Aquarius zodiac sign Kumbh Rashi bhavishyafal 2024 : यदि आपका जन्म 20 जनवरी से 18 फरवरी के बीच हुआ है तो सूर्य राशि के अनुसार आपकी राशि कुंभ है। चलिये जानते हैं कि वर्ष 2024 में कैसा रहेगा आपका भविष्य। कैसी रहेगी आपकी नौकरी, व्यापार चलेगा या नहीं, प्यार का मीटर अप रहेगा या डाउन, जीवनसाथी के साथ बनेगी या नहीं। आर्थिक समस्या का हल होगा या नहीं और कैसी रहेगी नए वर्ष में आपकी सेहत।
करियर, शिक्षा, नौकरी और व्यापार : लग्न भाव में शनि का गोचर सप्तम भाव पर दृष्टि डाल रहा है जो साझेदारी के व्यापार और दांपत्य जीवन के लिए सही नहीं माना जाता है। लेकिन पूरे वर्ष बृहस्पति का भ्रमण तीसरे और चौथे भाव में होगा जिसके चलते आपको मदद मिलेगी। राहु अष्टम भाव में और केतु दूसरे भाव में रहकर परेशानी खड़ी करेगा। यानी इस वर्ष परिश्रम से ही सफलता प्राप्त होगी। यदि आप आचरण शुद्ध रखकर कार्य करते हैं तो सफलता अवश्य मिलेगी। अन्यथा नौकरी, व्यापार, करियर या शिक्षा में समय सामान्य ही रहने वाला है। हालांकि बृहस्पति के कारण व्यापार में वृद्धि के योग बनेंगे और भाग्य में वृद्धि होगी। आपकी पदोन्नति रुकी हुई है तो इस अवधि में पदोन्नति मिलने की संभावना प्रबल है।
रिश्ते और परिवार : देव गुरु बृहस्पति आपके तीसरे भाव में रहकर आपके वैवाहिक जीवन में भी सुधार करेंगे। वर्ष के मध्य में जब वे चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे तब पारिवारिक संबंधों में और सुधार होगा। सुख और सुविधाओं का विस्तार होगा। हालांकि प्रेम संबंधों को लेकर यह वर्ष सामान्य ही बना रहने वाला है। अविवाहित हैं तो विवाह तय होने की संभावना है। विवाहित हैं तो संतान पक्ष की ओर से चिंता का समाधान होगा।
आर्थिक स्थिति : देव गुरु बृहस्पति वर्ष के मध्य तक आपके तीसरे भाव में रहकर आपकी आमदनी में बढ़ोतरी का कारण बनेंगे। आपको बचत पर ध्यान देकर इस अवधि में धन का व्यय करने से बचना चाहिए। स्थाई संपत्ति के विस्तार का योग साकार होगा। आर्थिक स्थिति पहले की अपेक्षा बेहतर होगी।
सेहत : स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह वर्ष सामान्य रहने वाला है। आप अपनी ओर से कोई ऐसा काम न करें जो आपको बीमार बना दे। राहु अष्टम भाव में और केतु दूसरे भाव में रहकर सेहत बिगाड़ सकते हैं। जिसके चलते भोजन में अरुचि, डायबिटीज, जोड़ों की तकलीफ, गैस अपच, तनाव आदि जैसी व्याधि उभर सकती है।
कुंभ राशि के लिए ज्योतिष के उपाय :-
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़े या शनिवार के दिन सुन्दरकाण्ड का पाठ करें।
- शनिवार के दिन शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं और हनुमानजी को दीपक लगाएं।
- गुरुवार के दिन पीली वस्तुओं का दान करें या गुरुवार का उपवास करें।