माजुली/ जोनाई (असम)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि केवल भाजपा ही असम को घुसपैठ, उग्रवाद और बाढ़ के खतरों से मुक्त कर सकती है। शाह ने कहा कि उन्होंने हाल ही में बोरदुवा में श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली का दौरा किया था, जहां कांग्रेस के शासनकाल में घुसपैठियों द्वारा भूमि का अतिक्रमण किया गया था।
उन्होंने कहा, मैंने अधिकारियों से पूछा था कि मेरा हेलीकॉप्टर कहां उतरेगा और उन्होंने कहा कि उस जगह पर जहां कभी अतिक्रमण करने वाले रहते थे। मैं आश्चर्यचकित था कि वहां (अब) एक भी कब्जा करने वाला नहीं था और यह पिछले पांच वर्षों में राज्य में सर्बानंद सोनोवाल सरकार के शासन में संभव हो पाया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उस पवित्र भूमि को भी नहीं छोड़ा था, जहां नव-वैष्णव संत का जन्म हुआ था लेकिन भाजपा उनके संदेश को देशभर में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने 'नामघरों' के ढांचागत विकास के लिए अनुदान देकर राज्य के धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है, जो 50 साल से अधिक पुराने हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रसिद्ध काजीरंगा जंगलों में कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने अतिक्रमणकारियों और शिकारियों दोनों को संरक्षण दिया था लेकिन भाजपा सरकार ने सुनिश्चित किया कि अतिक्रमण करने वाले हटाए जाएं और असम के गौरव गैंडों का अवैध शिकार रोका जाए।
उन्होंने कहा, क्या वह सरकार घुसपैठ रोक सकती है, जहां अजमल हों। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में भाजपा ही है, जो ऐसा कर सकती है। शाह ने यह भी आरोप लगाया कि पांच वर्ष पहले जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब आंदोलन, हिंसा, बम विस्फोट, लोगों की मौत होना और कर्फ्यू लगना आम बात थी। शाह ने कहा, आतंकवाद का नंगा नाच चारों ओर चल रहा था।
उन्होंने कहा, 2016 में, मैं आपके पास पार्टी अध्यक्ष के रूप में आया था और यह वादा किया था कि यदि भाजपा राज्य में सरकार बनाती है तो हम इसे 'आतंकवाद' (उग्रवाद), 'घुसपैठ', 'आंदोलन' और कर्फ्यू मुक्त बनाएंगे। शाह ने कहा, आज मैं आपको यह बताने आया हूं कि सोनोवाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने ऐसा किया है और राज्य को विकास के पथ पर ले गई है।
उन्होंने दावा किया कि 15 साल के कांग्रेस के शासन के दौरान, राज्य में अलग-अलग उग्रवादी संगठन थे। हालांकि भाजपा के पिछले पांच वर्षों के दौरान दो हजार से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है और बोडो समझौते पर एनडीएफबी के अलग-अलग गुटों के साथ हस्ताक्षर किए गए, जिससे बोडोलैंड प्रांतीय क्षेत्र (बीटीआर) में स्थाई शांति आई है।
उन्होंने कांग्रेस पर 'फूट डालो और राज करो' की नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा की नीति सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने असमिया लोगों और बंगाली लोगों के बीच, मैदानी इलाकों और पहाड़ी इलाकों के बीच, ऊपरी असम और निचले असम के बीच दरार डाली, जबकि भाजपा सभी छोटे समुदायों को साथ लेकर आई और विकास के जरिए उन्हें जोड़ा।
शाह ने कहा, इस चुनाव में लोगों को यह तय करना है कि वे शांति और विकास चाहते हैं या नहीं। यह चुनाव विधायकों या एक मुख्यमंत्री को चुनने के लिए नहीं है बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विकास जारी रहे और असम का गौरव और वैभव और बढ़े।
माजुली का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद वह सोनोवाल सरकार थी, जिसने इसे जिला घोषित किया और पहली बार वहां कैबिनेट की बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने 18 फरवरी को नदी द्वीप के लिए कई परियोजनाओं और योजनाओं की घोषणा की थी, जिसमें जोरहाट और माजुली को जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र पर 700 करोड़ रुपए की लागत से पुल का निर्माण भी शामिल है।
शाह ने कहा, इससे पहले माजुली नदी-मार्ग से ही पहुंचा जा सकता था, लेकिन हाल ही में सोनोवाल ने यहां एक हेलीपोर्ट का उद्घाटन किया और अब यहां हवाई मार्ग और जलमार्ग से भी पहुंचा जा सकता है, जबकि कुछ वर्षों में यहां सड़क मार्ग से भी पहुंचना संभव होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने बाढ़ के पानी को संग्रहित करने के लिए जलाशय बनाने और उपग्रह मानचित्रण के माध्यम से असम को बाढ़-मुक्त बनाने के लिए एक परियोजना शुरू की है। शाह ने कहा कि अगले पांच साल के भीतर राज्य को बाढ़ मुक्त बना दिया जाएगा।
उन्होंने माजुली के लोगों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि सोनोवाल रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीतें। शाह एकदिवसीय दौरे पर हैं, जिस दौरान वह जोनाई, माजुली और उदलगुड़ी में प्रचार अभियान के साथ ही गुवाहाटी में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे।(भाषा)