horoscope 2020 : पंचग्रही योग में आया नया साल, 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव, जानिए विस्तार से

आचार्य राजेश कुमार
नए वर्ष का जन्म कन्या लग्न और कुंभ राशि में हुआ है। वर्ष कुंडली में लग्न स्वामी, बुध राशि स्वामी शनि के साथ केंद्र में विराजमान है। इनके साथ ही सूर्य, केतु और गुरु भी उपस्थित हैं। कुल मिलाकर वर्ष के लग्न व राशि स्वामी लग्न से सुख भाव में सूर्य, गुरु व केतु के साथ पंचग्रही योग बना रहे हैं। वर्ष की शुरुआत में पराक्रम में मंगल बैठे हैं तो पंचम भाव में शुक्र विराजमान हैं। चंद्रमा छठे घर में हैं। 
 
वर्ष कुंडली के अनुसार ग्रहों की यह स्थिति आपके लिए कैसी रहेगी? शनि, राहू व बृहस्पति आपकी वर्ष कुंडली में आपकी राशि से किन भावों में विराजमान हैं? ग्रह गोचर 2020 का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?
 
मेष राशि 2020
 
मेष राशि वालों के लिए नया साल 2020 अनुकूल फलदायक रहेगा। भाग्य स्थान में सूर्य, बुध, गुरु, शनि और केतु की युति हो रही है, जो कि आपके भाग्य में वृद्धि के संकेत कर रहे हैं। हेल्थ से लेकर वेल्थ तक आप अपनी स्थिति काफी बेहतर देख सकते हैं।
 
हालांकि आपकी राशि के स्वामी मंगल वर्ष की शुरुआत में अष्टम भाव में स्वराशिगत है, जो कि शुरुआती दिनों में आपको अपनी फिटनेस पर ध्यान देने के संकेत कर रहे हैं। यदि आप पिछले कुछ समय से योग, ध्यान व व्यायाम आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की योजना बना रहे हैं तो इस वर्ष संकल्प के साथ इसकी शुरुआत कर सकते हैं।
 
इस वर्ष लगभग 9 माह तक राहु आपकी राशि से पराक्रम भाव में रहेंगे, जो कि आपका पराक्रम बढ़ने के संकेत कर रहे हैं। यदि पिछले कुछ समय से विदेश जाने की योजना बना रहे हैं तो इस वर्ष आपके लिए विदेश की छोटी-छोटी यात्राएं हो सकती हैं। जो जातक रेस्टॉरेंट, रियल स्टेट, गूढ़ रहस्य (पुरातत्व, ज्योतिष, वास्तु, रिसर्च, विज्ञान) आदि क्षेत्रों में अपना नया बिजनेस शुरू करने के इच्छुक हैं, उनके लिए भी यह वर्ष काफी अनुकूल कहा जा सकता है।
 
 
वर्ष कुंडली में लाभ स्थान में चंद्रमा आपके लिए फाइनेंशियल कंडीशन मजबूत होने के संकेत तो कर ही रहे हैं, साथ ही आपको घर का सुख भी इस वर्ष मिलने के आसार हैं। 
 
इसी वर्ष शनि के परिवर्तन से कर्मक्षेत्र में काफी उन्नति के योग बनेंगे। काफी समय से आया हुआ विचार, जो कि अभी तक पूरा करने का जोखिम नहीं उठा पा रहे थे, उसे अब आप बहुत ही अच्छे तरीके से कर पाएंगे। 24 जनवरी को शनि का मकर राशि में प्रवेश करना, जहां सूर्य पहले से विराजमान है, आपके लिए पिता के साथ संबंधों में मतभेद बढ़ सकता है। साथ ही कुछ समय के लिए आपके कामकाज में भी बाधाएं आ सकती हैं जिसके लिए आपको तैयार रहने की आवश्यकता रहेगी, क्योंकि कहते हैं न कि 'सावधानी हटी दुर्घटना घटी'। इसलिए कुछ चीजों को आप सचेत रहकर टाल सकते हैं अन्यथा नुकसान को कम तो निश्चित तौर पर कर सकते हैं।

 
सीनियर्स व अधिकारियों के साथ अपने व्यवहार को अच्छा रखें अन्यथा आपके लिए परिस्थितियां विकट भी हो सकती हैं। अपने स्वभाव में भी सुधार लाने की आवश्यकता होगी, क्योंकि उग्र स्वभाव में भी वृद्धि हो सकती है।

 
कर्मेश शनि का कर्म में विराजमान होना आपके लिए आगे आने वाले महीनों में आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल अवश्य दिलाएगा। विशेषकर जो जातक न्याय के क्षेत्र में या रिसर्च आदि में कार्य कर रहे हैं, उन्हें शनि उन्नति दिला सकते हैं।
 
 
30 मार्च को बृहस्पति भाग्य स्थान से गोचर कर कर्मभाव में शनि के साथ आ जाएंगे, जहां वे अपनी नीच राशि में होंगे। वैसे तो नीच राशि में ग्रह का होना अशुभ माना जाता है लेकिन आपकी कुंडली के अंदर कर्म का शनि भी स्वराशि का होगा। इन दोनों की युति से नीच भंग राजयोग बन रहा है, जो कि आपके छोटे से कार्य को भी बहुत ही बड़ा लाभ दिलाने में सहयोग करेगा।
 
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत से ही आपके लिए शुभ समय की शुरुआत हो जाएगी। इसी समय के आसपास मंगल भी अपनी उच्च राशि में दशम स्थान में शनि व गुरु के साथ रहेंगे जिसके कारण मीडिया, सिनेमा, सूचना, तकनीक, मनोरंजन आदि क्षेत्रों में आपको शुभ प्रभाव देखने को मिल सकता है।

 
11 मई को शनि का वक्र होना अचानक से कार्यक्षेत्र में बदलाव की संभावनाएं बना सकता है। शनि पिता के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं। शनि के पश्चात 14 मई को गुरु भी वक्री हो जाएंगे। लेकिन आपको घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि 'ज्योतिष प्रकाश तत्व' में लिखा है कि 'क्रूरा वक्रा महाक्रूरा सौम्या वक्रा महाशुभा' अर्थात क्रूर ग्रह वक्री होने पर नकारात्मक परिणाम अधिक देते हैं तो वहीं सौम्य यानी शुभ ग्रहों का भी शुभ प्रभाव अधिक हो जाता है। गुरु की कृपा से इस समय आपके अधूरे कार्यों को आप पूरा कर सकते हैं। रिलेशनशिप को लेकर, फैमिली लाइफ को लेकर कोई कंफ्यूजन चल रहा है तो उसे भी गुरु के प्रभाव से दूर किया जा सकता है। 
 
जून माह में वक्री गुरु धनु राशि में चले जाएंगे जिसके पश्चात आप अपनी योजनाओं पर अमल करना शुरू कर सकते हैं।
 
13 सितंबर को गुरु मार्गी हो जाएंगे। गुरु के मार्गी होने के साथ ही आपके दिमाग में नए-नए विचार जन्म ले सकते हैं। क्रिएटिव यानी रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह समय काफी अच्छा रहेगा।
 
23 सितंबर को आपकी राशि से दूसरे स्थान में राहु प्रवेश करेंगे जिससे आप किसी पारिवारिक विवाद में फंस सकते हैं। परिजनों के साथ वैचारिक मतभेद भी इस समय बढ़ सकते हैं। हालांकि व्यावसायिक तौर पर यह समय आपके लिए लाभ वाला रहने की उम्मीद की जा सकती है। धन-संपदा में वृद्धि के योग बन रहे हैं।
 
इसी समय केतु का अष्टम भाव में आना अचानक से धनलाभ गुप्त धन की प्राप्ति या लॉटरी आदि से धन के योग बन सकते हैं। कुल मिलाकर सितंबर के अंतिम दिनों में आपकी फाइनेंशियल कंडीशन काफी मजबूत रहने के आसार हैं।
 
सितंबर महीने के लगभग अंत में 29 सितंबर 2020 को शनि मार्गी हो जाएंगे जिससे अब तक अगर आपको कामकाज में किसी तरह की बाधा का सामना करना पड़ा है तो उससे निजात मिल सकती है। लंबित कार्य भी सिरे चढ़ सकते हैं।

 
11 नवंबर को गुरु के पुन: राशि बदलकर मकर राशि में शनि के साथ आने पर नीचभंग राजयोग का लाभ आपको मिलने लगेगा। कामकाजी जीवन में सफलता तो मिलेगी ही, साथ ही आपके करियर में उन्नति के योग भी बनेंगे। कार्यों में तेजी आएगी।



वृषभ राशि 2020
 
वृषभ राशि 2020 के अनुसार नया साल आपके लिए काफी अच्छा रहने के आसार हैं। आपका वार्षिक राशिफल कहता है कि यह साल आपके लिए नई सफलताएं, नई उपलब्धियों वाला रहेगा। इसका कारण है कि वर्ष 2020 की शुरुआत के समय आपकी राशि के स्वामी शुक्र आपकी राशि से भाग्य स्थान में विराजमान हैं, जो कि आपके लिए इस वर्ष को बहुत ही उज्ज्वल व उन्नति वाला वर्ष रहने के संकेत कर रहे है, वहीं आपकी राशि से अष्टम भाव में पंचग्रही योग एक महायोग बना रहा है, जो कि आपके लिए शुभाशुभ प्रभाव डालने वाला रहेगा। मंगल का आपकी राशि से सप्तम भाव में स्वराशिगत होना आपके लिए 2020 में वैवाहिक जीवन और व्यापार में सफलता मिलने के योग भी आपके लिए बना रहा है।
 
