अयोध्या। श्रीराम नगरी अयोध्या की अयोध्या विधानसभा क्षेत्र वह चुनावी क्षेत्र है, जिस पर पूरी दुनिया की निगाह लगी रहती है और जिससे भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी होती है। जिस पर अभी तक प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी, किन्तु जब योगी को गोरखपुर से टिकट मिला तो सभी आशंकाओं पर विराम लग गया। अभी तक भाजपा ने अयोध्या से अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। इसी बीच अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहे स्वयंभू जगतगुरु स्वामी परमहंस ने अयोध्या विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने कि घोषणा कर दी है।
स्वामी परमहंस ने 'वेबदुनिया' से बात करते हुए कहा कि अयोध्या के मतदाता मुझे जानते हैं। जब हमने 2018 में 12 दिनों तक आमरण अनशन किया था बिना अन्न-जल के राम मंदिर के लिए, जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगीजी ने तोड़वाया था। इसके बाद प्रयागराज कुंभ में 19 दिनों का आमरण अनशन राम मंदिर के लिए, इसके बाद जनसंख्या नियंत्रण के लिए आमरण अनशन किया, 27 दिनों तक एक देश एक क़ानून के लिए आमरण अनशन किया, इसके बाद हमने अयोध्या से अंडा, मांस-मदिरा बंद करवाया।
हम जनहित के मुद्दे उठाते रहे हैं, लेकिन जैसे ही हमको पता चला कि अयोध्या से योगी जी लड़ेंगे तो हमें बड़ी ख़ुशी हुई, हमने मिठाई भी बंटवाई थी लेकिन उनको यहां के बजाय गोरखपुर से चुनाव लड़ने पर हम बड़े दुखी हुए कि अयोध्या के अनुसार जनप्रतिनिधि चाहिए। जिसके बाद मैंने निश्चय किया कि यदि भाजपा हमें टिकट देती है तो हम भाजपा से चुनाव लड़ेंगे अयोध्या विधानसभा का चुनाव और यदि नहीं देते हैं तो मै निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा और रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीतूंगा भी, उन्होंने कहा कि हमें भी मोदी व योगी के नाम पर ही वोट मिलेगा क्योंकि हम लगातार राष्ट्र के लिए और राष्ट्रवाद पर चर्चा करते रहे हैं।
आज तक बजरंग दल को लेकर, चाहे विश्व हिंदू परिषद को लेकर या चाहे स्वयं सेवक संघ को लेकर या चाहे भारतीय जनता पार्टी को लेकर यदि कोई भी अनर्गल टिप्पणी करता है तो उसको हमेशा मुंहतोड़ जवाब भी देता रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरा एजेंडा है कि जिस प्रकार से मौलवियों को वेतन मिलता है, उसी प्रकार साधु-संतों को भी 40 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिले, साथ ही मठ-मंदिरों के बिजली-पानी फ्री हो एवं अयोध्यावासियों का भी बिजली-पानी फ्री हो, साथ ही लड़कियों की शिक्षा फ्री हो और उन्हें एक-एक लाख रुपए दिए जाएं।
अपने इसी एजेंडे के साथ अयोध्या के मतदाताओं के पास जाएंगे, साथ ही मोदी व योगी के नाम पर वोट मांगेंगे, क्योंकि हमने हमेशा ही मोदी-योगी का समर्थन किया है। उन्होंने साफतौर पर कहा कि हम धर्माचार्य हैं और जगतगुरु के पद पर हूं, टिकट मांगने नहीं जाएंगे, भाजपा के लोग अगर हमसे संपर्क करते हैं तो ठीक है, अगर हमसे संपर्क नहीं करेंगे तो मैं उनके पास नहीं जाऊंगा टिकट मांगने। पार्टी टिकट नहीं देगी तो मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा और जीतने के बाद हम भाजपा में जाएंगे।
परमहंस ने कहा कि हमें अयोध्या वासी बहुत अधिक मानते हैं और वे जानते हैं कि राम मंदिर के लिए अगर सबसे बड़ा संघर्ष था तो वो मेरा था। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि 12 दिनों तक यहां और 19 दिनों तक कुंभ बिना अन्न-जल के आमरण अनशन पर बैठे रहना ऐसा 500 वर्षों में किसी ने नहीं किया है। इसलिए अयोध्या की जनता हमको वैसे ही बहुत मानती है।
अयोध्या की जनता के बीच हमें जाने की जरूरत नहीं है। यह निश्चित है कि जीतने के बाद अयोध्या वासियों के लिए हमने जो वादा किया, उसे पूरा करते हुए हम अयोध्या में एक तरह से रामराज्य की स्थापना करते हुए भाजपा को समर्थन करेंगे!