ज्योतिषियों और पंचांग के अनुसार इस 2020 वर्ष में 4 चंद्र ग्रहण ( Lunar eclipse 2020) बताए गए हैं। यह चंद्र ग्रहण भारत में आंशिक दिखाई देगा लेकिन विदेशों में जरूर इसका प्रभाव रहेगा। इसे उपछाया ग्रहण कहा गया है। हालांकि इस वर्ष पहला और दूसरा चंद्र ग्रहण ही भारत में देखा जा सकेगा। शेष की भारत में मान्यता नहीं है। पंचांग भिन्नता के कारण इनकी तिथि अलग-अलग बताई गई है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दो सूर्य ग्रहण है पहला 21 जून को और दूसरा 14 दिसंबर को।
1.पहला चंद्र ग्रहण : यह चंद्र ग्रहण 11 जनवरी 2020 को रहेगा। भारतीय समयानुसार यह 22:39 से 02:40 तक दिखाई देगा। पंचांग के अनुसार यह मिथुन राशि और पुनर्वसु नक्षत्र के दौरान कृष्ण पक्ष की प्रथम तिथि को घटित होगा।
हालांकि लाला रामस्वरूप कैलेंडर के अनुसार 10 जनवरी शुक्रवार की रात को चंद्र ग्रहण लगेगा। इस दौरान पौष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा होगी। 10 जनवरी की रात में 10 बजकर 37 मिनट से शुरू होगा और 11 जनवरी को 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 06 मिनट है।
2.दूसरा चंद्र ग्रहण : यह चंद्र ग्रहण 6 जून को रहेगा। भारतीय समयानुसार यह 23:16 से 02:32 तक दिखाई देगा। पंचांगानुसार यह वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र के दौरान कृष्ण पक्ष की प्रथम तिथि को घटित होगा।
हालांकि लाला रामस्वरूप कैलेंडर के अनुसार यह दूसरा चंद्र ग्रहण ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा शुक्रवार 5 जून की मध्य रात्रि में रहेगा। मध्य रात्रि को 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और 6 जून को 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 19 मिनट है।
3. तीसरा चंद्र ग्रहण : यह चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को भारतीय समयानुसार 08:38 से 11:21 तक रहेगा। पंचांगानुसार यह धनु राशि और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के दौरान शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को घटित होगा। दरअसल, चंद्रग्रहण 5 जुलाई की सुबह को 08 बजकर 37 मिनट से शुरू होगा और 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 2 घंटे 45 मिनट है।
4.चौथा चंद्र ग्रहण : यह चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को भारतीय समयानुसार 13:04 से 17:22 तक रहेगा। पंचागानुसार यह वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र के दौरान शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को घटित होगा। दरअसल, यह ग्रहण 30 नवंबर 2020 को दोपहर को 13 बजकर 02 मिनट से शुरू होगा और शाम 17 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 21 मिनट है।
चार राशियां और सावधानियां : मिथुन, वृश्चिक, धनु और वृषभ राशि के जातक इस दौरान सतर्क रहें और 5 सावधानियां बरतें।
1.ग्रहण के दौरान कोई भी नया काम शुरु न करें।
2.ग्रहण के दौरान तुलसी को ना छुएं।
3.ग्रहण के दौरान उपवास रखें और बाद में खाने और पीने की सामग्री में तुलसी के पत्ते डालें।
4.ग्रहण के दौरान ब्रश करने, कंघी करने और मलमूत्र का त्याग करने से भी बचना चाहिए।
5.ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को तेज धारदार औजारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
चंद्रग्रहण के उपाय :-
1.ग्रहण के दौरान धार्मिक और प्रेरणादायक पुस्तकों को पढ़ना चाहिए।
2.ग्रहण के दौरान अपने ईष्टदेव के मंत्रों के जाप करना चाहिए।
3.ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
4.ग्रहण समाप्ति के बाद किसी गरीबों को दान करना चाहिए।
5.ग्रहण समाप्ति के बाद मेहतर को नई झाड़ी और सिक्का दान करना चाहिए।
चंद्रग्रहण के लिए अन्य उपाय :-
1.सोमवार और प्रदोष का व्रत रखें।
2.दाढ़ी और चोटी न रखें।
3.सोमवार को केसर की खीर खाएं और कन्याओं को खिलाएं।
4.सोमवार के दिन श्वेत वस्त्रों का दान करना चाहिए।
5.शिवजी की पूजा करें और चावल का दान करें।