वर्षांरंभ के समय भाग्य के कारक शनि अपने से 12वें स्थान में होने से आपके भाग्य को थोड़ा कमजोर कर रहे हैं जिससे कि हो सकता है पिछले कुछ समय से आपके कार्य बनते-बनते अटक रहे हों। इस समय आप पर शनि की ढैया भी चल रही है। ऐसे में आपको थोड़ा धैर्य, थोड़े विवेक से काम लेने की आवश्यकता रहेगी, क्योंकि 24 जनवरी से शनिदेव भाग्य स्थान में ही विराजमान होंगे, जो कि आपके भाग्योदय का कार्य करेंगे, साथ ही आपको शनि की ढैया से मुक्ति इस समय मिल जाएगी। इस तरह आगामी समय आपके लिए काफी सुखद रहने की उम्मीद कर सकते हैं। 
 
2020 के अनुसार वर्ष की शुरुआत के समय ही गुरु का अष्टम भाव में अष्टमेष होकर विराजमान होना आपको सेहत का ध्यान रखने की ओर संकेत कर रहा है। जाहिर है इस समय आप अपने खान-पान का ध्यान न रख पाएं। पेट संबंधी समस्याओं का ध्यान रखें। बढ़ता हुआ वजन भी आपके लिए एक समस्या हो सकता है। हालांकि बृहस्पति की 9वीं दृष्टि आपके सुख भाव पर पड़ रही है जिससे आपके लिए घर में सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी के संकेत भी मिल रहे हैं।
 
आप यदि अपना घर खरीदने की लंबे समय से योजना बना रहे हैं, कोई नया वाहन खरीदना चाहते हैं तो इस समय अपनी इन इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं। घर में सुख-सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भी आप प्रयासरत हो सकते हैं। यदि पिछले कुछ दिनों से माता की सेहत के प्रति चिंतित हैं तो इस समय सुधार दिखाई देगा जिससे आपको राहत मिलेगी।
 
30 मार्च को गुरु भाग्य के स्थान में आ जाएंगे, जहां पर पहले से ही भाग्य का शनि विराजमान है। भाग्य स्थान में गुरु व शनि की युति से बहुत ही शुभ संयोग आपके लिए बन रहे हैं। नीच भंग राजयोग भी इस समय आपकी राशि के लिए बन रहा है, जो कि आपके लिए अपार सफलता के द्वार खोलने वाला रहेगा। शनि आपके लिए कर्मभाव के स्वामी भी हैं। बृहस्पति को अच्छा सलाहकार माना जाता है इसलिए शनि के साथ गुरु के होने से आपको लाइफ के हर पहलू पर अच्छे सुझाव मिल सकते हैं।
 
मई के लगभग दूसरे सप्ताह के मध्य तक का समय आपके लिए शुभ कहा जा सकता है लेकिन उसके पश्चात पहले शनि और उसके बाद गुरु क्रमश: 11 व 14 मई को वक्री हो रहे हैं। शनि व गुरु की चाल उल्टी होने से आपको थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्यों में धीमापन आ सकता है। भाग्य का साथ भी आपको इस समय कम ही मिलेगा। धन निवेश के मामले में कोई जोखिम न उठाएं। विशेषकर शेयर बाजार में निवेश करने वाले जातक सतर्क रहें। कोई नई डील इस समय करेंगे तो हो सकता है, आपको उसमें अपेक्षित लाभ न मिले।
 
जून के अंत में गुरु पुन: धनु राशि में आ जाएंगे। इस समय आपके रुके हुए कार्यों के सिरे चढ़ने के आसार बनने लगेंगे।
 
सितंबर तक हालात मिले-जुले रहने की उम्मीद कर सकते हैं। 13 सितंबर को बृहस्पति मार्गी हो जाएंगे जिससे कि आप स्वयं में एक सकारात्मक ऊर्जा महसूस करेंगे। भाग्य का भी आपको इस समय से पूर्ण सहयोग मिलने लगेगा। कार्यों में सफलता मिल सकती है। लंबित कार्य पूरे होने के आसार भी बनेंगे।
 
23 सितंबर को राहु अपनी उच्च मानी जाने वाली (मूल त्रिकोण) राशि यानी आपकी ही राशि में प्रवेश करेंगे, जो कि आपके हुनर को निखारने में आपकी सहायता करेंगे। इस समय आप अपनी क्षमताओं की पहचान कर अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं जिसके लिए आपको प्रशंसा व पुरस्कार दोनों मिल सकते हैं।
 
जमीन-जायदाद का सुख भी आपको मिल सकता है, विशेषकर पैतृक संपत्ति आपको मिल सकती है। राजकीय सम्मान की प्राप्ति भी आपको राहु दिलवा सकते हैं। जो जातक उच्च शिक्षा हासिल करना चाहते हैं, किसी प्रतिष्ठित संस्थान से कोई प्रोफेशनल डिग्री करने की सोच रहे हैं, उन्हें भी सफलता मिल सकती है।
 
इसी समय केतु भी अपनी राशि बदलकर आपकी राशि से सप्तम भाव में आ जाएंगे। पर्सनल लाइफ में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। दांपत्य जीवन को केतु नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। आपके लिए अचानक से रिश्ते बनेंगे और अचानक से ही बने-बनाए रिश्ते टूटने की कगार पर भी पहुंच सकते हैं।
 
सितंबर के आखिर में शनि मार्गी हो जाएंगे जिससे भाग्य का फिर से आपको साथ मिलने लगेगा। कामकाज में तेजी आएगी। अपनी कामकाजी व्यस्तता के चलते हो सकता है कि आप अपनी पर्सनल लाइफ की ओर थोड़ा कम ध्यान दे पाएं। हमारी सलाह है कि पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ में जितना हो सके, संतुलन बनाकर चलें।
 
नवंबर के उतरार्द्ध में गुरु के मकर राशि में आते ही पुन: नीच भंग राजयोग का लाभ आपको मिलने लगेगा। कुल मिलाकर वृषभ राशि वालों के लिए वार्षिक राशिफल 2020 की हैप्पी एंडिंग के संकेत कर रहा है।
 

मिथुन राशि 2020
 
मिथुन राशि 2020 के अनुसार इस वर्ष आप काफी बेहतर डिसीजन लेंगे। लाइफ के कई मुश्किल और महत्वपूर्ण निर्णय भी आप बड़ी सूझ-बूझ के साथ ले सकते हैं। दरअसल, वर्ष की शुरुआत में आपकी राशि के स्वामी बुध नववर्ष 2020 की शुरुआत के समय बनी वर्ष कुंडली में अपने से 7वें स्थान में होने से आपकी राशि को पूरी एनर्जी दे रहे हैं और आपका भरपूर सहयोग व मार्गदर्शन भी कर रहे हैं। सूर्य के साथ होने से बुधादित्य योग भी आपके लिए बना रहे हैं। वर्ष की शुरुआत में गुरु भी वर्ष की बेहतर प्लानिंग बनाने में आपकी मदद कर रहे हैं। इस समय की गई प्लानिंग के कारण ही आगे का रास्ता आपके लिए काफी स्पष्ट होगा। किसी भी तरह का निर्णय लेने में आपको कोई परेशानी नहीं आएगी। चूंकि इस साल की शुरुआत बुधवार से हो रही है इसलिए भी आपकी राशि के स्वामी बुध इस वर्ष के राजा भी हैं।
 
चंद्रमा आपकी राशि से भाग्य स्थान में रहेंगे, जो कि आपके लिए उन्नति व पदोन्नति के योग बना रहे हैं। स्वास्थ्य के मामले में भी इस वर्ष आप काफी फिट रह सकते हैं। जो जातक थोड़े-बहुत शारीरिक तौर पर असहज महसूस करते हैं, वे भी अपनी फिटनेस पर इस वर्ष फोकस कर सकते हैं। तनाव से मुक्ति के लिए योग व अध्यात्म संबंधी क्रियाओं के लिए समय निकालना भी आपके लिए इस वर्ष अच्छे परिणाम लेकर आ सकता है।
 
मंगल 6ठे भाव में होने के कारण प्रतिद्वंद्वी, विपक्षी, विरोधी अथवा शत्रु आपकी चिंताओं को तो बढ़ा सकते हैं लेकिन आपको किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे। शुक्र के अष्टम भाव में होने के कारण अपने लाइफ पार्टनर की सेहत के प्रति आपको थोड़ा ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। यह सुनिश्चित करें कि आपका पार्टनर अपने खान-पान और विश्राम पर ठीक से ध्यान दे रहा है या नहीं? उनकी केयर कर आप अपने साथी की सेहत में सुधार तो करेंगे ही, साथ ही आपके रिश्ते भी और अधिक मधुर, और अधिक गहरे तथा विश्वासपूर्ण बनेंगे।
 
हालांकि सप्तम भाव में बुध, गुरु, सूर्य, केतु और शनि के एकसाथ विराजमान होने से आपकी पर्सनल लाइफ में अचानक से उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। कभी-कभी आपको बहुत ज्यादा प्रेम तो कभी-कभी बहुत ज्यादा मनमुटाव भी देखने को मिल सकता है। एक-दूसरे की ईगो आपके प्रेम के आड़े आ सकती है। सप्तम भाव में बन रहे इस पंचग्रही योग का सीधा प्रभाव आपके दांपत्य जीवन के साथ-साथ बिजनेस, फाइनेंस आदि लाइफ के विभिन्न पहलुओं पर पड़ेगा। 
 
