आ रहा है सबसे छोटा रवि-पुष्य नक्षत्र, आजमाएं धन-समृद्धि पाने का यह अचूक उपाय

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* रवि-पुष्य नक्षत्र में फलदायी है एकाक्षी नारियल का अचूक उपाय
 
17 जून 2018, रविवार को सबसे छोटा रवि-पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। पुष्य नक्षत्र जब रविवार के दिन होता है तब इसे रवि-पुष्य संयोग के नाम से जाना जाता है। यह सभी कार्यों के लिए शुभ व श्रेष्ठ मुहूर्त होता है। वर्ष 2018 में केवल 3 रवि-पुष्य और 2 गुरु-पुष्य संयोग बन रहे हैं। 
 
रवि-पुष्य के दिन एकाक्षी नारियल, नारियल का एक प्रकार है, लेकिन इसका प्रयोग अधिकांश रूप से तंत्र प्रयोगों में किया जाता है। इसके ऊपर आंख के समान एक चिह्न होता है। इसलिए इसे एकाक्षी (एक आंख वाला) नारियल कहा जाता है। इसे धन स्थान पर रखा जाता है। इसे साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। रवि पुष्य के दिन यदि इसे विधि-विधान से घर में स्थापित कर लिया जाए तो उस व्यक्ति के घर में कभी पैसों की कमी नहीं रहती है। 
 
आइए जानें एकाक्षी नारियल का अचूक उपाय
 
1. सबसे पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। 
 
2. रविपुष्य नक्षत्र के दिन शुभ मुहूर्त में अपने सामने थाली में चंदन या कुंकुम से अष्ट दल बनाकर उस पर इस नारियल को रख दें और अगरबत्ती व दीपक लगा दें।
 
3. शुद्ध जल से स्नान कराकर इस नारियल पर पुष्प, चावल, फल, प्रसाद आदि रखें। 
 
4. लाल रेशमी वस्त्र ओढ़ाएं। इसके बाद आधा मीटर लंबा रेशमी वस्त्र बिछाकर उस पर केसर से यह मंत्र लिखें -

 
मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महालक्ष्मीं स्वरूपाय एकाक्षिनालिकेराय नम: सर्वसिद्धि कुरु कुरु स्वाहा।
 
5. इस रेशमी वस्त्र पर नारियल को रख दें और यह मंत्र पढ़ते हुए उस पर 108 गुलाब की पंखुडियां चढ़ाएं। हर पखुंड़ी चढ़ाते समय इस मंत्र का उच्चारण करते रहें-

मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं एकाक्षिनालिकेराय नम:।
 
6. इसके बाद गुलाब की पंखुडियां हटाकर उस रेशमी वस्त्र में नारियल को लपेटकर थाली में चावलों की ढेरी पर रख दें और इस मंत्र की 1 माला जपें-

 
मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं एकाक्षाय श्रीफलाय भगवते विश्वरूपाय सर्वयोगेश्वराय त्रैलोक्यनाथाय सर्वकार्य प्रदाय नम:।
 
7. अगले दिन से दीपावली आने तक रोज 21 गुलाब से पूजा करें और उस रेशमी वस्त्र में लिपटे हुए नारियल को पूजा स्थान पर रख दें। इस प्रकार एकाक्षी नारियल को घर में स्थापित करने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं रहती है। इस उपाय को करने वालों को अपार लक्ष्मी प्राप्ति और स्थिर धन लाभ होता है।


 

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