वैशाख मास में सूर्य की तेज धूप और गर्मी चारों ओर रहती है और यह आकुलता को बढ़ाती है तो इस तिथि पर शीतल जल, कलश, चावल, चना, दूध, दही आदि खाद्य पदार्थों सहित वस्त्राभूषणों का दान अक्षय व अमिट पुण्यकारी होता है। अगर अक्षय तृतीया के दिन दान को श्रेष्ठ माना गया है। माना जाता है कि जो लोग इस दिन अपने सौभाग्य को दूसरों के साथ बांटते हैं वे ईश्वर की असीम अनुकंपा पाते हैं।
इस दिन दिए गए दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। सुख समृद्धि और सौभाग्य की कामना से इस दिन शिव-पार्वती और नर नारायण की पूजा का विधान है। चूंकि तृतीया मां गौरी की तिथि है कि इस दिन गृहस्थ जीवन में सुख-शांति की कामना से की गई प्रार्थना तुरंत स्वीकार होती है। गृहस्थ जीवन को निष्कंटक रखने के लिए इस दिन उनकी पूजा की जाना चाहिए।
अक्षय तृतीया के दिन यह 14 दान है महत्वपूर्ण :
1. गौ,
2. भूमि,
3. तिल,
4. स्वर्ण,
5. घी,
6. वस्त्र,
7. धान्य,
8. गुड़,
9. चांदी,
10. नमक,
11. शहद,
12. मटकी,
13 खरबूजा
14. कन्या।
इस दिन इन 14 तरह के दान का विशेष महत्व माना गया है। सुख, प्रसन्नता, वैभव, शांति, स्नेह, पराक्रम, यश, सौभाग्य में आश्चर्यजनक श्रीवृद्धि होगी। अगली तृतीया तक इस दान के चमत्कार को आप स्वयं महसूस कर सकते हैं।