वर्ष की शुरुआत में आपकी ही राशि में विराजमान राहु भी अपना असर डाल सकते हैं, जो कि आपको कार्य करने में धैर्य की कमी कर सकते हैं। हड़बड़ी या कहें कि जल्दबाजी में अक्सर सही काम के परिणाम भी अच्छे नहीं मिलते इसलिए इससे जितना हो सके बचने का प्रयास करें।
 
वर्ष की शुरुआत में राहु आपकी ही राशि में विराजमान रहेंगे जिससे योजनाएं तो बहुत सारी बनेंगी लेकिन साथ ही यह आपको भ्रमित भी करेंगे। कामकाज संबंधी यात्राएं भी हो सकती हैं तथा स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। अतिआत्मविश्वास से बचें। किसी भी कार्य को करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जानना बहुत जरूरी है।
 
24 जनवरी से शनि राशि परिवर्तन करते हुए आपकी राशि से अष्टम भाव में विराजमान हो जाएंगे। इसका लाभ आपको आपकी निगेटिविटी को कम करने में मिलेगा, क्योंकि इससे पहले शनि की पूर्ण दृष्टि भी आप पर थी जिससे आपके कार्यों की गति धीमी हो रही थी। लेकिन अष्टम के शनि और उनकी तीसरी दृष्टि आपके कार्यक्षेत्र पर पड़ने से अचानक से आपके कार्यों में बदलाव के संकेत दे रहे हैं।
 
30 मार्च को बृहस्पति राशि परिवर्तन कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जो कि उनकी नीच राशि है। शनि वहां पर पहले से ही विराजमान हैं। शनि और गुरु का यह युति संबंध आपके लिए नीचभंग राजयोग बना रहा है जिसका लाभ आपको कार्यक्षेत्र में मिल सकता है। 
 
11 मई को शनि का वक्र होना आपके लिए बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है। आपके काम में कमियां निकाली जा सकती हैं। आप पर आरोप भी लग सकते हैं। अपने काम पर इस समय में विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी।
 
14 मई को गुरु वक्री हो जाएंगे जिससे आपकी पर्सनल लाइफ में प्रेम व विवाह आदि के योग बनेंगे। लेकिन इसके साथ ही विवाहेत्तर संबंध बनने की संभावनाएं भी हैं जिससे आपको बचना चाहिए। धन क्षेत्र में लाभ, पैतृक संपत्ति की प्राप्ति, नए घर, नए वाहन आदि के योग भी इस समय में आपके लिए बनेंगे।
 
30 जून को धनु राशि में गुरु चले जाएंगे जिससे वे अपनी मूल स्थिति में आ जाएंगे। जन्म स्थान, घर की ओर जाने (स्थान परिवर्तन) के योग आपके लिए बनेंगे।
 
13 सितबंर को गुरु के मार्गी होने से पुन: कार्यक्षेत्र में सफलता के योग बनने शुरू होंगे। नई योजनाएं भी इस समय जन्म ले सकती हैं। घर-परिवार में किसी मांगलिक कार्य होने की भी प्रबल संभावनाएं हैं। हालांकि आपको इसमें थोड़ा धैर्य रखने की आवश्यकता रहेगी। जल्दबाजी या किसी दुविधा की स्थिति में अपनी लाइफ के महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें।
 
23 सितंबर को राहु राशि परिवर्तन कर वृषभ राशि में चले जाएंगे, जो कि आपकी राशि से 12वें स्थान में होंगे, जो कि व्यय का स्थान भी माना गया है। खर्चे अधिक बढ़ेंगे। लेकिन उच्च राशि में राहु का होना काफी समय से विदेश जाने का विचार यदि आपने बना रखा था, तो इस समय उस पर आगे कदम बढ़ाने का यह सही समय होगा।
 
इसके साथ ही केतु भी वृषभ की शुरुआत में दांपत्य जीवन में विराजमान रहेगा, जो कि आपकी पर्सनल लाइफ में द्वंद्व बनाकर रखेगा। वैचारिक मतभेद की संभावनाएं भी हैं। लेकिन अविवाहित जातकों के लिए अचानक से 'चट मंगनी पट ब्याह' के योग भी बनाएगा। इसी समय केतु का परिवर्तन भी वृश्चिक राशि में हो जाएगा जिससे शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के योग बनेंगे। किसी भी प्रतियोगिता में विजयश्री प्राप्त हो सकती है। 
 
इसके पश्चात 29 सितंबर को शनि के मार्गी होने पर आपको पुन: अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा हासिल हो सकती है। नवंबर के उतरार्द्ध में गुरु के पुन: शनि के साथ आने से नीचभंग राजयोग का लाभ आपको फिर से मिलने लगेगा। करियर में खासतौर पर आपको इससे लाभ मिल सकता है।
 

कर्क राशि 2020
 
वर्ष की शुरुआत में कर्क राशि वालों के लिए चंद्रमा अष्टम भाव में रहेंगे, जो कि शुरुआती समय में आपको स्वास्थ्य के मामले में थोड़ा चिंतित कर सकते हैं। स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें। इस वर्ष में आपको प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने व अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के बड़े अवसर प्राप्त हो सकते हैं। दरअसल, आपकी राशि से 6ठे स्थान में बुध, गुरु, सूर्य, शनि और केतु एकसाथ विराजमान हैं, जो कि आपको नए-नए अवसर मिलने के संकेत कर रहे हैं।
 
बुध और शनि वर्ष की कुंडली में विपरीत राजयोग भी बना रहे हैं, जो कि यह दर्शाते हैं कि आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलेगा। यदि पिछले कुछ समय में आपको अपनी मेहनत के अनुसार फल नहीं मिला है तो इस समय भाग्य से आपके सारे गिले-शिकवे दूर हो सकते हैं।
 
खेल जगत व सिनेमा से जुड़े जातकों को इस समय विदेश की यात्राओं और विदेश में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर अच्छी सफलताएं मिल सकती हैं। कुछ कर दिखाने का मौका आपके लिए यही है। आईटी, इंजीनियरिंग, मीडिया, एक्टिंग, पॉलिटिक्स आदि क्षेत्रों में यदि आप अपना करियर बनाने की सोच रहे हैं तो मंगल का स्वराशि का होना आपके लिए शुभ परिणाम लेकर आ सकता है। 
 
24 जनवरी के बाद शनि का परिवर्तन होने से करियर के मामले में कुछ परिवर्तन के योग आपके लिए बन रहे हैं, जो कि आपके लिए सफलतादायक भी हो सकते हैं। शनि वर्ष पत्रिका में आपकी राशि से शश महायोग बना रहे हैं। स्थिर व्यापार के लिए शनि का परिवर्तन आपके लिए बहुत शुभ परिणाम लेकर आने वाला रहेगा। शनि का सप्तम भाव में स्वराशिगत होना अविवाहित जातकों के लिए विवाह के योग भी बना रहा है। लेकिन मांगलिक कार्यों में थोड़ी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
 
30 मार्च को बृहस्पति का मकर राशि में आना, जो कि आपकी राशि से भाग्य स्थान के स्वामी भी हैं, अचानक से किसी मांगलिक कार्य के योग बनाने वाला रहेगा। साथ ही कार्यक्षेत्र में नई-नई योजनाएं इस समय बननी शुरू होंगी। मकर राशि में शनि पहले से मौजूद हैं जिनकी उपस्थिति से गुरु और शनि की युति आपके लिए नीचभंग राजयोग बना रही है। ग्रहों के इस संयोग से हो सकता है कि शुरुआत में आपको अधिक परिश्रम करना पड़े लेकिन इसका लाभ भी आपको बहुत अच्छा मिलने के आसार हैं। 
 
11 मई को शनि का वक्री होना आपके मांगलिक कार्य व व्यापार में अड़चनें पैदा कर सकता है। हो सके तो इन कार्यों को कुछ समय के लिए रोककर चलें। 14 मई को गुरु के वक्र होने से इसका प्रभाव आपके लाभ स्थान पर होने से लाभ की स्थिति बढ़ेगी, साथ ही गुरु की सप्तम दृष्टि अपनी उच्च राशि पर होने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी दूर होने के आसार बनेंगे। पराक्रम में दृष्टि पड़ने से भी पराक्रम और छोटे भाई-बहनों से भी लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। 
 
30 जून को बृहस्पति धनु राशि में आ जाएंगे, जो कि आपको स्वास्थ्य के नजरिये से थोड़ा ध्यान रखने के योग बना रहे हैं। इस दौरान आपको पेट संबंधी गैस आदि की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वजन बढ़ने की चिंता भी आपको इस समय सता सकती है। कुल मिलाकर पर्सनली थोड़ा ध्यान रखने की आवश्यकता आपको इस समय में रहेगी।
 
आपके लिए परिस्थितियों में बदलाव की आहट सितंबर महीने में देखने को मिल सकती है। 13 सितंबर को गुरु के मार्गी होने से स्वास्थ्य के साथ-साथ करियर, लव, फाइनेंस हर तरह से समय आपके अनुकूल रहने के आसार हैं। भाग्य का पूरा साथ आपको मिलेगा। आपके पराक्रम में वृद्धि होगी और तरक्की के रास्ते आपके लिए खुलेंगे। है।
 
