वृश्चिक राशि के जातक आकर्षक और शक्तिशाली व्यक्तित्व वाले होते हैं। स्वतंत्र रूप से कार्य करने के कारण दूसरों का हस्तक्षेप पसन्द नहीं करते है। हास्यप्रेमी और आवेगी होते हैं। प्रेम में उत्साहित रहते हैं परंतु परंपरावादी होते हैं।
वृश्चिक राशि वाले हष्ट-पुष्ट शरीर वाले होकर उत्तम कद-काठी के होते हैं। स्वभाव कुछ उग्र रहता है। इनका परिवारिक जीवन मिला-जुला ही कहा जा सकता है। इनमें साहस गजब का होता है। मंगल स्वराशि या उच्च का हो तो उत्तम सफल होते हैं।
वृश्चिक राशि : उतरते शनि की साढ़े साती रहेगी। लाभकारी रहेगी। गोचर अच्छे रहेंगे।
व्यवसाय- नए उपक्रम स्थापित तथा प्रारंभ करने के योग बनेंगे। आय के स्रोत बढ़ेंगे। उत्तरार्द्ध में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। रुका हुआ प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। किसी विशिष्ट व्यक्ति के मार्गदर्शन से बाधा दूर होगी।
धन-संपत्ति- स्थायी संपत्ति की खरीदी के योग हैं। नवीनीकरण पर व्यय होगा। पैतृक संपत्ति का विवाद खत्म होकर आपके पक्ष में निर्णय हो सकता है। कार्यस्थल पर मनोनुकूल परिवर्तन लाभकारी होगा। संचित कोष बना रहेगा। देनदारी कम होगी। व्यापार में वृद्धि होगी।
घर-परिवार- संतान प्राप्ति के योग बनते हैं। वैवाहिक कार्यक्रम हो सकता है। यदि कुंवारे हैं तो इस वर्ष विवाह हो सकता है। परिवार के सदस्यों की उन्नति पढ़ाई-लिखाई तथा नौकरी-व्यवसाय में होगी। परिवार के वृद्धजनों की जवाबदारी तथा चिंता में वृद्धि होगी। छोटे-मोटे मांगलिक कार्य होते रहेंगे।
स्वास्थ्य- इस वर्ष शरीर का वजन बढ़ेगा। पेट तथा पेशाब संबंधी रोग हो सकते हैं। एलर्जी से बचना होगा। खान-पान का ध्यान रखें। साधारणत: स्वास्थ्य ठीक रहेगा। कार्यकुशलता में वृद्धि होगी। स्त्रियों को सावधान रहने की आवश्यकता है। वृद्धावस्थाजन्य रोगों से कष्ट होगा।
परीक्षा-प्रतियोगिता-करियर- इस वर्ष अध्ययन में रुचि बढ़ेगी। परीक्षा व प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त होगी। अपना स्थान बना पाएंगे। करियर बनाने के लिए सभी तरफ से सहयोग मिलेगा। एकाग्रता बनी रहेगी। व्यावसायिक क्षेत्र में शिक्षा का उपयोग कर पाएंगे। भाग्य का साथ रहेगा।
यात्रा-प्रवास-तबादला- व्यावसायिक यात्राएं लंबी हो सकती हैं। परिवार तथा मित्रों के साथ छोटी-मोटी यात्राएं होती रहेंगी। नौकरी में स्थान या कार्यक्षेत्र का परिवर्तन मनोनुकूल रहेगा। वर्ष के मध्य में कुछ तनाव रह सकता है। अंतत: सब ठीक होगा।
धार्मिक कार्य- कथा, भागवत, सत्संग के आयोजन हो सकते हैं। किसी संत-महात्मा से ज्ञान प्राप्ति व श्रवण का लाभ प्राप्त होगा। अध्यात्म में रुचि रहेगी।
कल्याणकारी उपाय- शिव जी का पूजन-अर्चन, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र के जप-अनुष्ठान तथा चींटियों को पंजीरी चुगाएं। कष्ट में कमी तथा इच्छापूर्ति में सहायक होंगे। वृक्ष लगाना लाभकारी रहेगा।