूजा करते हैं, देहरी के आसपास घी के दीपक लगाते हैं, उनके घर में स्थायी लक्ष्मी निवास करती है। घर के बाहर शुद्ध केसर से स्वस्तिक का निर्माण करके उस पर पीले पुष्प और अक्षत चढ़ाएं। घर में लक्ष्मी का आगमन होगा।
 
12. घर को मंदिर समझें : जिस घर में मदिरा सेवन, स्त्री अपमान, तामसिक भोजन और अनैतिक कृत्यों को महत्व दिया जाता है उनका धन दवाखाने, जेलखाने और पागलखाने में ही खर्च होता रहता है।
 
13. पीपल की पूजा : शनिवार को पीपल के वृक्ष में काले तिल, कच्चा दूध, गंगा जल, शहद, गुड़ को स्टील या चांदी के बर्तन में डालकर अर्पित करें व सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। बस यह कार्य प्रत्येक शनिवार को करते जाएंगे तो धीरे-धीरे दुर्भाग्य दूर होता जाएगा। पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जला दें, फिर वापस घर आ जाएं और पीछे मुड़कर न देखें। इससे आपको धनलाभ के साथ ही हर बिगड़ा काम बन जाएगा।
 
14. पोंछा लगाना : सप्ताह में एक बार (गुरुवार को छोड़कर) समुद्री नमक से पोंछा लगाने से घर में शांति रहती है। घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर घर में झगड़े भी नहीं होते हैं तथा लक्ष्मी का वास स्थायी रहता है।
 
15. कुत्ते को रोटी खिलाते रहें : अगर पर्याप्त पैसा कमाने के बाद भी धन संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से चुपड़ी रोटी खिलाएं।
16. मकड़ी का जाला : घर में या वॉशरूप में कहीं भी मकड़ी का जाला न बनने दें।
 
16. अटाला : घर में कहीं भी कचरा या अटाला जमान न होने दें।
 
17. छत रखें साफ : छपर पर बांस न रखें और किसी भी प्रकार की अनुपयोगी वस्तुएं भी न रखें।
 
18. ये पांच कार्य न करें : 1.कभी भी व्याज का धंधा न करें, 2.पराई स्त्री से संबंध न करें, 3.झूठ न बोलें, 4.नाखून और बाल बढ़ा कर न रखें और शरीर को कभी भी गंदा न न रखें। प्रतिदिन शरीर के सभी छीद्रों को तीन वक्त जल से छोएं। सुबह, शाम और रात्रि। दांतों को अच्छे से साफ और चमकदार बनाएं रखें।
 
19. तिजोरी : तिजोरी में हल्दी की कुछ गांठ एक पीले वस्त्र में बांधकर रखें। साथ में कुछ कोड़ियां और चांदी, तांबें आदि के सिक्के भी रखें। कुछ चावल पीले करके तिजोरी में रखें। तिजोरी में इत्र की शिशी, चंदन की बट्टी या अगरबत्ती का पैकेट भी रख सकते हैं जिससे उसमें सुगंध बनी रहेगी। तिजोरी को मुंह उत्तर में खुलने वाला होना चाहिए।
 
20. बटुआ : यदि आप बटुवा या पर्स रखते हो तो काले रंग का होना चाहिए। बटुएं या रुपए को पेंट की पीछे वाली जेब में न रखें। शर्ट और पेंट की जेब फटी हो तो उसे ठीक कराएं।
 
21. सोना : कभी भी दक्षिण या पूर्व दिशा में पैर करके न सोएं। सोने से पहले सिरहाने तांबा का लौटे में जलभर कर रखें और सुबह उसे बाहल कहीं ढोल दें।
 
22. पूजाघर : घर में पूजाघर है तो किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर ही पूजा घर बनवाएं। यदि वह बनाने की छूट देता है तो किसी वास्तुशस्त्री से संपर्क करके ही पूजाघर बनवाएं। पूजाघर ईशान कोण में ही होना चाहिए। किसी देवी-देवता की एक से ज्यादा मूर्ति या तस्वीर न रखें।
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23. हनुमान पूजा : यदि आप अपार धन की इच्छा रखते हैं तो सबसे पहले हनुमानजी से अपने पापों की क्षमा मांगकर प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ते हुए 5 मंगलवार बढ़ के पत्ते पर आटे का दीया जलाकर उनके मंदिर में रखकर आएं। हनुमानजी की कृपा हुई तो पहले गृह और ग्रह दशा में सुधार होगा और फिर धन प्राप्ति के मार्ग खुलेंगे।
 
24. केसर और कपूर : श्रीमहालक्ष्मी का ध्यान करके मस्तक पर शुद्ध केसर का तिलक लगाएं। धनलाभ के समाचार मिलेंगे। प्रतिदिन सुबह और शाम को कपूर जलाएं। घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष हो तो वहां कपूर की एक डली बगैर जलाए रख दें। कर्पूर अति सुगंधित पदार्थ होता है। इसके दहन से वातावरण सुगंधित हो जाता है। कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है।
 
25. अल्पना : अल्पना या मांडना यह घर में बनाएं। कई घरों को सुंदर बनाने के लिए अल्पना का प्रयोग किया जाता है। रसोईघर में छींका चौक, मां अन्नपूर्णा की कृपादृष्टि बनी रहे, इस हेतु विशेष फूल के आकार की अल्पना बनती है जिसके 5 खाने बनते हैं। हर खाने में विभिन्न अनाज-धन-धान्य को प्रतीकस्वरूप उकेरा जाता है।
 
ये उपाय आजमाएं : एक वक्त में एक ही उपाय करें- 
1. मिट्टी के बर्तन में सोने चांदी के सिक्के लाल कपड़े में बांधकर रखें। उसे गेहूं और चावल से भरकर वायव्य कोण में रख दें।
 
2. गोपी चंदन की 9 डलियां लेकर उसे पेड़ पर टांग दें। 
 
3. बुधवार के दिन सफेद कपड़े का झंडा लेकर उसे पीपल के पेड़ पर लगा दें।
 
4. बुधवार के दिन सवा किलो साबुत मूंग को हांडी में रखें, दूसरी हांडी में सवा किलो नमकर भी भरें। अब दोनों हांडियों को घर में रख दें। 
 
5. शुक्रवार के दिन महालक्ष्मी के मंदिर में जाकर 9 बत्तियों का घी का दीपक जलाएं।

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