आजकल नमस्कार करने की परिभाषा बदल रही है, ऐसे में हम बच्चों को संस्कारित कैसे करें। अत: यह बताना आवश्यक है कि नमस्कार कब, क्यों और कैसे करें।
एक समय था कि नमस्कार की एक विशेष प्रथा थी जिस कारण प्राय: सभी स्वस्थ रहते थे। जब घरों में कोई अतिथि आते हैं तो कुछ खाना-पीना अवश्य होता है। उन अतिथि के साथ परिवार के सदस्य भी खाते हैं, जो कि विशेष रूप से मेहमान के लिए बनाया जाता है, जबकि दैनिक दिनचर्या में हम सात्विक एवं हल्का भोजन ही खाते हैं।
इस विशेष रूप से बनाए जाने वाले भोजन को पचाने के लिए व्यायामयुक्त नमस्कार करने की प्रथा बनाई गई है।