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Shraddha paksha 2023: दशमी के श्राद्ध की खास बातें, जानिए शुभ मुहूर्त

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Pitru Shradh Dashmi ka shradh : इस बार पितृ पक्ष का दशमी तिथि का श्राद्ध रविवार, 8 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में दशमी तिथि के श्राद्ध का खास महत्व बताया गया है। अत: दशमी तिथि पर जिनका देहांत हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन करना चाहिए। साथ ही यह भी कहा गया है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। 
 
आइए जानते हैं दशमी श्राद्ध की खास बातें, इस दिन क्या करें तथा शुभ मुहूर्त के बारे में- 
 
 
दशमी श्राद्ध : रविवार, 8 अक्टूबर 2023 के शुभ मुहूर्त : Dashmi shradhh ke muhurat 2023 
 
कुतुप मुहूर्त- 10.52 ए एम से 11.41 ए एम
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
 
रौहिण मुहूर्त- 11.41 ए एम से 12.30 पी एम
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
 
अपराह्न काल- 12.30 पी एम से 02.57 पी एम
अवधि- 02 घंटे 27 मिनट्स
 
दशमी तिथि का प्रारंभ- अक्टूबर 08, 2023 को 01.42 ए एम बजे
दशमी तिथि की समाप्ति- अक्टूबर 09, 2023 को 04.06 ए एम बजे
 
आज के शुभ योग एवं समय : 
 
रवि पुष्य योग 05.09 ए एम से 06.15 पी एम 
सर्वार्थ सिद्धि योग 05.09 ए एम से 06.15 पी एम
 
ब्रह्म मुहूर्त- 03.35 ए एम से 04.22 ए एम 
प्रातः सन्ध्या 03.59 ए एम से 05.09 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 10.52 ए एम से 11.41 ए एम 
विजय मुहूर्त- 01.19 पी एम से 02.08 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05.24 पी एम से 05.47 पी एम 
सायाह्न सन्ध्या 05.24 पी एम से 06.34 पी एम
अमृत काल 11.06 ए एम से 12.53 पी एम 
निशिता मुहूर्त- 10.53 पी एम से 11.40 पी एम
 
न करें ये कार्य :Ye Kary Nahi Karen
दशमी श्राद्ध के दिन घर में गृह कलह न करें। बासी भोजन,  चरखा, मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन, सफेद तील, मूली, लौकी, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसो का साग, चना आदि वर्जित माना गया है, अत: कोई यदि इनका उपयोग करना है तो पितृ नाराज हो जाते हैं। इस दिन शराब पीना, मांस खाना, श्राद्ध के दौरान मांगलिक कार्य करना, झूठ बोलना और ब्याज का धंधा करने से भी पितृगण नाराज हो जाते हैं।
 
जानिए दशमी तिथि श्राद्ध की खास बातें...Dashmi shradhh ki baten
 
1. जिन लोगों का देहांत इस दिन अर्थात तिथि अनुसार दोनों पक्षों (कृष्ण या शुक्ल) दशमी तिथि हो हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है।
 
2. इस दिन वेदी पर किए गए पिंडदान से भटक रहे और कष्ट भोग रहे पितरों को स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। 
 
3. इस दिन कूप में पिंडदान करने से श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को अश्‍वमेघ यज्ञ का फल प्रदान होता है।
 
4. दशमी के श्राद्ध के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर भोजन तैयार कर लें और भोजन को पांच भागों में विभाजित करने के बाद पहले पंचबलि को भोग लगाएं और फिर 10 ब्राह्मणों को भोज कराएं। उन्हें यथाशक्ति दक्षिणा दें। 10 को भोज नहीं करा पा रहे हैं तो कम से कम एक ब्राह्मण को भोज कराएं। यह भी नहीं कर पा रहे हैं तो यथाशक्ति गरीबों को दान दें। आप चाहे तो सिर्फ आटा, गुड़, घी, नमक और शक्कर का दान कर सकते हैं।
 
5. सभी के भोजन कराने के बाद परिवार के सदस्यगण भोजन करें। 
 
6. इस दिन गीता के दसवें अध्याय का पाठ करें या करवाएं।
 
7. श्रद्धा पूर्वक तर्पण और पिंडदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
 
8. दक्षिण दिशा में पितरों के निमित्त 2, 5, 11 या 16 दीपक जरूर जलाएं। आप अपनी गैलरी में भी जला सकते हैं।
 
9. गुड़ घी को मिलाकर सुगंधित धूप दें, जब तक वह जले तब तक 'ॐ पितृदेवताभ्यो नम': का जप करें और इसी मंत्र से आहुति दें।
 
10. परिवार के सभी सदस्यों से बराबर मात्रा में सिक्के इकट्ठे करके उन्हें मंदिर में दान करें।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

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