गोचर ग्रह पर आधारित समग्र वार्षिक भविष्यफल 2018
मेष राशि- चु, चे, चो, ल, ली, लू, ले, लो, अ
परिवार
इस वर्ष पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। मंगल के सप्तम भाव में मंगल शुक्र की राशि तुला में स्थित है। अत: पारिवारिक जीवन में बाधाओं का संकेत है। परंतु यह स्थिति ज्यादा समय तक नहीं रहेगी। गुरु के सप्तम भाव में होने से सभी समस्या समाप्त हो जाएगी अत: परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।
रिश्तों में विश्वास तथा मेलजोल बनाए रखें अन्यथा रिश्तों में दरार आ सकती है। क्रोध तथा अविश्वास के कारण पारिवारिक जीवन में मनमुटाव हो सकता है अत: गुस्से से बचें। अविश्वास की भावना न आने दें। पिता के साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। सावधान रहें और वाद-विवाद से यथासंभव बचें। संतान पक्ष को लेकर चिंता बनी रहेगी।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष सामान्यत: ठीक रहेगा। पेट संबंधी कुछ समस्या हो सकती है। जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है। यौन समस्या, शरीर के निचले हिस्सों में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। मौसम परिवर्तन होने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्या आ सकती है। वर्ष मध्य बाद से आपको स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सावधानी रहने की आवश्यकता है।
धन-संपत्ति
आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। विशेषज्ञ की सलाह लेकर निवेश करें। शेयर बाजार के मामलों में सावधानी रखें। सोच-समझकर खर्च करें। फिजूलखर्ची से बचें। वर्ष मध्य के बाद आय में कमी आ सकती हैं। अनाप-शनाप खर्च से बचें। अशुभ ग्रह की दशा चल रही हो तो अवश्य सावधानी बरतें। अशुभ ग्रह के उपाय कर लाभ ले सकते हैं।
नौकरीपेशा
इस वर्ष दशम (कर्म) तथा एकादश (लाभ) भाव का स्वामी शनि नवम स्थान में बैठा है। यह स्थान भाग्य भाव का है अत: ऐसी ग्रह स्थिति में आपका प्रमोशन हो सकता है। कर्तव्य का पालन निष्ठापूर्वक करें, मंजिल अपने आप मिल जाएगी। अक्टूबर में गुरु का वृश्चिक राशि में प्रवेश होने पर उनकी दृष्टि 12वें पर होने से लाभ होगा।
व्यवसाय
यह वर्ष लाभदायक रहेगा। कोई गलत काम न करें। न ही किसी दूसरे के काम में दखल दें, नहीं तो नुकसान हो सकता है। कोई नया कार्य भी प्रारंभ हो सकता है। आपको जो भी मिलना है अवश्य मिलेगा। हां, अपना प्रयास निरंतर बनाए रखें। सितंबर के बाद व्यापार-व्यवसाय में ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। लोहे से संबंधित व्यवसाय में सावधानी रखें। तेल के व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति भी सतर्कता रखें। आर्थिक मामलों में सावधानी रखकर चलें। जोखिम के कार्य से बचें।
अशुभ स्थिति में यह उपाय करें
आपकी राशि का स्वामी मंगल है अत: आप बजरंगबाण का पाठ करें। हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। सुन्दरकांड का पाठ भी आपके लिए लाभदायक हो सकता है। लाल मुंह के बंदरों को गुड़-चना खिलाएं। हर मंगलवार गुड़-चने का प्रसाद हनुमानजी को चढ़ाएं।