Shraddha paksha 2023 : इन दिनों 16 श्राद्ध चल रहे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार जिनका भी देहांत जिस भी तिथि को हुआ है उनका श्राद्ध उन तिथि में ही किया जाता है, परंतु कुछ तिथियां महत्वपूर्ण होती है। इसमें अष्टमी का श्राद्ध बहुत अधिक महत्व रखता है। बता दें कि श्राद्ध काल मध्यान्ह काल में ही किया जाता है। इस बार अष्टमी का श्राद्ध 6 अक्टूबर 2023, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं यहां अष्टमी श्राद्ध के बारे में...
अष्टमी का श्राद्ध कैसे करते हैं | How to do Ashtami Shradh
- कुश आसन पर पूर्वमुखी होकर बैठें। देव, ऋषि और पितरों के लिएद धूप-दीप जलाएं, फूल माला चढ़ाएं और सुपारी रखें।
- एक थाली में जल में तिल, कच्चा दूध, जौ, तुलसी मिलाकर रख लें। पास में ही खाली तरभाणा या थाली रखें।
- कुशे की अंगूठी बनाकर अनामिका अंगुली में पहनकर हाथ में जल, सुपारी, सिक्का, फूल लेकर तर्पण का संकल्प लें।
- इसके बाद जल, कच्चा दूध, गुलाब की पंखुड़ी डाले, फिर हाथ में चावल लेकर देवता एवं ऋषियों का आह्वान करें।
- अब मंत्र उच्चारण करते हुए पहली थाली से जल लेकर दूसरी में अंगुलियों से ऋषि एवं देवता और अंगूठे से पितरों को अर्पित करें।
- ध्यान रखें कि पूर्व की ओर देवता, उत्तर की ओर ऋषि और दक्षिण की ओर मुख करके पितरों को जल अर्पित करें।
- कुश के आसन पर बैठकर पितरों के निमित्त अग्नि में गाय का दूध, दही, घी एवं खीर अर्पित करें।
- इसके बाद गाय, कुत्ता, कौवा और अतिथि के लिए भोजन से चार ग्रास निकालकर अलग रखें।
- अंत में ब्राह्मण, दामाद या भांजे को भोजन कराएं और तब खुद भोजन करें।
अष्टमी के श्राद्ध का महत्व | Significance of Ashtami Shradh
1. श्राद्ध पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी और भैरव अष्टमी भी कहते हैं।
2. अष्टमी को गजलक्ष्मी का व्रत भी रखा जाता है जो कि दिवाली की लक्ष्मी पूजा से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
3. अष्टमी के श्राद्ध पर खरीदारी की जा सकती है।
अष्टमी श्राद्ध के नियम | Ashtami Shraddha ke Niyam
1. अष्टमी को जिनका देहांत हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन करना चाहिए।
2. जो अष्टमी को श्राद्ध करता है वह सम्पूर्ण समृद्धियां प्राप्त करता है।
3. यदि निधन पूर्णिमा तिथि को हुई हो तो उनका श्राद्ध अष्टमी, द्वादशी या पितृमोक्ष अमावस्या को किया जा सकता है।
4. अष्टमी के श्राद्ध के दिन महिलाएं अपने परिवार और बच्चों के लिए व्रत रखती है।
5. अष्टमी के श्राद्ध के दिन विधिवत श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता।
अष्टमी श्राद्ध कब है 2023 में, जानें मुहूर्त। Ashtami tithi shraddha 2023 kab hai
अष्टमी श्राद्ध : शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023 को
सर्वार्थ सिद्धि योग 01.02 पी एम से 07 अक्टूबर 05.10 ए एम तक।
अष्टमी तिथि का प्रारंभ- अक्टूबर 05, 2023 को 10.04 पी एम बजे
अष्टमी तिथि की समाप्ति- 6 अक्टूबर 2023 को 11.38 पी एम बजे
कुतुप मुहूर्त- 10.53 ए एम से 11.42 ए एम
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
रौहिण मुहूर्त- 11.42 ए एम से 12.31 पी एम
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
अपराह्न काल- 12.31 पी एम से 02.57 पी एम
अवधि- 02 घंटे 27 मिनट्स
आज का शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- 03.36 ए एम से 04.23 ए एम
प्रातः सन्ध्या 04.00 ए एम से 05.11 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 10.53 ए एम से 11.42 ए एम
विजय मुहूर्त- 01.19 पी एम से 02.08 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05.24 पी एम से 05.48 पी एम
सायाह्न सन्ध्या 05.24 पी एम से 06.35 पी एम
निशिता मुहूर्त- 10.53 पी एम से 11.41 पी एम
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