7 जून से बुध के मृगशिरा नक्षत्र में आने से रूई में तेजी, चांदी में घटा-बढ़ी होकर मंदी तथा गेहूं, सरसों व उड़द में मंदी आएगी। 8 जून से सूर्य के मृगशिरा नक्षत्र में एवं शुक्र के कर्क राशि में आने से रूई, सूत, रेशम, सन, कपूर, कस्तूरी, चंदन, सोना, चांदी, उड़द, मूंग, मोठ, चना, बाजरा, अलसी, नारियल, घृत, गुड़ व शकर में तेजी आएगी।
10 जून से बुध मिथुन राशि में आएगा, इससे रूई व सोना-चांदी में मंदी रहेगी। 11 जून से शुक्र के पुष्य नक्षत्र में आने से रूई, सूत, सन, रेशम, ऊन व धान्य में तेजी और लाख, चमड़ा, कपूर, पारा, हींग, गुड़ व शकर में मंदी आएगी।
11 जून से बुध के पुनर्वसु नक्षत्र में आने से चांदी, रूई, कपास, सूत, सन में मंदी आएगी। 15 जून से सूर्य के मिथुन राशि में होने से कंद मूल, फल, पाट, बारदाना, रेशम, सूत, कपास, रूई, सरसों, लोहा, तिल, तेल, गुड़, शकर, घृत, मूंग, उड़द, गेहूं, चना, चावल, सोना एवं चांदी में तेजी का रुख रहेगा। 22 जून से सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में आने से रूई, सूत, कपास, खली, अलसी, मोती, गेहूं, चावल, चना, जौ, चांदी में तेजी एवं सोना में घटा-बढ़ी रहेगी।
23 जून से शुक्र के आश्लेषा नक्षत्र में आने से रूई में मंदी, चांदी में घटा-बढ़ी तथा रसादि पदार्थ गुड़, दूध के भाव तेजी में आकर बाद में मंदे होंगे। अनाज का भाव मध्यम रहेगा। 27 जून को बुध के पुष्य नक्षत्र में आने से सोना, चांदी में मंदी, रूई में घटा-बढ़ी के बाद मंदी तथा सूती ऊनी वस्त्रों का भाव तेज रहेगा।
जून माह में विश्व में शांति कम व अशांति ज्यादा रहेगी। अमेरिका, स्विट्जरलैंड, दक्षिण अफ्रीका में आर्थिक परेशानी व राजकोष में परेशानी आएगी। उत्तरी कोरिया नए आविष्कार करेगा व विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति होगी। चीन भारत पर दबाव बनाने का प्रयास करेगा, पाकिस्तान को विश्व से दबाव बनेगा और वह अपने ही कारनामों से परास्त होगा।
दुबई में व्यापार की स्थिति मजबूत होगी, विशेषकर सोने का अच्छा व्यापार होगा। श्रीलंका भी इस माह व्यापार में ठीक रहेगा। नेपाल-भूटान में जनता सुखी होगी व सरकार के नए कार्य में उन्नति होगी। भारत में महिलाओं का रोजगार में विकास होगा। भारत में विज्ञान के क्षेत्र में नए आविष्कार होंगे व अच्छी उन्नति होगी। कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक से अच्छा विकास होगा।