कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छठे एवं अंतिम चरण के तहत पूर्वी मिदनापुर और कूचबिहार जिलों में आज सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हुआ। शुरुआती दो घंटे के मतदान में 23 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। पूर्वी मिदनापुर जिले में 24.45 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया जबकि कूचबिहार में 21.59 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ। सुबह नौ बजे तक मतदान का कुल औसत 23.46 प्रतिशत का रहा।
सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक 6,774 मतदान केंद्रों पर होने वाले मतदान में 58 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। अंतिम चरण के चुनाव के लिए 18 महिलाओं समेत कुल 170 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
कड़े सुरक्षा इंतजाम करते हुए चुनाव पैनल ने केंद्रीय बलों की 361 कंपनियां तैनात की हैं, जिन्हें राज्य पुलिस बल के 12,000 जवानों की मदद मिल रही है।
चुनाव वाले दिन लोगों के किसी भी प्रकार के गैरकानूनी जमावड़े को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा और इन आदेशों को सख्ती से लागू करने की घोषणा की गई है। कुल मतदाताओं में से 27.8 लाख महिलाएं हैं और 68 मतदाता तीसरे लिंग वाली श्रेणी में हैं।
आजादी के बाद, यह पहली बार है, जब कूच बिहार जिले में सीमावर्ती बस्तियों के निवासी अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। ऐसा पिछले साल इन बस्तियों के भारतीय क्षेत्र में औपचारिक विलय के बाद संभव हो पा रहा है। इन बस्तियों में 9,776 मतदाता हैं, जिनके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं और जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए हैं।
मध्य मशालदंगा के 103 वर्षीय असगर अली अपने जीवन में पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। वहीं, पूर्वी मिदनापुर में जिला प्रशासन ने नि:शक्त जनों के लिए चुनावों को सुगम बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। मतदाता सूची में 15,500 नि:शक्त जन बताए गए हैं। हर मतदान परिसर में एक व्हीलचेयर, रैंप, ब्रेल संकेत लगाए गए हैं।
दोनों जिलों में अब तक कुल 714 संवेदनशील गांवों और 1,685 संवेदनशील मतदाताओं की पहचान की गई है। करीब 900 बदमाशों की पहचान हुई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
सभी की निगाहें पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम पर टिकी हैं जहां हुए भूमि अधिग्रहण विरोधी हिंसक आंदोलन ने 34 वर्ष से सरकार में रहे वाम मोर्चा को सत्ता से बेदखल करने में अहम भूमिका निभाई।
2011 में पूर्वी मिदनापुर जिले में तृणमूल कांग्रेस 16 सीटों पर विजयी रही थी और इस बार उसने तामलुक से सांसद सुवेंदु अधिकारी को नंदीग्राम में चुनाव मैदान में उतारा है जिनके खिलाफ कांग्रेस-वाम गठबंधन द्वारा समर्थित माकपा के अब्दुल कबीर शेख मैदान में हैं।
राज्य पर्यावरण मंत्री सुदर्शन घोष दस्तीदार इस चुनावी दौड़ के एक अन्य दिग्गज दावेदार हैं। वह अपनी माहिसादल सीट को बचाने के प्रयास में हैं।(भाषा)