Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Adhik Maas 2020 : अधिकमास में बहुत शुभफलदायक होंगे ये 5 काम

हमें फॉलो करें Adhik Maas 2020 : अधिकमास में बहुत शुभफलदायक होंगे ये 5 काम
आश्विन मास में 160 साल के बाद अधिकमास लगा है। इस मास की गिनती मुख्य महीनों में नहीं होती है। जब महीनों के नाम का बंटवारा हो रहा था तब अधिकमास उदास और दुखी था। क्योंकि उसे दुख था कि लोग उसे अपवित्र मानेंगे। 
 
ऐसे समय में भगवान विष्णु ने कहा कि अधिकमास तुम मुझे अत्यंत प्रिय रहोगे और तुम्हारा एक नाम पुरुषोत्तम मास होगा जो मेरा ही एक नाम है। इस महीने का स्वामी मैं रहूंगा।

उस समय भगवान ने यह कहा था कि इस महीने की गिनती अन्य 12 महीनों से अलग है इसलिए इस महीने में लौकिक कार्य भी मंगलप्रद नहीं होंगे। लेकिन कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें इस महीने में किए जाना बहुत ही शुभ फलदायी होगा और उन कार्यों का संबंध मुझसे होगा।
बहुत शुभफलदायक होंगे ये 5 काम
 
सत्‍यनारायण भगवान की पूजा 
 
अधिकमास में श्रीहरि यानी भगवान विष्‍णु की पूजा करना सबसे श्रेष्‍ठ माना जाता है। इसलिए अधिकमास में वैसे तो सभी प्रकार के शुभ कार्यों की मनाही होती है, लेकिन भगवान सत्‍यनारायण की पूजा करना सबसे शुभफलदायी माना जाता है। अधिकमास में विष्‍णुजी की पूजा करने से माता लक्ष्‍मी भी प्रसन्‍न होती हैं और आपके घर में धन वैभव के साथ सुख और समृद्धि आती है। 
महामृत्युंजय मंत्र का जप 
 
अधिकमास में ग्रह दोष की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना सबसे श्रेष्‍ठ माना जाता है। बेहतर होगा कि आप किसी पुरोहित से संकल्‍प करवाकर महामृत्‍युंजय मंत्र का जप करवाएं। यदि कोरोनाकाल में ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो आप खुद से ही अपने घर में महामृत्युंजय मंत्र का जप करवाएं। ऐसा करने से आपके घर से सभी प्रकार के दोष समाप्‍त होंगे और आपके घर में सकारात्‍मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ेगा।
यज्ञ और अनुष्ठान 
 
अगर आप काफी समय से अपनी किसी मनोकामना को लेकर यज्ञ या अनुष्‍ठान करवाने के बारे में सोच रहे हैं तो अधिकमास का समय इस कार्य के लिए सर्वश्रेष्‍ठ है। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, अधिकमास में करवाए जाने वाले यज्ञ और अनुष्‍ठान पूर्णत: फलित होते हैं और भगवान अपने भक्‍तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। 
ब्रजभूमि की यात्रा
 
पुराणों में बताया गया है कि अधिकमास में भगवान विष्‍णु और उनके सभी अवतारों की पूजा करना सबसे उत्‍तम माना जाता है। अधिकमास के इन 30 दिनों में अक्‍सर लोग ब्रज क्षेत्र की यात्रा पर चले जाते हैं। हालांकि इस वक्‍त कोरोनाकाल में ब्रजभूमि की यात्रा करना थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने घर में भगवान राम और कृष्‍ण की पूजा करें। इससे उत्‍तम फल की प्राप्ति होगी।
दान पुण्‍य के कार्य 
 
अधिकमास में दान पुण्‍य के कार्य आपके लिए बैकुंठधाम का मार्ग प्रशस्‍त करते हैं। अधिकमास के दिनों में आपको विशेष रूप से गुरुवार के दिन पीली वस्‍तुओं का दान करना चाहिए। ऐसा करने से प्रभु श्रीहरि की कृपा आपको प्राप्‍त होती है और आपका गुरु भी बलवान होता है। गुरु के बलवान होने का अर्थ है कि आपको करियर में सफलता प्राप्‍त होगी।
ALSO READ: अधिक मास में आरोग्य, धन और ऐश्वर्य प्राप्ति का वरदान देंगे ये 15 खास मंत्र


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shri Krishna 27 Sept Episode 148 : कुरुक्षेत्र में अर्जुन का विषाद और श्रीकृष्ण के सांख्य योग का ज्ञान