अजय बर्वे
वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के प्रदर्शन के ग्राफ में काफी गिरावट आई है। एशेज में इंग्लैंड से हारने के अलावा भी कई बड़ी सिरीज हार चुकी ऑस्ट्रेलिया एक समय में विश्व की नंबर एक टीम थी और उसने अपना यह रुतबा लंबे समय तक कायम भी रखा। 2006 में खिताब जीतने के अलावा चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया टीम का प्रदर्शन कुछ विशेष नहीं रहा है।
चार बार की विश्वकप विजेता यह टीम चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के लिए हर बार जुझती नजर आई। आखिरकार उसे 2006 में सफलता मिली और उन्होने इस ट्रॉफी पर कब्जा किया। नजर डालते हैं चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के सफर पर।
1998: बांग्लादेश में हुए नॉक आउट टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया अपने पहले मैच में ही हार गया और टूर्नामेंट से बाहर हो गया। भारत के साथ हुए पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को हार का सामना करना पड़ा। भारत ने पहले बल्लेबाजी की और 308 रन बनाए लेकिन ऑस्ट्रेलिया इस लक्ष्य को पाने में नाकाम रहा और 44 रनों से हार गया।
2000: एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ने चैंपियंस ट्रॉफी में निराश किया। क्वार्टर फाइनल में इस बार फिर उनका सामना भारत से था और वही हश्र हुआ जो पिछली चैंपियंस ट्रॉफी में बांग्लादेश में हुआ था। इस बार फर्क बस इतना था की ऑस्ट्रेलिया की यह हार कम रनों से हुई।
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 265 रन बनाए लेकिन भारतीय टीम के गेंदबाजों ने इस लक्ष्य को भी असंभव बना दिया और ऑस्ट्रेलिया को 20 रनों से हार का सामना करना पड़ा। क्वार्टर फाइनल के इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को भारत के हाथों मिली हार ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया।
2002: श्रीलंका में हुए इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया इस बार सेमीफाइनल तक पहुँचा, लेकिन इस बार श्रीलंका ने उसे हराकर बाहर कर दिया। राउंड राबिन फॉर्मेट में हुए इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया ने ग्रुप मुकाबलों में न्यूजीलैंड को 164 रनों से हराया। इस मैच में ग्लेन मैग्राथ ने 5 विकेट हासिल किए थे। वहीं अपने दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने बांग्लादेश को भी 9 विकेट से हराया। सेमीफाइनल मुकाबले में श्रीलंका के फिरकी गेंदबाजों के सामने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए और इस अहम मुकाबले में श्रीलंका ने 7 विकेट से जीत दर्ज की। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया का चैंपियंस ट्रॉफी जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया।
2004: ऑस्ट्रेलिया की टीम लगातार इस टूर्नामेंट में मिल रही असफलता से सीखकर इस बार दोगुने जोश से उतरी। शुरुआती मैचों में यूएसए को 9 विकेट से और न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। लेकिन टूर्नामेंट की मेजबान टीम इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया की जीत के इस सफर को विराम दे दिया। टूर्नामेंट के पहले सेमीफाइनल में अपने चीर-प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड से भिड़ रही ऑस्ट्रेलिया की टीम का इस बार भी तकदीर ने साथ नहीं दिया।
सेमीफाइनल मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 259 रन बनाए। इंग्लैंड के खिलाड़ियों की अच्छी बल्लेबाजी की बदौलत उन्होंने यह लक्ष्य 4 विकेट खोकर मात्र 46.3 ओवर में ही प्राप्त कर लिया। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को एक बार फिर सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
2006: चैंपियंस ट्रॉफी 2006 में आखिरकार ऑस्ट्रेलिया का सपना पूरा हो ही गया। विश्व की सर्वश्रेष्ठ टीम इस बार चैंपियंस ट्रॉफी में भी सर्वश्रेष्ठ रही। अपनी लय को कायम रखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने चैंपियंस ट्रॉंफी में शानदार प्रदर्शन किया और ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
चैंपियंस ट्रॉफी में लगातार बाहर होने के सिलसिले को तोड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 6 विकेट से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। उसके बाद सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 34 रनों से हराया। टूर्नामेंट के फाइनल में उसका मुकाबला वेस्टइंडीज की टीम से हुआ और ऑस्ट्रेलिया ने उसे हराकर खिताब अपने नाम किया।।
फाइनल में पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम मात्र 138 रन बना सकी। बारिश की वजह से इस मैच का निर्णय डकवर्थ-लुईस पद्धति से हुआ और ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से विजेता घोषित किया गया।