एशियाई खेलों में जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने रिकॉर्ड 88.88 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। इसके अलावा भारत के लिए एक और खुशखबरी आई जब किशोर जेना ने भी 87.54 के थ्रो से रजत पदक जीता।
शुरुआती थ्रो को नहीं गिने जाने के बाद नीरज चोपड़ा ने 82 मीटर का थ्रो फेंका लेकिन वह खुश नजर नहीं आ रहे थे। इसके बाद अपने चौथे थ्रो में वह बेहद गुस्से में नजर आए और 86 मीटर पर भाला फेंक दिया।
लेकिन इस थ्रो के तुरंत बाद ही किशोर जेना ने नीरज चोपड़ा को चौंका दिया जब उन्होंने 87.54 मीटर पार भाला कुदा दिया। नीरज चोपड़ा ने यह जानते हुए भी कि उनका एशियाई स्वर्ण पदक का बचाव मुश्किल है, किशोर जेना को गले से लगा लिया।
पांचवे प्रयास में नीरज चोपड़ा ने अपने एशियाई स्वर्ण पदक का बचाव कर ही लिया। उन्होंने 88.88 मीटर दूर भाला फेंक दिया। इस पूरी स्पर्धा में बस दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच ही मुकाबला चला। हालांकि तीसरा मेडल जापानी खिलाड़ी के हक में गया।
भारत के ही दो खिलाड़ियों में चलता रहा मुकाबला
ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क मेन स्टेडियम में आयोजित इवेंट स्थल पर तकनीकी समस्याओं के कारण नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो रद्द कर दिया गया था। उसके बाद उन्होंने अपना पहला थ्रो दोबारा फेंका। नीरज चोपड़ा ने अपने चौथे प्रयास के साथ सीजन का सर्वश्रेष्ठ 88.88 मीटर थ्रो करते हुए एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया। भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी ने जकार्ता 2018 में स्वर्ण पदक जीता था और महाद्वीपीय प्रतियोगिता में यह भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी का दूसरा स्वर्ण पदक था।
वहीं, किशोर कुमार जेना ने न केवल हांगझोऊ में अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय पदक जीता, बल्कि उसी दिन वह एक बार नहीं बल्कि दो बार अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी किया। जेना भाला फेंक स्टैंडिंग में कुछ समय के लिए नीरज से आगे थे। किशोर अपने तीसरे थ्रो के साथ (86.77 मीटर) इस साल की शुरुआत में बुडापेस्ट विश्व चैंपियनशिप में अपने पिछले व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ (84.77 मीटर) थ्रो को पार कर लिया। वहीं, अपने चौथे थ्रो में उन्होंने और सुधार करते हुए 87.54 मीटर का थ्रो फेंका। इसके साथ ही उन्होंने एशियन गेम्स 2023 में रजत पदक जीता।
इसके अलावा जापान के रोडरिक जेनकी डीन ने 82.68 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता, जिसे उन्होंने अपने पांचवें थ्रो में हासिल किया।