Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Kisaan Aandolan Live updates : किसान सड़क छोड़ें, अगले दिन ही सरकार बातचीत को तैयार-अमित शाह

हमें फॉलो करें Kisaan Aandolan Live updates :  किसान सड़क छोड़ें, अगले दिन ही सरकार बातचीत को तैयार-अमित शाह
, शनिवार, 28 नवंबर 2020 (19:40 IST)
नई दिल्ली। कृषि कानूनों (New Agriculture Law 2020) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिल गई है। किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है, लेकिन लेकिन वे बुराड़ी के निरंकारी मैदान में जाने से इनकार कर रहे हैं। कुछ किसानों का कहना है कि वे हरियाणा में फंसे किसानों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कई किसानों का कहना है कि वे या तो रामलीला मैदान जाना चाहते हैं या प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर जाना चाहते हैं। सिंघू बॉर्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से पर शुक्रवार शाम में किसानों ने बड़ी रसोई तैयार की और एक दिन के लंबे थका देने वाले प्रदर्शन के बाद भोजन तैयार किया। आंदोलन से जुड़ा पल-पल का अपडेट-


07:36 PM, 28th Nov
webdunia

-अमित शाह की अपील- सर्दी में आंदोलन न करें। सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।
- कहा- सड़क छोड़कर तय किए गए स्थान पर जाएं किसान।  

02:53 PM, 28th Nov
भाकियू नेता राकेश टिकैत का ऐलान- फेल हो गई सरकार, हम आ रहे दिल्ली
केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में और अन्‍य मांगों को लेकर शनिवार की सुबह मोदीपुरम के टोल प्‍लाजा से दिल्‍ली के लिए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के नेतृत्‍व में रवाना हुआ किसानों का काफिला दोपहर में करीब 1 बजे परतापुर को पार कर गया। इसके मद्देनजर मेरठ यातायात पुलिस ने परतापुर में अन्‍य वाहनों को रोके रखा, जिससे कुछ समय के लिए वहां पर जाम के हालात बन गए।

इससे पहले सिवाया टोल प्लाजा पर स्थानीय मीडिया से बातचीत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अन्नदाता के साथ लगातार अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा, देशभर में फसलों का एक ही दाम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि कानून का भाकियू ने पहले ही विरोध किया है।

टिकैत के दिल्ली कूच के एलान के बाद किसान जो कि एक दर्जन से अधिक टैक्ट्रर-ट्रालियों में सवार थे दिल्ली के लिए कूच कर गए। किसानों का कहना है कि वे दिल्ली जाएंगे और सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि यह विचारों की लड़ाई है, जब एक-दूसरे के विचार एक से होंगे लड़ाई खुद खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा ‍कि जब तक किसानों की समस्या का समाधान नहीं होगा, भाकियू कार्यकर्ता व किसान सड़क पर ऐसे ही आंदोलन करते रहेंगे। टिकैत ने कहा कि 7 साल से वह सरकार को ढूंढ रहे हैं परंतु अब तक नहीं मिली, इस बार उन्हें सरकार के मिलने की उम्मीद है।

02:32 PM, 28th Nov
दिल्ली जाने पर अड़े हजारों किसान गत 24 घंटे से सिंघू बॉर्डर पर जमे हुए जिसकी वजह से करीब 7 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। वहीं, सीमा पर जमे किसान दोपहर में बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे। हरियाणा व दिल्ली पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक रखा है। हालांकि सरकार ने दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दे दी है, लेकिन किसान वहां जाने को तैयार नहीं है और बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसानों के धरने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 पर से सिंघु राई बीसवां मील चौंक से बॉर्डर तक लगभग 7 किलोमीटर लंबा भीषण जाम लगा है। इसकी वजह से पानीपत से आने वाले वाहन जाम में फंसे हैं। जाम के मद्देनजर पुलिस पानीपत की ओर से आने वाले वाहनों को सोनीपत और खेवड़ा की ओर डायवर्ट कर रही है। इसके अलावा पुलिस ने बीसवांमील चौक पर नाका लगाकर वाहनों को बार्डर की ओर जाने से रोक दिया है। ट्रकों की लगी कतारों की वजह से बीसवां मील चौंक से लेकर सिंघू बॉर्डर तक जाम लग गया है। जाम की वजह से फल-सब्जियों और खाद्यान्न से भरे ट्रक भी जीटी रोड पर ही फंसे हैं। जाम की वजह से दैनिक यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वे पैदल ही जाने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं, सड़क पर ही हुक्का और अन्य साजो सामान के साथ बैठे किसान आगे की रणनीति बना रहे हैं। किसानों ने सुबह 11 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने मांग की है कि सरकार के प्रतिनिधि सिंघू बॉर्डर आकर उनकी बातें सुने और उनकी मांगे पूरी करें।

12:18 PM, 28th Nov
webdunia
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक की। इसमें उन्होंने प्रदर्शन के लिए उत्तर दिल्ली में स्थान निर्धारित करने के बावजूद सीमा पर ही विरोध-प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया। टिकरी बॉर्डर पर मौजूद किसानों का भी प्रदर्शन जारी है। हालांकि बुराड़ी के निरंकारी मैदान पर जाने को लेकर उन्होंने जल्द फैसला करने की बात कही।

10:37 AM, 28th Nov
कई किसान यूनियन बुराड़ी जाने के पक्ष में
पंजाब के किसान नेता आज बैठक कर आगे के कदमों के बारे में चर्चा करेंगे। हालांकि ये किसान नेता केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं। भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल ने फोन पर बताया कि कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है। पाल ने कहा कि बुराड़ी के मैदान में पंजाब, हरियाणा और अन्य स्थानों से आए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी भर सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों को मैदान में प्रदर्शन की अनुमति दे दी।

08:54 AM, 28th Nov
कृषि कानूनों के विरोध में टिकरी बॉर्डर पर जमा प्रदर्शनकारी किसान। बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है। कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर प्रदर्शन कर रहे हैं किसान।

07:37 AM, 28th Nov
दिल्ली सरकार ने की भोजन की व्यवस्था : दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का स्वागत ‘अतिथि’ के तौर पर करते हुए उनके खाने, पीने और आश्रय का बंदोबस्त किया। किसानों के कुछ प्रतिनिधियों ने बुरारी में अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ निरंकारी समागम ग्राउंड का मुआयन किया। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर संबंधित स्थल पर पेयजल की व्यवस्था की है। राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने उत्तरी दिल्ली और मध्य दिल्ली के जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसानों के आश्रय, पेयजल, मोबाइल टॉयलेट के साथ ही ठंड के महीने और महामारी को देखते हुए उपयुक्त व्यवस्था करें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वैक्सीन लेने के बाद अस्पताल जाने की जरूरत नहीं, बस मंजूरी का इंतजार-पूनावाला