गणेशोत्सव गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है। अनंत चतुर्दशी के ही दिन श्री गणेश विसर्जन भी होता है अर्थात 19 सितंबर 2021, रविवार के दिन होगा।
19 सितंबर, रविवार को श्री गणेश प्रतिमा विसर्जन के शुभ मुहूर्त-
चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ- 19 सितंबर 2021 को 05.59 मिनट से हो रहा है और 20 सितंबर 2021 को 05.28 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी।
* प्रातः- 07.40 मिनट से दोपहर 12.15 मिनट तक।
* अपराह्न- 01.46 मिनट से 03.18 मिनट तक।
* सायंकाल- 06.21 मिनट से 10.46 मिनट तक।
* रात्रि- 01.43 मिनट से 03.12 मिनट तक।
* उषाकाल (भोर की बेला)- 20 सितंबर, सोमवार 04.40 मिनट से 06.08 मिनट रहेगा।
कैसे करें विसर्जन-
श्री गणेश विसर्जन से पूर्व स्थापित श्री गणेश प्रतिमा का संकल्प मंत्र के बाद षोड़शोपचार पूजन-आरती करना चाहिए। गणेश जी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। मंत्र बोलते हुए 21 दूर्वा-दल चढ़ाएं। 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास चढ़ाएं और 5 ब्राह्मण को प्रदान कर दें। शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें।
पूजन के समय यह मंत्र बोलें- ॐ गं गणपतये नम:
दूर्वा-दल चढ़ाते समय यह मंत्र बोलें- श्री गणेश को 21 दूर्वा-दल चढ़ाई जाती है। दो दूर्वा-दल नीचे लिखे नाम मंत्रों के साथ चढ़ाएं।
- ॐ गणाधिपाय नम:।- ॐ उमापुत्राय नम:।- ॐ विघ्ननाशनाय नम:।- ॐ विनायकाय नम:।- ॐ ईशपुत्राय नम:।- ॐ सर्वसिद्धप्रदाय नम:।- ॐ एकदन्ताय नम:। - ॐ इभवक्त्राय नम:। - ॐ मूषकवाहनाय नम:।- ॐ कुमारगुरवे नम:।
इसके बाद श्री गणेश की आरती करें और विसर्जन स्थल पर ले जाकर पुन: एक बार आरती करें एवं श्री गणेश की प्रतिमा जल में विसर्जित कर दें और यह मंत्र बोलें-यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्। इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
19 सितंबर को शाम 04.30 से 6 बजे तक राहुकाल रहेगा, अत: इस दौरान विसर्जन न करें।