शारजाह: पाकिस्तान के निचले क्रम के बल्लेबाज नसीम शाह ने एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ अंतिम ओवर में लगातार दो छक्के जड़ने का श्रेय आत्मविश्वास और नेट पर अभ्यास सत्र को दिया।नसीम के लगातार दो छक्कों से पाकिस्तान ने सुपर चार के मुकाबले में अफगानिस्तान को हराकर फाइनल में जगह बनाई।
यह 22 वर्षीय खिलाड़ी टूर्नामेंट में अपनी तेज गेंदबाजी से पहले ही प्रभावित कर चुका है लेकिन बुधवार को उसने बल्ले से भी कमाल दिखाते हुए न सिर्फ पाकिस्तान को एक विकेट की रोमांचक जीत दिलाई बल्कि चिर प्रतिद्वंद्वी भारत को भी टूर्नामेंट से बाहर कर दिया।
नसीम ने मैच के बाद कहा, जब मैं बल्लेबाजी करने गया तो मुझे छक्के मारने का विश्वास था। मैं अभ्यास करता हूं (छक्के मारने का) और मुझे पता था कि वे यॉर्कर फेंकेंगे क्योंकि उन्होंने क्षेत्ररक्षक अंदर खड़े किए हुए थे। मैंने बस कोशिश की और इसे अंजाम दिया।
उन्होंने कहा, हमें विश्वास की जरूरत है कि हम बड़े शॉट खेल सकते हैं, हम नेट पर अभ्यास करते रहते हैं और मैंने अपना बल्ला भी बदल दिया, यह काम कर गया।
नसीम ने कहा, जब आप नौवां विकेट खो देते हैं तो कोई भी आपसे जीतने की उम्मीद नहीं करता लेकिन मुझे विश्वास था कि मैं कर सकता हूं। मैं बड़े शॉट खेलने का बहुत अभ्यास करता हूं। यह मेरे लिए एक यादगार मैच रहा। हर कोई भूल गया कि मैं एक गेंदबाज हूं।
नसीम जब क्रीज पर उतरे तब पाकिस्तान को 10 गेंद में 20 रन चाहिए थे और दो विकेट बचे थे। इस 10वें नंबर के बल्लेबाज ने इससे पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय में सिर्फ एक गेंद खेली थी। जब आसिफ अली 19वें ओवर की पांचवीं गेंद पर आउट हुए तो टीम मुश्किल में घिर गई।पाकिस्तान को अंतिम ओवर में 11 रन चाहिए थे और नसीम ने लगातार दो छक्के जड़कर टीम को जीत दिला दी।
बाबर आजम ने कहा मियांदाद की दिला दी याद
पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने कहा कि उन्हें महान बल्लेबाज जावेद मियांदाद की याद आ गई जिन्होंने 1986 में शारजाह में भारत के खिलाफ चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी। मियांदाद ने जब यह कारनामा करके पाकिस्तान को आस्ट्रेल-एशिया कप का खिताब दिलाने में मदद की थी तब आजम का जन्म भी नहीं हुआ था।
आजम ने कहा, मैं ड्रेसिंग रूम में था (आखिरी ओवर के दौरान)। लेकिन मेरे दिमाग में चल रहा था कि यह क्रिकेट है और मैंने नसीम को इस तरह बल्लेबाजी करते देखा है इसलिए मुझे थोड़ा विश्वास था।उन्होंने कहा, इसने मुझे जावेद मियांदाद के शारजाह में छक्के की याद दिला दी।
पाकिस्तान के कप्तान ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो ड्रेसिंग रूम में काफी तनावपूर्ण माहौल था। हम पिछले कुछ मैचों की तरह साझेदारियां नहीं बना सके लेकिन जिस तरह से नसीम ने इसे खत्म किया, आप उसके बाद माहौल देख सकते थे।पाकिस्तान रविवार को खिताबी मुकाबले में श्रीलंका से भिड़ेगा।
पहले ही टी-20 में निकाला विकेट, लंगड़ाते हुए किया था कोटा पूरा
नसीम शाह के लड़ने की ताकत का अंदाजा इस ही बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने टी-20 करियर और एशिया कप के पहले मैच में लंगड़ाते हुए अपना चौथा ओवर पूरा किया था।
नसीम शाह ने अपने टी-20 डेब्यू के पहले ही ओवर में केएल राहुल को बोल्ड कर भारतीय दर्शकों को निराशा में डाल दिया था। यह निराशा बड़े दुख में बदल जाती अगर फकर जमान विराट कोहली का कैच 0 पर ले लेते तो।
हालांकि अपने दूसरे स्पैल में नासिर शाह ने सूर्यकुमार यादव को बोल्ड किया था। अंतिम ओवर में उनको पैर में खिंचाव आ गया इसके कारण वह सहज नहीं लग रहे थे। उन्होंने जैसे तैसे यह ओवर पूरा किया था।
वह इतने चोटिल थे कि रविंद्र जड़ेजा की पगबाधा अपील भी ढंग से नहीं कर पाए थे।अंपायर ने उंगली उठाई लेकिन रिव्यू ने जड़ेजा को बचा लिया था। अंत में उन्होंने नासिर शाह की गेंद पर छक्का खाया था।