कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा है इसलिए इस राशि के जातक बेहद संवेदनशील और जिज्ञासु होते हैं। परिवार और बच्चों के साथ बहुत लगाव होता है। सफेद वस्तुओं और जल तत्व से जुडे व्यापार या नौकरी में लाभ होता है।
कर्क राशि वाले जातक मध्यम कदकाठी के होते हुए गोल चेहरे वाले होते हैं। भावना प्रधान, कल्पनाशील, कवि, पत्रकार, सेल्समैन हो सकते हैं। इनका रंग कुछ खुलता हुआ होता है।
कर्क राशि : इस वर्ष काफी सारे ग्रह अनुकूल हैं। प्रयास भरपूर करें। भाग्य का साथ मिलेगा।
व्यवसाय- पिछले काफी समय से कार्यवृद्धि की योजना इस वर्ष साकार होगी। अपने हित में लोगों को अपने पक्ष में कर सकेंगे। इससे व्यापार का विस्तार कर पाएंगे। कुछ कठिनायां आएंगी। समय पर काम होंगे। अप्रत्याशित रूप से पदोन्नति तथा नया काम मिल सकता है। आय के स्रोतों में वृद्धि होगी।
धन-संपत्ति- वर्ष के पूर्वार्द्ध में नवीनीकरण, मांगलिक कार्य व कर्ज का भुगतान आदि कार्यों पर अधिक व्यय होगा। पुरानी लेनदारी या रुका हुआ पैसा मिलने से राहत मिलेगी। स्थायी संपत्ति पर व्यय होगा। पूंजी के रूप में व्यापार में अधिक धन लगा पाएंगे। संचित कोष में कमी रहेगी। आय में वृद्धि होगी।
घर-परिवार- परिवार में मांगलिक कार्य तथा वृद्ध व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जवाबदारी रहेगी। संतान पक्ष से उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। एकाधिक वैवाहिक कार्य हो सकते हैं। संतान की उन्नति व नौकरी आदि से आय में वृद्धि तथा चिंता में कमी होगी। दूर गया सदस्य वापस आ सकता है।
स्वास्थ्य- आंखों में चोट-रोग, जोड़ों का दर्द तथा हड्डी में चोट आदि की आशंका है। बड़ी उम्र की समस्याएं बनी रहेंगी। व्यायाम व योग आदि से कष्ट में कमी रहेगी। डायबिटीज के रोगी विशेष सावधान रहें।
परीक्षा-प्रतियोगिता-करियर- पारिवारिक समस्याएं अपने उद्देश्य से ध्यान भटका सकती हैं। संघर्ष अधिक करना पड़ेगा। एकाग्रता की कमी हो सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। अंततोगत्वा सफलता मिलेगी। बाधा दूर होगी। उच्च शिक्षा के लिए समय पर मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा।
यात्रा-प्रवास-तबादला- वर्ष के पूर्वार्द्ध में इच्छा के विरुद्ध या प्रतिकूल स्थानांतरण हो सकता है। कहीं दूर जाने की कोई मजबूरी हो सकती है। कार्यक्षेत्र का परिवर्तन भी हो सकता है। छोटी-मोटी यात्राएं होती रहेंगी। वर्ष के उत्तरार्द्ध में स्थिति अनुकूल होगी।
धार्मिक कार्य- इस वर्ष तंत्र-मंत्र, गुप्त तथा उग्र प्रयोगों में रुचि बढ़ेगी। किसी विद्वान व्यक्ति का मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा। सद्गुरु की प्राप्ति हो सकती है। किसी तीर्थस्थान में रहने का अवसर प्राप्त होगा। दान-पुण्य कर पाएंगे। संतों का सान्निध्य प्राप्त होगा।
कल्याणकारी उपाय- शिवार्चन, महामृत्युंजय जप, रुद्राभिषेक तथा पीपल में जल चढ़ाने से कष्ट में कमी तथा उन्नति होगी।