अगस्त में भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। राजनीतिक क्षेत्र में सत्ता व जनता के बीच तनाव बढ़ेगा। विपक्ष मजबूत रहेगा। विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति नजर आएगी। महिलाओं के लिए यह माह अच्छा रहेगा। बालकों को इस माह कष्ट रहेगा।
अमेरिका, रूस, दक्षिण अफ्रीका व दुबई में विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में अच्छी उन्नति होगी, साथ ही अमेरिका का दबाव विश्व में बढ़ेगा। श्रीलंका, पाकिस्तान, चीन व दक्षिण कोरिया में महिलाओं पर अधिक कष्ट रहेगा। बेरोजगारी बढ़ेगी, साथ ही विद्यार्थी वर्ग परेशान रहेगा। सिंगापुर व कुवैत में आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
1 अगस्त से शुक्र कन्या राशि में आएगा, फलस्वरूप चांदी में मंदी-तेजी रहेगी। अनाज, गुड़, शकर एवं ऊनी वस्त्रों में तेजी आएगी तथा चावल में विशेष तेजी आएगी। 4 अगस्त से सूर्य आश्लेषा नक्षत्र में रहेगा और उसके प्रभाव से सोना, चांदी, रुई, गेहूं, चावल, उड़द, चना, गुड़, शकर, घी, तिल्ली, तेल, सरसों, अलसी व मिर्च का भाव तेज रहेगा।
10 अगस्त को शुक्र के हस्त नक्षत्र में आने से रूई, चांदी, चावल में मंदी, सोने में तेजी व गुड़-शकर में तेजी-मंदी रहेगी। 17 अगस्त से सूर्य मघा नक्षत्र में आएगा। उससे रूई, चांदी, मूंग, जुवार, बाजरा, सरसों, तिल व मिर्च में तेजी रहेगी।
24 अगस्त को शुक्र चित्रा नक्षत्र में भ्रमण करेगा जिसके परिणामस्वरूप सोना, चांदी और अनाजों के भाव स्थिर रहेंगे। 31 अगस्त को सूर्य के पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में आने से जीरा, सोना, गुड़, शकर, सरसों, तिल, तेल, घी, गेहूं, जुवार, चावल, ऊनी कपड़ा व रूई में तेजी आएगी।
इस माह की कुंडली को बादल की चाल से देखें, तो 4 अगस्त को सूर्य के आश्लेषा नक्षत्र में होने से भारी वर्षा के योग हैं। 17 अगस्त को सूर्य के मघा नक्षत्र में होने से वर्षा कम होगी व 31 अगस्त को सूर्य के पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होने से भारी वर्षा होगी।