23 सितंबर को राहु आपकी राशि से 11वें स्थान में वृषभ राशि में आ जाएंगे, जो कि आपकी राशि से लाभ का स्थान बनता है। लाभ स्थान में राहु के आने से आपको कार्यक्षेत्र व धन के मामले व यात्राओं में लाभ व सफलता मिलने की प्रबल संभावनाएं हैं।
 
29 सितंबर को शनि के मार्गी होने के पश्चात आप अपनी योजनाओं को अमलीजामा पहना सकते हैं। यहां से आपके लिए करियर में सफलता के द्वार खुल जाएंगे। कामकाज में तेजी रहने की उम्मीद कर सकते हैं। 20 नवंबर को गुरु पुन: मकर राशि में आ जाएंगे जिससे आपके लिए मांगलिक कार्य व स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं। भाग्य में उन्नति के आसार भी नजर आ रहे हैं। जीवनसाथी का भी भरपूर सहयोग आपको मिल सकता है।


सिंह राशि 2020
 
सिंह राशि 2020 के अनुसार यह वर्ष आपके लिए मान-सम्मान व पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाला रह सकता है। आपकी राशि के स्वामी सूर्य वर्ष कुंडली में पंचम स्थान में बुध, गुरु, शनि व केतु के साथ विराजमान हैं। सूर्य और बुध के योग से बुधादित्य योग बना रहा है, जो कि इस वर्ष आपको ख्याति दिला सकता है। करियर के मामले में विशेष रूप से यह वर्ष आपके लिए लाभकारी रहने की उम्मीद की जा सकती है।
 
सप्तम भाव में चंद्रमा के होने से जीवनसाथी का भी आपको इस वर्ष भरपूर सहयोग मिल सकता है। अविवाहित जातकों के लिए विवाह के योग भी बन सकते हैं। प्रेम संबंधों में मधुरता आने के योग भी आपके लिए बन रहे हैं। भाग्य के स्वामी मंगल स्वराशि के होकर चतुर्थ स्थान में विराजमान हैं, जो कि इस वर्ष नए घर, नए वाहन या किसी बड़ी प्रॉपर्टी की खरीददारी के योग आपके लिए बना रहे हैं। मातृसुख भी आपके लिए इस साल बढ़ सकता है।
 
कर्मभाव के स्वामी शुक्र जरूर आपको थोड़ा परेशान कर सकते हैं, क्योंकि यह आपकी राशि से 6ठे स्थान पर प्रतिस्पर्धाओं को बढ़ा रहे हैं लेकिन मित्र राशि के होने से मेहनत करने पर इन प्रतिस्पर्धाओं में आपको लाभ मिल सकता है। राहु का 11वें स्थान का होना जैसे कि पिछले वर्ष विदेश यात्राओं का योग बना था, उसी प्रकार इस वर्ष भी छोटी-छोटी यात्राएं यात्राएं होती रहेंगी।
 
सूर्य का शनि और केतु के साथ होना यह आपके पिता और सीनियर अधिकारियों के साथ वैचारिक मतभेद बढ़ा सकता है, जो जातक अपना नया व्यवसाय शुरू करने का विचार बना रहे हैं और अपने परिजनों विशेषकर पिता पर निर्भर हैं, उन्हें अपने पिता को मनाने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। नौकरीशुदा जातकों को भी अपने सीनियर्स के साथ अच्छी बनाकर रखने की आवश्यकता रहेगी। संभव हो सके तो अपने किसी भी काम को पेंडिंग न छोड़ें।
 
संतानकारक ग्रह बृहस्पति वर्ष की शुरुआत में स्वराशिगत होंगे जिससे कि संतान सुख या संतान पक्ष से आपको सुख मिल सकता है, जो जातक विद्यार्थी हैं और उच्च शिक्षा पाने के इच्छुक हैं, उनके लिए भी मनचाहे कोर्स में दाखिला लेने के योग बन रहे हैं। विदेश में पढ़ने के इच्छुक जातकों को भी सफलता मिल सकती है।
 
24 जनवरी को शनि का परिवर्तन होगा, जो कि आपकी राशि से 6ठे स्थान में आ जाएंगे। स्वराशि में शनि के आने पर आपके शत्रुओं की संख्या बढ़ सकती है। रोगों में इजाफा हो सकता है। कहा जाता है कि शनि जहां पर बैठते हैं, उस स्थान की बढ़ोतरी कर देते हैं, परंतु स्वराशि के शनि के होने से शत्रु आपको कोई हानि नहीं पहुंचा पाएंगे। केवल मानसिक तनाव रह सकता है। 
 
30 मार्च को मकर राशि में बृहस्पति भी प्रवेश करेंगे, जो कि आपकी राशि से 6ठे स्थान में होंगे। यह आपके लिए प्रतिस्पर्धाओं में सफलता के योग बनाएंगे। शत्रु भी आपसे लालायित होंगे। मान-सम्मान बढ़ेगा। राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त कर सकते हैं। बृहस्पति और शनि की युति से यहां पर नीचभंग राजयोग भी बन रहा है। छोटी-छोटी सफलताओं के साथ आप बड़ी सफलता की ओर भी कदम बढ़ाएंगे। इस समय मिलने वाले किसी भी अवसर को हाथ से न जाने दें।
 
11 मई को शनि के वक्री होने पर शत्रुओं से होने वाली परेशानियां और अधिक हो सकती हैं, लेकिन वक्री शनि के प्रभाव से इस समय पर आप उनको ईंट का जवाब पत्थर से दे सकते हैं। मानसिक उलझनों में ज्यादा न पड़ें। इसका कुछ असर आपके दांपत्य जीवन में जीवनसाथी पर भी पड़ सकता है। जीवनसाथी को शारीरिक कष्ट होने की आशंकाएं बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। कोई भी कार्य करें तो उसे धैर्य के साथ करने का प्रयास करें। शनि के मार्गी होने के बाद इस तरह की जो भी समस्याएं हैं, वे कम होती चली जाएंगी।
 
14 मई को गुरु मकर राशि में ही वक्री होंगे। इसके पश्चात गुरु जो शुभ प्रभाव आप पर डाल रहे हैं, वह और बढ़ जाएगा, क्योंकि शुभ ग्रहों की शुभता वक्र होने पर बढ़ जाती है। 
 
30 जून को गुरु वक्री अवस्था में ही पुन: धनु राशि में चले जाएंगे, जो इस समय आप में योजना बनाने की क्षमता को बढ़ाएंगे और पुन: भविष्य के लिए सपने संजोने लगेंगे।
 
13 सितंबर को गुरु धनु राशि में मार्गी हो जाएंगे जिसके पश्चात आप अपनी योजनाओं को साकार रूप देने लगेंगे।
 
इसी वर्ष राहु भी राशि परिवर्तन कर रहे हैं। 23 सितंबर को राहु का परिवर्तन वृषभ राशि में हो रहा है, जो कि आपकी राशि से कर्मभाव में होंगे। कर्मभाव में होने से कार्य करने की क्षमता का विकास होगा। सीनियर्स की अपेक्षाएं बढ़ सकती हैं। लेकिन उच्च के राहु आपको यह सफलता दिलाने में पूरा सहयोग करेंगे, हालांकि आपको सफलता के लिए अपने सीनियर्स व सहयोगी कर्मियों को साथ लेकर चलना होगा। अहंकार से जितना हो सके,  बचकर रहें। साथ ही केतु भी माता के स्थान में प्रवेश करेंगे, जो कि आपकी माता के स्वास्थ्य या स्वभाव में एक नकारात्मकता उत्पन्न कर सकते हैं।
 
29 सितंबर से पुन: शनि अपनी मूल अवस्था में आ जाएंगे, जो कि धीरे-धीरे कार्य, स्वास्थ्य व मानसिक तनाव में कमी लाएंगे।
 
20 नवंबर को गुरु धनु राशि से मकर राशि में आ जाएंगे जिसके पश्चात आपके लिए सफलता प्राप्ति के योग बनेंगे।

कन्या राशि 2020
 
कन्या राशि वालों के लिए कर्मक्षेत्र के मालिक भी बुध हैं और बुध कर्मभाव को सप्तम दृष्टि से देख भी रहे हैं। बुध का बृहस्पति के साथ होना यह दर्शाता है कि इस वर्ष करियर में आपको अच्छी सफलताएं मिल सकती हैं। नई-नई योजनाएं आपके जेहन में आ सकती हैं।
 
बुध व गुरु के साथ ही सूर्य भी है, जो कि आपके आत्मबल को भी मजबूत करेगा जिससे भविष्य में आपको वर्षभर इसका लाभ मिलता रहेगा। भाग्य के स्वामी शुक्र भी आपके भाग्य को मजबूत कर रहे हैं तथा पंचम स्थान का स्वामी शनि केंद्र में विराजमान है, जो कि आपकी शिक्षा व संतान के लिए शुभ रहने वाला है।
 
बृहस्पति का केंद्र में स्वराशिगत होना आपके लिए हंस महायोग बना रहा है जिसे बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है। इस योग के होने से इस वर्ष आपको अपने सुख स्थान, गृह स्थान व माता के स्थान से अच्छा सुख प्राप्त होगा। जो जातक लंबे समय से घर खरीदने का विचार बना रहे हैं उनके प्रयास इस वर्ष सिरे चढ़ सकते हैं और उनका अपने घर का सपना पूरा हो सकता है।
 
