Shani ka gochar 2022: शनि इस वक्त मकर राशि में गोचर कर रहा है। बृहस्पति के बाद 29 अप्रैल को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ में गोचर करेगा। परंतु 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेगा। शनि ग्रह हर ढाई साल के अंतराल पर एक राशि से दूसरी राशि में जाता है।
वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर साल 2021 में शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) चल रही है जबकि मिथुन और तुला पर ढैय्या (Dhaiya) चल रही है। 29 अप्रैल 2022 को इन्हें ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। 17 जनवरी 2023 से शनि के मार्गी होने पर तुला और मिथुन राशि से पूरी तरह ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा। तुला राशि पर शनि की ढैय्या 24 जनवरी 2020 से चल रही है। अगले वर्ष 2022 में मीन पर साढ़ेसाती प्रारंभ होगी जबकि कर्क और वृश्चिक पर शनि की ढैया प्रारंभ होगी। अगले वर्ष धनु से साढ़ेसाथी हटेगी और तुला एवं मिथुन वालों को शनि की ढैया से मुक्ति मिलेगी।
धनु : शनि ग्रह अगले वर्ष 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में आ जाएंगे, तब धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलेगी, परंतु 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद तब 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी और मिथुन राशि वालों को ढैया से मुक्ति मिलेगी। आपके लिए शनि का मिलाजुला असर रहेगा।
मकर : मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती 26 जनवरी 2017 से शुरू हुई थी। यह 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी। शनि पिछले वर्ष से ही मकर राशि ( Capricorn ) में गोचर कर रहे हैं। इस राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। ऐसे में इस राशि के जातकों को बहुत ही सावधानी और सतर्कता से रहना होगा। क्योंकि शनि के प्रकोप के कारण धन-संपत्ति, परिवार से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है। किसी के द्वारा धोखा मिल सकता है या आपके सारे कार्य असफल हो सकते हैं। मतलब किये कराए पर पानी फिर सकता है।
कुंभ : कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी, परंतु शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा, यानि कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से निजात मिलेगी। हालांकि वर्तमान में आपके उपर गुरु की कृपा होने के कारण आपके लिए शनि देव का उतना असर नहीं होगा जितना की अन्य राशियों पर माना जा रहा है। आपके कर्म अच्छे हैं तो शनि आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
1. धनु- अंतिम चरण (सामान्यत: शुभ)
2. मकर- मध्यम चरण (सामान्यत: मध्यम)
3. कुंभ- प्रथम चरण (सामान्यत: अशुभ)
5. उपाय :
1. जिन लोगों की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में हैं उन्हें चाहिए कि इस समय का फायदे उठाएं और अच्छे कार्य करें।
2. जिन लोगों की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में नहीं है उन्हें अपने कर्मों पर ध्यान देना होगा। किसी भी तरह के अनैतिक और गलत कार्य से बचना होगा। यदि कर्म अच्छे हैं तो डरने की जरूरत नहीं है। यानी कि इस दौरान मकर राशि के जातकों को उनकी कुंडली में शनि की स्थिति और अपने कर्मों के आधार पर शनि का असर झेलना होगा।
3. ब्याज का धंधा करना, शराब पीना, पराई स्त्री के बारे में गलत सोचना, अंधे, गरीब और सफाईकर्मी का अपमान करना, गाली बकना, धर्म का अपमान करना और गृहकलह करना आपको भारी पड़ सकता है।
4. प्रति शनिवार को छाया दान करें। अर्थात एक कटोरी में सरसों का तेल डालकर उसमें अपना चेहरा देंखे और उसे कटोरी सहित शनि मंदिर में दान कर दें। इसके अलावा शनि से संबंधित अन्य चीजों का दान कर सकते हैं।