माता बगलामुखी व्रत 3 मई को, जानिए क्या करें इस दिन

माता बगलामुखी व्रत पूजन विधि
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बगलामुखी देवी ही समस्त प्रकार से ऋद्धि तथा सिद्धि प्रदान करने वाली हैं। तीनों लोकों की महान शक्ति जैसे आकर्षण शक्ति, वाक् शक्ति, और स्तंभन शक्ति का आशीष देने का सामर्थय सिर्फ माता के पास ही है देवी के भक्त अपने शत्रुओं को ही नहीं बल्कि तीनों लोकों को वश करने में समर्थ होते हैं, विशेषकर झूठे अभियोग प्रकरणों में अपने आप को निर्दोष सिद्ध करने हेतु देवी की आराधना उत्तम मानी जाती हैं। माता बगलामुखी व्रत 3 मई 2017 को है।

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इस दिन प्रातः काल जल्दी उठें।  
 
नियत कर्मों से निवृत होकर पीले रंग का वस्त्र धारण करें। 
 
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार व्रती को साधना अकेले मंदिर में अथवा किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर माता बगलामुखी की पूजा करनी चाहिए। 
 
पूजा की दिशा पूर्व में होना चाहिए। 

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पूर्व दिशा में उस स्थान को जहां पर पूजा करना है। उसे सर्वप्रथम गंगाजल से पवित्र कर लें। 
 
तत्पश्चात उस स्थान पर एक चौकी रख उस पर माता बगलामुखी की प्रतिमूर्ति को स्थापित करें। 
 
तत्पश्चात आचमन कर हाथ धोएं, आसन पवित्र करें। 
 
माता बगलामुखी व्रत का संकल्प हाथ में पीले चावल, हरिद्रा, पीले फूल तथा दक्षिणा लेकर करें। 
 
माता की पूजा : धूप, दीप, अगरबत्ती, पीले फल, पीले फूल, पीले लड्डू का प्रसाद चढ़ा कर करना चाहिए। 
 
व्रत के दिन व्रती को निराहार रहना चाहिए। 
 
रात्रि में फलाहार कर सकते हैं। 

अगले दिन पूजा करने के पश्चात भोजन ग्रहण करें। 

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