बृहस्पति आपके लिए सप्तम भाव के स्वामी भी हैं, जो इंगित करता है कि घरेलू लाइफ में भी आपको अपने लाइफ पार्टनर से अविवाहित जातकों को रिलेशनशिप में अपने पार्टनर से काफी अच्छा सहयोग व अच्छा समर्थन मिलेगा। अविवाहित जातिकाओं के लिए विवाह के योग भी बन रहे हैं। अच्छा जीवनसाथी आपको इस समय मिल सकता है।
 
राहु का कर्मक्षेत्र में होना थोड़ा बहुत काम के मामले में अड़चनें भी लेकर आ सकता है लेकिन अंतत: आपके लिए कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग बन सकते हैं। पराक्रम के स्वामी मंगल पराक्रम में विद्यमान हैं। पराक्रम में वृद्धि के योग बन रहे हैं। छोटे भाई-बहनों को भी आप अपना प्यार दे पाएंगे। देशभर के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से भी आप इस बारे में परामर्श ले सकते हैं।
 
24 जनवरी को शनि का परिवर्तन होगा जिसके पश्चात आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। दरअसल, इसी समय पिछले ढाई साल से आप पर चल रही शनि की ढैया भी समाप्त हो जाएगी। आपकी राशि से पंचम स्थान में शनि के आने पर मान-सम्मान बढ़ेगा, उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, कानून की पढ़ाई करना चाहते हैं तो सफलता मिलेगी, शोध कार्यों की ओर भी आप अग्रसर हो सकते हैं।
 
30 मार्च को गुरु मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जहां पर पहले से ही मकर के स्वामी शनि अपनी ही राशि में विद्यमान हैं। गुरु और शनि की युति से नीचभंग राजयोग बना रहे हैं जिसके होने से शिक्षा व संतान प्राप्ति के योग भी आपके लिए बनने शुरू होंगे। साथ ही गुरु की सप्तम दृष्टि अपनी उच्च राशि पर पड़ना तथा नवम दृष्टि आपकी राशि पर पड़ना आपको अच्छी एनर्जी देगा, साथ ही स्वास्थ्य भी आपका अनुकूल रहेगा।
 
11 मई को शनि वक्री हो जाएंगे जिसके पश्चात जो दंपति बेबी प्लान कर रहे हैं, उन्हें ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। विद्यार्थियों को इस समय अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। जो प्रोफेशनल्स अपने फील्ड में दक्ष तो हैं लेकिन किसी प्रकार की शैक्षणिक डिग्री उनके पास नहीं है तो वे भी संबंधित प्रोफेशनल कोर्स में औपचारिक शिक्षा शुरू कर सकते हैं।
 
जब तक शनि वक्री रहेंगे, तब तक वक्र शनि का प्रभाव आपके दांपत्य जीवन पर इस समय थोड़ा नेगेटिव रह सकता है, क्योंकि यहां शनि अपनी तीसरी दृष्टि से देख रहे होंगे। जीवनसाथी की हेल्थ को लेकर भी आप थोड़ा इस समय टेंस रह सकते हैं।
 
14 मई को गुरु भी वक्री हो जाएंगे। वैसे तो गुरु का वक्र होना शुभ माना गया है लेकिन इस समय पर गुरु का प्रभाव पूरी कुंडली में फैल जाता है जिससे वह फल तो अच्छे देता है लेकिन थोड़े समय के लिए देता है।
 
30 जून को गुरु धनु राशि में चले जाएंगे। घर-परिवार को लेकर जो चीजें अधूरी रह गई थीं, वे इस समय पूरी हो सकती हैं। यही वो समय है, जब आप प्रॉपर्टी संबंधी कोई डील फाइनल कर सकते हैं।
 
13 सितबंर को गुरु के मार्गी होते ही आपकी लाइफ की गाड़ी जो ट्रैक से उतरती हुई नजर आ रही थी, एक बार फिर से वह ट्रैक पर आ जाएगी।
 
23 सितंबर को राहु-केतु का परिवर्तन हो जाएगा, जहां वे कर्मभाव से आपके भाग्य स्थान में आएंगे। भाग्य स्थान का राहु व्यक्ति को धार्मिकता से विमुख करता और धैर्य में कमी भी लेकर आता है। इस समय आपको थोड़ा संभलकर रहने की आवश्यकता रहेगी। विवेक से काम लें। भावावेश में आकर कोई भी निर्णय न लें। जल्दबाजी तो बिलकुल भी न करें।
 
यदि आप ऐसा करने में सफल रहे तो भाग्य स्थान में राहु आपके लिए कार्योन्नति के योग भी बना रहे हैं, वहीं केतु का परिवर्तन आपकी राशि से तीसरे स्थान में हो रहा है, जो कि पराक्रम का स्थान माना जाता है। इस समय में आपको अपने छोटे भाई-बहनों के साथ मतभेदों से बचना होगा।
 
यात्रा के दौरान भी थोड़ी सावधानी रखें। कुल मिलाकर इस समय आपको सतर्क बने रहने की आवश्यकता रहेगी अन्यथा 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी' वाली कहावत आपके लिए सार्थक हो सकती है।
 
आपके पराक्रम में वृद्धि वाला समय भी रहेगा, क्योंकि केतु को अक्सर मंगल जैसा ही फलदायी माना जाता है और केतु मंगल की ही राशि में होंगे। छोटी-छोटी यात्राओं के योग भी आपके लिए बनेंगे। कामकाज संबंधी यात्राओं के सफल रहने की उम्मीद कर सकते हैं। 
 
29 सितंबर को जैसे ही शनि मार्गी होंगे, आपको भी राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। जो भी कार्य बिगड़ रहे थे, वे फिर से पटरी पर लौट आएंगे। 
 
20 नवंबर को गुरु पुन: मकर राशि में आएंगे जिसके पश्चात आपके लिए ये कई तरह से लाभकारी रह सकते हैं।

तुला राशि 2020
 
धन भाव में मंगल का होना आपके लिए धन प्राप्ति के योग बना रहा है। पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने की उम्मीद भी इस वर्ष आप कर सकते हैं।
 
वर्ष के शुरुआती माह के अंतिम सप्ताह में एक बड़ा ग्रह गोचर हो रहा है। इस समय शनि राशि परिवर्तन कर रहे हैं। सुख भाव में शनि का आना आपके लिए लाभकारी रहने के आसार है, क्योंकि शनि आपकी राशि से केंद्र में आ रहे हैं। शनि पंचम के स्वामी होकर चौथे स्थान में स्वराशि के होकर बैठे हैं, जो कि संतान के लिए भी शुभ संकेत कर रहे हैं।
 
30 मार्च को बृहस्पति मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जो कि आपकी राशि से सुख का स्थान है। सुख स्थान में नीच राशि के होने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है लेकिन वहां पर शनि पहले से विराजमान हैं जिससे यह नीचभंग राजयोग बना रहे हैं। इसका लाभ आपको मातृ सुख, प्रॉपर्टी का सुख, वाहन आदि के रूप में मिल सकता है।
 
11 मई को शनि वक्र हो जाएंगे। इस समय आपको मान-सम्मान व प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। कार्यक्षेत्र में भी वक्री शनि की दृष्टि पड़ रही है। आपकी राशि पर शनि की दशम दृष्टि होगी जिससे आपको एक नई ऊर्जा प्राप्त होगी। भले ही आपके सामने परेशानियां आए, लेकिन आप चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर सकते हैं।
 
14 मई को बृहस्पति वक्री हो जाएंगे। इसके वक्री प्रभाव से आपके लिए विदेश की यात्रा का योग बन रहा है। परिजनों के साथ किसी धार्मिक या आध्यात्मिक स्थल की यात्रा भी कर सकते हैं। विवाह के योग भी आपके लिए बन सकते हैं। पराक्रम की वृद्धि होगी। इस समय आपकी कल्पनात्मक शक्ति भी गजब की रहेगी। आपके जेहन में कई तरह की योजनाएं जन्म ले सकती हैं।
 
30 जून को गुरु का धनु राशि में परिवर्तन होना आपके भाग्य के लिए अच्छा रहने वाला है। लाभ स्थान में दृष्टि होने से रुके हुए धन की प्राप्ति होगी व अपने सगे-संबंधियों से भी अच्छा सुख प्राप्त होगा।
 
13 सितंबर को गुरु के मार्गी होने से आपके कार्यों में तेजी आ सकती है। आपके जेहन में जो विचार पिछले काफी समय से चल रहा था, वह साकार होने का समय यही है। शत्रुओं से आपको थोड़ा ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। यह कोई आपका अपना ही मित्र हो सकता है। तुला राशि 2020 के अनुसार आपके लिए सलाह है कि अपने मन की योजनाओं के बारे में किसी से ज्यादा चर्चा न करें।
 
राहु वर्ष की शुरुआत में मिथुन राशि में रहेंगे। पिछले वर्ष राहु के कारण आपके भाग्य व कार्यक्षेत्र में जो अड़चनें आई थीं, वे इस वर्ष भी बनी रह सकती हैं। लेकिन वर्ष के मध्य के पश्चात सितंबर माह में जैसे ही राहु का परिवर्तन होगा और वे वृषभ राशि में आ जाएंगे, तो अचानक से कार्यों में तेजी आएगी। लेकिन जल्दबाजी में लिया हुआ कदम आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है, इससे बचें। अष्टम का राहु थोड़ा स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक माना गया है इसलिए स्वास्थ्य का आपको ध्यान रखने की आवश्यकता है।
 
