चैत्र अमावस्या 2022: कब है Chaitra Amavasya, इन 10 शीतल उपायों से जीवन में मिलेंगे शुभ फल

Webdunia
Amavasya 2022
 
हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की अमावस्या (Chaitra Amavasya 2022) उदयातिथि के अनुसार दिन शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022 को मनाई जाएगी। इस बार अमावस्या की शुरुआत गुरुवार, 31 मार्च 2022 को होगी तथा 1 अप्रैल के दिन समाप्त होगी। 
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार चैत्र माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि (Amavasya Tithi) को 'चैत्र अमावस्या' के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष की मानें तो हर माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन प्रेतात्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं इसीलिए चौदस और अमावस्या के दिन बुरे कार्यों तथा नकारात्मक विचारों से दूरी बनाए रखने में हमारी भलाई रहती है। 
 
इन दिनों खास तौर पर धार्मिक कार्य, मंत्र जाप, पूजा-पाठ, पितृ तर्पण, नदी स्नान आदि कार्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। भारतीय धर्म संस्कृति में अमावस्या का दिन स्नान-दान की दृष्‍टि से अधिक महत्व का माना गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार अमावस्या के दिन पितृ अपने वंशजों से मिलने जाते हैं। चैत्र अमावस्या के दिन स्नान और दान शुभ मुहूर्त करने से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं। यहां पढ़ें अमावस्या के दिन करने योग्य 10 शीतल उपाय-
 
पढ़ें 10 सरल उपाय-Amavasya ke upay 
 
1. मान्यतानुसार इस दिन व्रत-उपवास रखकर पवित्र नदी में स्नान, दान व पितरों को भोजन अर्पित करने से पितृगण प्रसन्न होकर खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं। 
 
2. अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा-सा गंगा जल, काले तिल, शकर, चावल, सादा जल तथा पुष्प अर्पित करके 'ॐ पितृभ्य: नम:' का जाप करने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं। 
 
3. जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, वे लोग अमावस्या के दिन गाय को दही और चावल खिलाएं, इस उपाय से मानसिक शांति प्राप्त होती है। 
 
4. अमावस्या के दिन अगर कोई व्यक्ति व्रत रखकर पितृ का ध्यान तथा तर्पण करके उनके लिए सच्चे मन से प्रार्थना करता हैं तो पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 
5. हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र अमावस्या के दिन दक्षिणा दिशा की तरफ मुंह रखकर अपने दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। पितृ तर्पण के समय जल में काले तिल अवश्‍य मिलाएं। 
 
6. अमावस्या के दिन तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए 3 बार सूर्य देव को अर्घ्य देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होती है।
 
7. अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करने से भी जीवन के परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
 
8. अमावस्या पर जो लोग नदी पर न जा सकें वे घर पर स्नान करके अनुष्ठान करना चाहते हैं तो उन्हें पानी में थोड़ा-सा गंगा जल मिलाकर तीर्थों का आह्वान करते हुए स्नान करना चाहिए। 
 
9. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि पर किसी पवित्र नदी में स्नान करके पितृ तर्पण करके सूर्य नारायण को अर्घ्य देना चाहिए। तत्पश्चात ब्राह्मण को भोजन करवा कर गरीबों को खाने-पीने की चीजें, वस्त्रादि का दान करना चाहिए।
 
10. अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध, दान तथा तर्पण करके गीता का पाठ पढ़ना, पितृ स्तोत्र या पितृ सूक्त पढ़ना अतिशुभ माना जाता है, इससे पितरों को यातनाओं से मुक्ति तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

ALSO READ: साल 2022 की अमावस्या और पूर्णिमा की लिस्ट यहां मिलेगी आपको

 
Amavasya 2022

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी पर इस बार जानिए पितृदोष से मुक्ति के 5 अचूक उपाय

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: 13 नवंबर के दिन किन राशियों को मिलेगी खुशखबरी, किसे होगा धनलाभ, पढ़ें 12 राशियां

13 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

13 नवंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

नीलम कब और क्यों नहीं करता है असर, जानें 7 सावधानियां

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर कब, कहां और कितने दीपक जलाएं?

अगला लेख
More