केतु वर्ष की शुरुआत में धनु राशि में रहेंगे जिसमें बुध, गुरु, सूर्य व शनि भी वर्ष की शुरुआत में साथ होंगे। इनके प्रभाव से यह आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आएंगे। केतु को वैसे भी अचानक से फल देने वाला माना गया है इसलिए आपको काफी सावधानी रखनी होगी। लेकिन वर्ष के मध्य में सितंबर से केतु, वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे, जो कि इनकी उच्च राशि मानी जाती है।
 
आपकी राशि से धन स्थान में केतु के आने से अचानक से धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। गुप्त धन या पैतृक संपत्ति के रूप में आपको लाभ मिल सकता है। कुटुम्ब के लोगों के साथ काफी समय से कोई कानूनी विवाद चल रहा है तो प्रयास करें। इस समय वह सुलझने के आसार हैं और आपको धन व संपत्ति का योग मिल सकता है।
 
29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएंगे जिसके पश्चात स्थिति पुन: बेहतर हो जाएगी।
 
20 नवंबर को गुरु पुन: मकर राशि में चले जाएंगे। सुख स्थान में नीच राशि के होने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है लेकिन वहां पर शनि पहले से स्वराशि के होने से नीचभंग राजयोग बन रहा है जिसका लाभ आपको मातृ सुख, प्रॉपर्टी का सुख, वाहन आदि के रूप में मिल सकता है।

वृश्चिक राशिफल 2020
 
वर्ष की शुरुआत में 24 जनवरी को शनि का परिवर्तन हो रहा है, जो कि आपकी राशि से सुख भाव के मालिक होकर पराक्रम में स्वराशिगत गोचर कर रहे हैं। यह आपके पराक्रम की उन्नति के लिए इसमें वृद्धि के योग बनाते हैं, परंतु यह स्थान छोटे भाई का स्थान भी है इसलिए छोटे भाई-बहनों के भविष्य को लेकर भी आप चिंतित रह सकते हैं।
 
30 मार्च को गुरु राशि परिवर्तन कर शनि के साथ मकर राशि में होंगे। गुरु आपकी राशि से पंचम व धन भाव के स्वामी हैं। शनि के साथ विराजमान होने से यह आपकी राशि से पराक्रम स्थान में नीचभंग राजयोग बना रहे हैं। यह योग आपके पराक्रम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि यहां आपके अंदर ऊर्जा का संचार करेंगे।
 
गुरु की दृष्टि आपके भाग्य स्थान पर भी पड़ रही है जिसके कारण भाग्य का भी आपको भरपूर सहयोग मिलेगा। साथ ही सप्तम भाव में भी गुरु की पंचम दृष्टि भी आपकी फैमिली लाइफ को मधुर बनाएगी। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम-प्रसंगों में भी सुख मिलेगा। प्रेम विवाह के भी योग आपके लिए बन सकते हैं।
 
11 मई को शनि का वक्र होना आपके लिए थोड़ा परेशानी का कारण बन सकता है। भाग्य पर दृष्टि होने से अचानक से आपके कार्यों में रुकावट भी आ सकती है। मंगल की तीसरी दृष्टि आपके मान-सम्मान, एजुकेशन व संतान के स्थान पर पड़ने से नकारात्मक परिणाम भी आपको मिल सकते हैं।
 
14 मई को गुरु मकर राशि में वक्री हो रहे हैं जिसके होने से आपको मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे, क्योंकि इस समय पर शुभ ग्रह बृहस्पति तथा क्रूर ग्रह शनि वक्री चल रहे होंगे। इसी कारण आपको कभी-कभी कार्यों में बहुत तेजी तो कभी-कभी अचानक से बने बनाए कार्य भी बिगड़ते हुए दिखाई दे सकते हैं। लेकिन आपका बृहस्पति, जो कि ज्ञान का स्वामी है, वह आपको आगे बढ़ने की पूरी-पूरी हिम्मत देगा जिससे आप अपने कार्यों में आ रही रुकावटों को कम कर सकते हैं। 
 
30 जून को गुरु वापस धनु राशि में चले जाएंगे जिसके पश्चात पिछले रुके हुए कार्य, धन के लेन-देन संबंधी प्रक्रियाएं आगे बढ़ेंगी। कुटुम्ब के लोगों के साथ मधुरता बढ़ेगी तथा घर के अंदर कुछ मांगलिक कार्य भी होने लगेंगे। 
 
13 सितंबर को गुरु स्वराशि धनु में मार्गी हो जाएगा जिसके बाद आपके लिए धन के योग बनने शुरू होंगे। शिक्षा के लिए भी शुभ समय शुरू होगा। रोग घर पर भी दृष्टि होगी जिससे रोगों से लड़ने में भी आपको आसानी होगी व सेहत में लाभ मिलेगा। शत्रु भी आपसे प्रभावित हो सकते हैं।
 
23 सितंबर को राहु आपकी राशि से सप्तम भाव में आ जाएंगे जिसके यहां आने से दांपत्य जीवन में कड़वाहट आ सकती है तथा जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर भी आप चिंतित रह सकते हैं। विशेषकर जिन लोगों का नया-नया रिश्ता इस समय जुड़ा है, उन्हें ज्यादा संघर्ष करना पड़ सकता है। पारिवारिक विवाद भी उत्पन्न हो सकते हैं। अपने जीवनसाथी पर विश्वास बनाकर चलें। देशभर के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से भी आप इस बारे में परामर्श ले सकते हैं।
 
इसी समय पर केतु भी आपकी राशि में प्रवेश कर रहे हैं जिससे आपका आत्मबल अत्यधिक बढ़ सकता है। ज्यादा आत्मविश्वास भी परेशानी खड़ी कर सकता है। धैर्य से कार्य करें, आपको सफलता निश्चित रूप से मिलेगी, क्योंकि शनि मंगल की राशि में हैं और केतु का फल अधिकांश मंगल के जैसे ही होता है।
 
29 सितंबर को शनि के मार्गी होने पर रुके हुए काम बनने लगेंगे। छोटे भाई-बहनों से भी कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। छोटी-छोटी, मगर सफलतादायक यात्राएं भी हो सकती हैं।
 
20 नवंबर को गुरु पुन: मकर राशि में आ जाएंगे जिससे पुन: आपके कार्यों व आपके पराक्रम में उन्नति होगी। भाग्य आपका साथ देने लगेगा तथा अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल करने से आपको मान-सम्मान भी प्राप्त होगा।


धनु राशि 2020
 
वर्ष की शुरुआत में ही राशि स्वामी बृहस्पति स्वराशि में विराजमान रहेंगे। गुरु का स्वराशि में होकर हंस महायोग बना रहा है। इस योग के होने से आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा। कहा जाता है कि लग्न या राशि में बृहस्पति के होने से आपके अंदर जो भी अवगुण हैं, वे किसी के सामने नहीं आ पाते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने अवगुणों को छुपाएं। आप इस अवसर का लाभ उठाकर अपने अवगुणों को समाप्त कर सकते हैं।
 
धन के स्थान में शुक्र विराजमान हैं जिनके प्रभाव से इस वर्ष आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी-खासी रहेगी, क्योंकि शुक्र लाभ स्थान के स्वामी होकर धन के स्थान में विराजमान हैं। भाग्य भी इस वर्ष 2020 में भरपूर सहयोग करने वाला है, क्योंकि भाग्य के स्वामी सूर्य आपकी ही राशि में विराजमान हैं।
 
कर्मभाव के स्वामी व दांपत्य जीवन के स्वामी ग्रह बुध केंद्र में ही गुरु, केतु, सूर्य व शनि के साथ विराजमान हैं। इसके प्रभाव से कार्यक्षेत्र में नई-नई योजनाएं जन्म लेंगी। विशेषकर जो भी व्यक्ति शिक्षा से संबंधित क्षेत्र में कार्यरत हैं, उनके लिए तो ये सोने पर सुहागे वाला काम करेंगे।
 
विदेश में शिक्षा पाने के इच्छुक जातकों के लिए विदेश में शिक्षा पाने के योग भी बन रहे हैं, क्योंकि पंचमेश कारक ग्रह मंगल, जो कि शिक्षा के स्वामी बने हुए हैं, वे 12वें स्थान में विराजमान हैं, जो विदेश जाने के लिए जातक को प्रेरित करता है।
 
राहु का सप्तम स्थान में होना आपके दांपत्य जीवन के लिए कड़वाहट पैदा कर सकता है इसलिए आपको अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम व विश्वास का रिश्ता बनाए रखने की आवश्यकता है। जिन प्रेमी-प्रेमिकाओं का नया-नया रिश्ता जुड़ा हो, उनके लिए रिश्तों में विच्छेद का कारण राहु बन सकता है। ऐसे में आपको अपने साथी पर विश्वास बनाए रखना होगा और उसे उचित समय भी देना होगा।
 
वर्ष की शुरुआत में शनिदेव 24 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जो कि आपकी राशि से दूसरे स्थान पर रहेंगे। दूसरा स्थान धन व कुटुम्ब परिवार का कारक माना गया है, इसलिए आपकी आर्थिक स्थिति के मजबूत बने रहने व परिवार में प्रेम व शांति का वातावरण बने रहने के आसार हैं। कुटुम्ब के किसी बड़े व्यक्ति की ओर से आपको अच्छा सहयोग मिल सकता है।
 
गुरु 30 मार्च को मकर राशि में शनि के साथ प्रवेश करेंगे, जो कि आपकी राशि से धन भाव में नीचभंग राजयोग बना रहे हैं। गुरु वैसे भी आपकी राशि के स्वामी भी हैं जिनका धन भाव में नीचभंग राजयोग बनाना आपके व्यक्तित्व में निखार लाएगा व आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि करेगा।
 
कुटुम्ब परिवार में आपका मान-सम्मान व रुतबा बढ़ेगा। गुरु की पंचम दृष्टि शत्रु व रोग घर पर पड़ने से रोग भी कम होने की उम्मीद कर सकते हैं। कर्मक्षेत्र पर नवम दृष्टि होने से शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे।
 
11 मई को शनि वक्र हो रहे हैं। वक्र होने पर धनहानि व कुटुम्ब परिवार में कलह की स्थिति बन सकती है। इस समय पर कोई भी लेन-देन न करें, क्योंकि वक्र ग्रह के प्रभाव से लिया हुआ पैसा दे नहीं पाएंगे तो दिया हुआ पैसा वापस मिलने में भी आपको परेशानी हो सकती है। 
 
14 मई को गुरु मकर राशि में ही वक्री हो जाएंगे जिसके पश्चात आर्थिक स्थिति में आपको मिला-जुला असर देखने को मिल सकता है। लेकिन मानसिक संतुष्टि अधिक मिलेगी तथा चारों तरफ से हर कार्य में सफलताएं मिलनी शुरू होंगी।
 
30 जून को गुरु वक्री अवस्था में ही धनु राशि में आ जाएंगे जिससे पिछले समय से अधूरे चल रहे कुछ कार्यों को पूरा करने में आपको समय लगा सकते हैं। देशभर के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से भी आप इस बारे में परामर्श ले सकते हैं।
 
13 सितंबर को गुरु मार्गी हो जाएंगे जिसके बाद भविष्य की योजनाएं बनाने में आप व्यस्त हो सकते हैं। राहु भी 23 सितंबर को आपकी राशि से 6ठे स्थान पर विचरण करेंगे तथा केतु, जो कि आपकी में ही विराजमान थे, वे भी अब 12वें स्थान में आ जाएंगे। राहु का वृषभ राशि और रोग स्थान में आना आपके लिए रोग और शत्रुता की उत्पति करने वाला बन सकता है।
 
6ठा स्थान प्रतिस्पर्धा का भी होता है इसलिए यहां भी आपके लिए प्रतिस्पर्धा काफी चुनौतीपूर्ण रहेगी। केतु का लग्न से व्यय स्थान में आना खर्च की बढ़ोतरी करने वाला रह सकता है। यह समय आपके लिए ऋण लेने वाला भी हो सकता है। फिजूलखर्ची से बचकर रहें। बहुत जरूरी हो तो ही खर्च करें।
 
शनि 29 सितंबर को मार्गी होंगे। मार्गी होने पर पुन: आपके लिए स्थितियां बदलनी शुरू होंगी। अचानक से धन लाभ की संभावनाएं बन सकती हैं। रुका हुआ धन भी इस समय आपको प्राप्त हो सकता है। 
 
20 नवंबर को गुरु पुन: मकर राशि में आ जाएंगे जिसके पश्चात अपने सपनों को साकार करने के लिए आप मेहनत कर सकते हैं। ससुराल पक्ष से भी आपको इस समय अपेक्षित सहयोग मिल सकता है।

मकर राशि 2020
 
2020 में 24 जनवरी को शनि राशि परिवर्तन कर आपकी ही राशि में प्रवेश कर जाएंगे। स्वराशि के शनि का होना आपके लिए शनि का शश महायोग बनाएगा जिससे आपके कार्यक्षेत्र की स्थिति में काफी अच्छा बदलाव देखने को मिलेगा। 
 
30 मार्च को गुरु राशि परिवर्तन कर आपकी ही राशि में आ जाएंगे, जो कि बृहस्पति की नीच राशि भी है। नीच राशि का गुरु शुभ नहीं माना जाता है, परंतु आपकी राशि में पहले से ही शनि विराजमान हैं, जो कि स्वराशि के हैं। इनके साथ बृहस्पति का गोचर करना नीचभंग राजयोग बनाता है। इसका लाभ आपको अपनी शारीरिक क्षमताओं, योजनाओं, धन, मान-प्रतिष्ठा व सगे-संबंधियों के बीच अपना रुतबा बढ़ाने में सहयोग करेगा। आपको इनमें सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
 
11 मई को शनि आपकी ही राशि में वक्री हो रहे हैं जिसका प्रभाव आपको दिखाई देगा। इससे कार्यक्षेत्र में अरुचि पैदा हो सकती है। हो सकता है कि आपके कार्यक्षेत्र में कुछ बदलाव हो, जैसे कि स्थान परिवर्तन, क्योंकि आपकी कुंडली में स्थान परिवर्तन का योग भी बन सकता है। इस समय पर आपको अपने शत्रुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है।
 
14 मई को गुरु वक्री हो जाएंगे। वक्र होने पर गुरु का प्रभाव हर क्षेत्र में बंट जाता है जिससे आपके कार्य की गति थोड़ी धीमी रहने के आसार हैं। लेकिन आपको कार्यक्षेत्र के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में लाभ दिखना शुरू हो जाता है।
 
30 जून को गुरु आपकी राशि से पुन: 12वें स्थान में चले जाएंगे जिससे पिछले कुछ समय से रुके हुए कार्य, जो आप कर नहीं पाए थे, वह दोबारा करने का मौका मिलेगा। पंचम दृष्टि घर के स्थान पर होने से नए घर के योग भी बन सकते हैं।
 
13 सितंबर को गुरु के मार्गी होने से फ्यूचर को लेकर आपकी योजनाएं बननी शुरू हो जाएंगी। आपके अंदर एक नया आत्मविश्वास भी पैदा होगा।
 
23 सितंबर को राहु आपकी राशि से पंचम स्थान पर स्थित हो जाएगा। पंचम स्थान का राहु आपको थोड़ा-सा परेशान कर सकता है और दुविधा में डाल सकता है। राहु का वृषभ राशि में होना उच्च का माना जाता है। इसके उच्च प्रभाव से आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। लेकिन इस मान-सम्मान को पाने के लिए आपको कड़ी मेहनत भी करनी होगी।
 
शिक्षा और संतान के लिए वर्ष 2020 राहु के प्रभाव से अच्छा जाने वाला है। विशेषकर जो महिलाएं संतान के लिए प्लानिंग कर रही हैं उनको अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। नियमित रूप से संतान गोपाल मंत्र का जाप जरूर करें जिससे कि आने वाली संतान भी सद्गुण और सेहतमंद हो।
 
इसी वर्ष केतु भी राशि परिवर्तन करेंगे। लेकिन वर्ष की शुरुआत में आपकी राशि से 12वें स्थान पर 4 ग्रहों के साथ स्थित होंगे जिससे समय-समय पर आपके अंदर आस्था का भाव बहुत प्रबल होगा और कभी-कभी नास्तिकता भी बढ़ सकती है लेकिन केतु का 12वें स्थान का होना आपके लिए कुछ मायनों में अच्छा रहने वाला है।
 
केतु का परिवर्तन होने के पश्चात केतु आपकी राशि से लाभ स्थान में आ जाएंगे। लाभ स्थान का केतु शुभ माना जाता है और ये वैसे भी अपनी उच्च मानी जाने वाली राशि वृश्चिक में आ जाएंगे जिसका फल आपको मंगल की भांति मिलेगा।
 
मकर राशि की वर्ष कुंडली 2020 में 29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएंगे, जो आपके कार्यक्षेत्र के लिए शारीरिक क्षमता व बल बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगे। धन प्राप्ति के भी आपके लिए अच्छे योग बनेंगे। इस समय में आप शेयर मार्केटिंग आदि योजनाओं में पैसा लगा सकते हैं। लाभ प्राप्त होगा।
 
20 नवंबर को गुरु का राशि परिवर्तन कर पुन: मकर राशि में आने से आप अपनी पूर्ण ऊर्जा से अपने कार्य को बनाने में लग जाएंगे। इसके साथ ही बीते समय में देखा हुआ सपना साकार होता हुआ भी दिखाई देगा।
 
वर्ष की शुरुआत में राहु आपकी राशि से 6ठे स्थान पर विराजमान रहेंगे, जो आपके लिए थोड़ी-बहुत परेशानियां उत्पन्न कर सकते हैं, विशेषकर शारीरिक कष्ट अधिक हो सकता है। कमर में दर्द की समस्या, जोड़ों के दर्द की समस्या व सर्वाइकल उत्पन्न कर सकते हैं।
 
शत्रु भी इस समय बढ़ सकते हैं। 6ठे स्थान में राहु का होना आपको प्रतिस्पर्धा में बहुत ज्यादा मेहनत करवा सकता है। खासकर जो छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं, उनको थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता रहेगी। बुरी संगत से बचकर रहें।

कुंभ राशिफल 2020
 
24 जनवरी को शनि आपकी राशि से 12वें स्थान में आ जाएंगे जिससे आप पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी तथा इस वर्ष शनि आपकी राशि से 12वें स्थान पर विराजमान हो जाएंगे, जो कि आपके धन खर्चों में बढ़ोतरी होने के संकेत दे रहे हैं। शारीरिक कष्ट भी बढ़ सकते हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कमजोरी महसूस हो सकती है। सिरदर्द व गला दर्द आदि से परेशान रह सकते हैं।
 
30 मार्च को गुरु आपकी राशि से 12वें स्थान में आ जाएंगे जिससे आपको जन्म स्थान से दूर जाने का अवसर प्राप्त हो सकता है, हालांकि कई मायनों में बृहस्पति यहां पर आपके लिए सफलतादायक रहेंगे। लेकिन गुरु आपकी राशि से 12वें स्थान में हैं जिससे कभी-कभी गलत निर्णय लेने व अत्यधिक विश्वास करने पर ये हानि भी करवा देते हैं।
 
इस समय कहीं भी किसी भी चीज में निवेश करने से थोड़ा बचने का प्रयास करें। इसके साथ ही इस समय गुरु की पंचम दृष्टि आपके सुख स्थान पर पड़ रही है। अगर आप कोई प्रॉपर्टी बेचना चाहते हैं तो उसमें आपको काफी अच्छा मुनाफा हो सकता है।
 
11 मई को शनि वक्र हो जाएंगे जिसके पश्चात आपकी परेशानियों में और अधिक इजाफा हो सकता है। हालांकि शनि स्वराशिगत हैं जिससे परेशानियों से निकलने का रास्ता भी शनि ही स्वयं सुझाएंगे। ऐसे में आपके लिए शनि की पूजा करना अच्छा रहेगा। हनुमानजी की उपासना भी लाभकारी सिद्ध हो सकती है। इसके साथ-साथ काले घोड़े की नाल से बना छल्ला आप अपनी मध्यमा उंगली में धारण कर सकते हैं।
 
14 मई को गुरु वक्री हो जाएंगे। गुरु के वक्र होने से आपके लिए लाभ की स्थिति बढ़ जाएगी। इस समय पर आपको जन्म स्थान व जन्म स्थान से दूर दोनों ही स्थितियों में अच्छा लाभ मिल सकता है। जो पिछली योजनाएं बनी थीं, उन्हें भी पूरा करने का अवसर मिलेगा।
 
30 जून को गुरु फिर से धनु राशि में वापस चले जाएंगे जिससे आपके रुके हुए कार्य बनने शुरू होंगे। धनवृद्धि के योग भी बनेंगे। पैतृक संपत्ति से भी आपको लाभ मिल सकता है, हालांकि इस समय बृहस्पति व केतु का योग भी बन रहा है, जो कि संपत्ति संबंधी विवाद की ओर संकेत कर रहा है।
 
13 सितंबर को गुरु के मार्गी होने के पश्चात पुन: गुरु आगे की योजनाएं बनाने में आपकी सहायता करेंगे, साथ ही आपको छोटी यात्राएं करने का अवसर भी प्राप्त होगा।
 
कुंभ वर्ष कुंडली 2020 के अनुसार 23 सितंबर को राहु का परिवर्तन आपकी राशि से चौथे स्थान में होने जा रहा है, जो कि माता व आपके घर, वाहन व सुख का स्थान माना गया है। इस घर में राहु का उच्च राशि में जाना घर को विस्तार देने के योग बना रहा है। पुनर्निर्माण का कार्य पेंडिंग है, तो इस समय यह पूर्ण हो सकता है। नए वाहन की प्राप्ति के योग भी बनेंगे।
 
कार्यक्षेत्र में भी बदलाव के योग बन सकते हैं। इसके साथ ही केतु भी लाभ स्थान से कर्म के स्थान पर विराजमान हो रहे हैं, जो कि मंगल की राशि वृश्चिक राशि के हैं। इसका फल भी मंगल की ही तरह आपको मिलेगा। काम के मामले में तरक्की के योग बनेंगे। काफी समय से यदि कोई साक्षात्कार या परिणाम मिलना बाकी है तो उसका सकारात्मक परिणाम आपको मिल सकता है। शारीरिक तौर पर भी आप स्वयं में एक नई ऊर्जा महसूस करेंगे।
 
29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएंगे जिसके पश्चात समस्याएं कम होती हुई दिखाई पड़ेंगी। इसके साथ ही आप अपने खर्चों पर भी नियंत्रण कर सकेंगे और इस समय आपके शत्रु भी कमजोर होंगे।
 
कुंभ कुंडली 2020 में 20 नवंबर को गुरु फिर से मकर राशि में आ जाएंगे। इसके पश्चात शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होगी। नया घर मिल सकता है। अच्छे मित्र बनेंगे। शिक्षा संबंधी लाभ भी आपको प्राप्त होगा।
 

मीन राशि 2020
 
2020 में भाग्य के स्वामी मंगल स्वराशिगत होकर भाग्य स्थान में ही विराजमान हैं। ये भी आपके भाग्योदय के लिए शुभ संकेत दे रहे हैं। सुखेश और सप्तमेश कारक ग्रह बुध आपकी पत्रिका में धनु राशि व सूर्य के साथ बुधादित्य योग बनाए हुए हैं जिससे पता चलता है कि आपके जीवनसाथी के करियर के लिए भी यह साल शुभ परिणाम देने वाला है। बृहस्पति के साथ बुध का विराजमान होना अविवाहित जातकों के लिए विवाह का योग बना रहा है। प्रेम-प्रसंगों का ग्रह शुक्र लाभ स्थान में विराजमान है। यह भी आपकी रोमांटिक लाइफ खुशनुमा रहने का संकेत दे रहा है।
 
वर्ष की शुरुआत में ही 24 जनवरी को शनि का परिवर्तन आपकी राशि में यानी कि कर्मभाव से आय के स्थान में हो रहा है। आय स्थान में शनि के जाने से धन की वर्षा होगी। खर्चे भी बढ़ेंगे, लेकिन शारीरिक रूप से स्वास्थ्य में हानि की आशंका भी दिखाई दे रही है।
 
यह समय आपके लिए शुभता को बढ़ाने वाला रहेगा, क्योंकि राशि और कर्म का स्वामी ग्रह बृहस्पति लाभ के स्थान पर विराजमान होगा, जहां पर पहले से ही स्वराशि के शनि होंगे। शनि और गुरु की यह युति नीचभंग राजयोग बना रही है। इसका लाभ आपको शारीरिक रूप से स्वास्थ्य के मामले में भी मिलेगा। 
 
काफी समय से किसी रोग से परेशान चल रहे थे तो उससे निजात मिल सकती है। जिस रोग का पता नहीं चल पा रहा था उसका पता चल जाएगा। बीमारी पकड़ में आ जाएगी। कर्म के स्वामी बृहस्पति हैं इसलिए मेहनत से किए गए कार्यों से आपको अपेक्षानुसार परिणाम मिल सकते हैं।
 
11 मई को शनि वक्री होंगे जिसके पश्चात अचानक से धन का आगमन रुक सकता है। शारीरिक रूप से भी आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। संतान और शिक्षा को लेकर भी आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि वक्र शनि की दृष्टि आपके संतान व शिक्षा के घर पर पड़ रही है जिसके कारण आपके लिए इन क्षेत्रों में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।
 
14 मई को गुरु वक्र हो जाएंगे जिसके पश्चात गुरु का शुभ प्रभाव मिलना शुरू हो जाएगा। इस समय गुरु की वक्र दृष्टि अपनी उच्च राशि पर पड़ेगी, जो आपको आपकी शिक्षा व संतान पक्ष से भी शुभ फल दे सकती है। सप्तम भाव में नवदृष्टि होने पर विवाह के योग भी बनेंगे।
 
दांपत्य जीवन का सुख भी आपको अच्छा मिलेगा। इसके पश्चात 30 जून को वक्री गुरु धनु राशि में चले जाएंगे जिससे पिछले समय से रुके हुए कार्यों को बनाने में आपका अधिक समय व्यतीत होगा। यह आपको उन अधूरे कार्यों को पूरा करने में भी सहयोग करेगा।
 
13 सितंबर को गुरु मार्गी हो जाएंगे। गुरु के मार्गी होने पर आप अपने भविष्य की योजनाओं को तैयार करने की तैयारी शुरू कर देंगे।
 
इस वर्ष राहु का परिवर्तन 23 सितंबर को हो रहा है। राहु आपके पराक्रम के स्थान पर वृषभ राशि में आ जाएंगे जिससे आपके पराक्रम में उन्नति के योग बनेंगे। साथ ही उच्च का राहु आपकी हवाई यात्रा करवाएगा। इसके साथ ही भाग्य स्थान में केतु भी आ रहे हैं। इनके आने के बाद आपके अंदर अध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ेगी। घर का माहौल भी थोड़ा धार्मिक हो सकता है। आप पूजा-पाठ कर सकते हैं और अचानक से आपका भाग्य भी साथ देना शुरू कर देगा। किसी तीर्थस्थान की यात्रा भी कर सकते हैं।
 
29 सितंबर को शनि मार्गी हो जांएगे। शनि के मार्गी होने पर पुन: आपके कार्यों में तेजी आनी शुरू हो जाएगी व पिछले समय से जो चीजें आपकी रुक गई थीं, वे तेजी से आगे बढ़ती हुई दिखाई देंगी। जैसे ही 20 नवंबर को गुरु दोबारा मकर राशि में आ जाएंगे, वैसे ही आपकी योजनाएं सफल होनी शुरू हो जाएंगी।
 
राहु भी इस वर्ष की शुरुआत में सुख स्थान में विराजमान रहेगा, जो कि मित्र व मां का घर भी कहा जाता है। यहां पर राहु का होना आपको थोड़ा भ्रमित भी कर सकता है। यहां आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। विशेषकर तब जब आप नया वाहन, नया घर अपने मित्र या किसी से ले रहे हैं। इसके साथ ही केतु भी दशम स्थान में विराजमान हैं, जो कि यहां खूब मेहनत करवाते हैं लेकिन मेहनत से लाभ व सफलता भी दिलाते हैं।
 
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